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वलेंटीना अलाज़राकी और फिलिप पुलेला के सम्मान समारोह में संत पापा फ्राँसिस और अन्य पत्रकार एवं अतिथि वलेंटीना अलाज़राकी और फिलिप पुलेला के सम्मान समारोह में संत पापा फ्राँसिस और अन्य पत्रकार एवं अतिथि 

आपका मिशन दुनिया को कम अंधकारमय बनाना है, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को वाटिकन और परमधर्मपीठ पर रिपोर्ट करने वाले दो अनुभवी पत्रकारों को सम्मानित किया: मेक्सिको की वलेंटीना अलाज़राकी और इटली में जन्मे अमेरिकी फिलिप पुलेला, जो रॉयटर्स समाचार एजेंसी के लिए काम करते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 13 नवम्बर 2021(वाटिकन न्यूज ) : संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के कनसिस्ट्री भवन में श्रीमती वेलेंटीना अलाज़राकी और श्री फिलिप पुलेला को परमधर्मपीठीय सम्मान प्रदान किया। इस समारोह में उपस्थित सभी पत्रकारों और अतिथियों का स्वागत करते हुए संत पापा ने कहा कि हमने कई बार प्रेरितिक यात्रा के दौरान हवाई जहाज साक्षात्कार में, विभिन्न समारोहों और विभिन्न नियुक्तियों के दौरान कई बार मुलाकात की है। हम यात्रा के साथी हैं पर आज विशेष रुप से दो विशेषज्ञ पत्रकारों का समारोह मना रहे हैं, "डीन", वलेंटीना अलाज़राकी, जिसने बहुत कम उम्र में 1979 में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय के साथ पुएब्ला की प्रेरितिक यात्रा में थी और  विमान में संत पापा को एक सोम्ब्रेरो दिया था। दूसरे "डीन" है, वाटिकन समाचार के एक अनुभवी और प्रसिद्ध नायक फिलिप पुलेला, जिसने परमाध्यक्षों के साथ बहुत बार यात्रा कर अपने अनुभव, घटनाओं का प्रत्यक्ष रूप से अपने दर्शकों और पाठकों को बताते हुए अनुभव किया है!

संत पापा ने कहा, “वलेंटीना और फिलिप को दिए गए सम्मान के साथ, आज मैं आपके पूरे कामकाजी समुदाय को बधाई देना चाहता हूँ। संत पापा ने पत्रकारिता का पेशा चुनने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उनहोंने कहा, आपका मिशन दुनिया को समझाना है, इसे कम अंधेरा बनाना है और दूसरों को अधिक जागरूकता के साथ और अधिक आत्मविश्वास के साथ देखना है। यह एक कठिन मिशन है। सोचना, मनन करना, विचारों को इकट्ठा करना और समाचारों के संदर्भों और मिसालों का अध्ययन करना जटिल है। आप अच्छी तरह से जानते हैं,आपके मिशन में जोखिम है। मैं आपको उस मिशन की भावना को बनाए रखने और विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ जो आपकी पसंद के मूल में है।

संत पापा ने अच्छी पत्रकारिता की तीन विशेषताओं पर अपने विचार रखे - सुनना, जांच करना और बताना।

सुनना

संत पापा ने कहा कि सुनना एक क्रिया है। एक पत्रकार के लिए सुनने का अर्थ है साक्षात्कार के लिए लोगों से आमने-सामने मिलने का धैर्य रखना, बताई गई कहानियों के नायकों से समाचार प्राप्त करना है। पत्रकार परिस्थिति को देखता और लोगों की बातों को सुनता है। कुछ बारीकियों, संवेदनाओं, चौतरफा विवरण पाठकों, श्रोताओं और दर्शकों को तभी प्रेषित किया जा सकता है जब पत्रकार ने व्यक्तिगत रूप से सुना और देखा हो। संत पापा ने कहा कि वे जानते हैं कि यह काम कितना मुश्किल है! संत पापा ने सोशल मीडिया, वेब पर हमेशा ऑनलाइन रहने की प्रलोभन से बचने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि अच्छी पत्रकारिता के लिए सुनने और देखने के लिए समय चाहिए। सब कुछ ईमेल, फोन या स्क्रीन के माध्यम से नहीं बताया जा सकता है। संत पापा ने इस वर्ष के संचार दिवस के संदेश को याद करते हुए कहा, “हमें ऐसे पत्रकारों की आवश्यकता है जो समाचार कक्ष छोड़ने के लिए, शहरों में घूमने के लिए, लोगों से मिलने के लिए, जहाँ हम रहते हैं, उन स्थितियों को सत्यापित करने के लिए "अपने जूते पहने", सदा तैयार रहते हैं।”

जांच करना

संत पापा ने कहा कि किसी बात की जांच हम  देखने और सुनने के बाद ही कर सकते है। प्रत्येक समाचार, प्रत्येक तथ्य जिसके बारे में हम बात करते हैं, प्रत्येक वास्तविकता जिसका हम वर्णन करते हैं, उसपर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। ऐसे समय में जब लाखों सूचनाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं और बहुत से लोग सोशल मीडिया पर जानकारी प्राप्त कर रहे हैं और अपनी राय बना रहे हैं, जहां दुर्भाग्य से सरलीकरण और विपरीतता का तर्क कभी-कभी प्रबल होता है, सबसे महत्वपूर्ण योगदान जो अच्छी पत्रकारिता कर सकता है वह है 'गहन अध्ययन’। वास्तव में, आप उन लोगों के लिए और क्या दे सकते हैं जो आपको वेब पर ढूंढ़ते हैं? आप उन व्याख्याओं के संदर्भ, मिसालें पेश कर सकते हैं जो उस तथ्य को स्थापित करने में मदद करती हैं जो हुआ था। आप अच्छी तरह जानते हैं कि परमधर्मपीठ के बारे में, कही गई हर बात हमेशा "नई" या "क्रांतिकारी" नहीं होती है। मैंने लोकप्रिय आंदोलनों के अपने हालिया भाषण में इसका दस्तावेजीकरण करने की कोशिश की, जब मैंने कलीसिया के सामाजिक सिद्धांत के संदर्भों का संकेत दिया, जिस पर मेरी अपीलें आधारित थीं। सुसमाचार के प्रकाश में परंपरा और मजिस्टेरियम उस समय की नई मांगों का सामना करते हुए और विकसित होते रहते हैं जिसमें हम रहते हैं।

बताना

संत पापा ने कहा कि तीसरी क्रिया है, बताना। संत पापा मानना है कि इसे पत्रकारों को समझाने की जरुरत नहीं है क्योंकि वे वास्तविकता जानने के लिए उत्सुक हैं और इसे बताने के लिए भावुक हैं। कहने का अर्थ है स्वयं को अग्रभूमि में न रखना, न ही न्यायाधीशों के रूप में खड़ा होना, लेकिन अपने पाठकों को विनम्रतापूर्वक उन्हें सुनाने में सक्षम होने के लिए अपने आप को प्रभावित होने दें और कभी-कभी हमारे सामने आने वाली कहानियों से खुद को आहत होने दें। लोगों का जीवन और गवाही वही है जो बताने लायक है। आज हमें ऐसे पत्रकारों और संचारकों की जरूरत है जो हमारे समाज की तहों में छिपे खजाने को खोजने में सक्षम हैं और उन्हें बताने के लिए, हमें प्रभावित करने, सीखने, अपने दिमाग को व्यापक बनाने, पहलुओं को समझने की अनुमति देते हैं। विभिन्न संस्कृतियों या धार्मिक जुड़ावों से संबंधित दृष्टिकोणों, शैलियों, दृष्टिकोणों की विविधता भी जानकारी का खजाना है। संत पापा ने कहा कि पत्रकार कलीसिया में हो रही दुर्व्यवहार की घटनाओं व गलत कार्यों को कालीन के नीचे नहीं छिपाने में कलीसिया की मदद करते हैं और दुर्व्यवहार के शिकार लोगों की आवाज को कलसिया के सामने रखते हैं। उनके इस साहसपूर्ण कार्य के लिए संत पापा ने उनके प्रति आभार व्यक्त किया।

संत पापा ने उन्हें याद दिलाया कि कलीसिया कोई राजनीतिक संगठन, संसद या मार्केटिंग रणनीतियों पर आधारित एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी नहीं है। कलीसिया पुरुषों और महिलाओं से बना है जो पापी हैं, कलीसिया इस सांसारिक प्रलोभन में पड़ जाता है। इसके बजाय, कलीसिया येसु के प्रकाश को प्रतिबिंबित करने के लिए अस्तित्व में है, जो सभी को दी गई दया के आलिंगन में खुद को एक वाहन बना रही है।

 

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13 November 2021, 14:31