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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

न्याय व शांति द्वारा आर्थिक अंतर्विरोधों को दूर करना होगा, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने विभिन्न राष्ट्रीय धर्माध्यक्षों के सम्मेलनों के न्याय और शांति आयोगों की एक ऑनलाइन बैठक में भाग लेने वालों से समाज को कोविड -19 महामारी द्वारा प्रकट आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियों में अंतर्विरोधों को ठीक करने में मदद करने का आग्रह किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 17 नवम्बर 2021(वाटिकन न्यूज) : समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने हेतु बने परमधर्मपीठीय विभाग ने राष्ट्रीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के न्याय और शांति आयोगों के लिए दो दिवसीय ऑनलाइन सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। 17-18 नवंबर तक चलने वाला यह आयोजन कोविद महामारी के बाद की दुनिया में मानवता के सामने आने वाली चुनौतियों और संभावनाओं पर केंद्रित है।

संत पापा फ्राँसिस ने देशों में मानव विकास को बढ़ावा देने के अपने मिशन में प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने के संदेश के साथ सम्मेलन की शुरुआत की।

समग्र विकास और शांति

संत पापा ने याद किया कि सन् 1967 में संत पापा पॉल सष्टम ने न्याय और शांति के लिए परमधर्मपीठीय आयोग की स्थापना की और इसे "शांति के नए नाम" के रूप में समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने का मिशन सौंपा।

कई राष्ट्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों ने राष्ट्रीय स्तर पर काम करने के लिए स्थानीय न्याय और शांति आयोगों की स्थापना की। 2017 में यह आयोग प्रीफेक्ट, कार्डिनल पीटर तुर्कसन के मार्गदर्शन में समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने वाले विभाग का हिस्सा बन गया।

सामाजिक, पारिस्थितिक न्याय और शांति

संत पापा फ्राँसिस ने कलीसिया के सामाजिक-प्रेरितिक कार्य के लिए स्थानीय आयोगों के कार्य को "अनिवार्य सेवा" के रूप में सराहा।

उन्होंने कहा, "उनका कार्य कलीसिया के सामाजिक सिद्धांत के ज्ञान को फैलाना है। गरीबों और सबसे अधिक परित्यक्त लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प के साथ, मानव व्यक्ति की गरिमा और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए ठोस रूप से काम करना है।" उन्होंने कहा कि इस मिशन को पूरा करने में, आयोग "शांति का बीज बोते हुए सामाजिक, आर्थिक और पारिस्थितिक न्याय" के विकास में योगदान करते हैं।

पर्यावरण और बंधुत्व की देखभाल

संत पापा ने सम्मेलन में भाग लेने वालों को अपने विश्वपत्र लौदातो सी' और फ्रातेल्ली तुत्ती को पढ़ने, उससे प्रेरणा लेने और अपने स्वयं के समाजों में सुसमाचार को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "दुनिया के हर हिस्से में, अभिन्न विकास, न्याय और शांति केवल - हमारे सामान्य घर की देखभाल और बंधुत्व एवं सामाजिक मित्रता - इन दो रास्तों के माध्यम से बनाया जा सकता है।" उन्होंने कहा, ये दो रास्ते, मसीह के सुसमाचार में अपना श्रोत पाते हैं, हालांकि अन्य ख्रीस्तीय सम्प्रदाय और अन्य धर्मों के विश्वासियों के साथ मिलकर इन दोनों मार्गों में आगे बढ़ा जा सकता है।

जटिल अंतर्विरोधों को सुलझाना

संत पापा फ्राँसिस ने स्थानीय आयोग के सदस्यों को "आशा, दृढ़ संकल्प और रचनात्मकता" के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया, विशेष रूप से उस कठिन संदर्भ में जो कोविड -19 महामारी के कारण उत्पन्न हुआ है। संत पापा ने उल्लेख किया कि कैसे महामारी ने कई संघर्षों को बढ़ा दिया है, क्योंकि कई राष्ट्र "पिछली शताब्दी की त्रासदियों" से बचने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हटते हैं।

उन्होंने कहा, "मौजूदा संकट ने आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था के कई अंतर्विरोधों को उजागर किया है, जबकि अनसुलझी चुनौतियां बनी हुई हैं और वर्तमान में कई दलों के संयुक्त समर्पण की आवश्यकता है।"

संत पापा फ्राँसिस ने न्याय और शांति आयोगों के सदस्यों के लिए इन जटिल अंतर्विरोधों का समाधान खोजने के लिए अन्य सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के साथ मिलकर काम करने की अपील के साथ अपने संदेश का समापन किया।

 

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17 November 2021, 16:04