खोज

पेरिस में युद्धविराम दिवस समारोह पेरिस में युद्धविराम दिवस समारोह 

पोप ने महामारी से उभरने के लिए 'जिम्मेदारपूर्ण आशा' का आह्वान किया

संत पापा फ्रांसिस ने पेरिस शांति मंच के 4थे संस्करण को एक संदेश भेजा तथा 'जिम्मेदारपूर्ण आशा' का आह्वान किया ताकि विश्व को बेहतर किया जा सके तथा महामारी से बाहर निकला जा सके।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पेरिस शांति मंच 2021 को प्रेषित संदेश जो 11 से 13 नवम्बर तक जारी है उसमें संत पापा फ्राँसिस ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न विश्व पर प्रकाश डाला और लिखा है कि इस ऐतिहासिक चरण में मानव परिवार को एक विकल्प के साथ इसका सामना करना पड़ रहा है।

सामान्य की ओर वापसी?

उन्होंने लिखा है, "पहली संभावना है तथाकथित सामान्य की ओर वापसी।" उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है पुराने सामाजिक ढांचे में लौटना जो आत्मनिर्भरता, राष्ट्रवाद, रक्षावाद, व्यक्तिवाद और एकाकीवाद तथा हमारी गरीब भाई-बहनों के बहिष्कार से प्रेरित है।"

संत पापा फ्राँसिस इस बात पर जोर देते हैं कि "इस वैश्वीकृत लेकिन खंडित दुनिया में, संकट से बाहर निकलने के लिए आज हम जो निर्णय लेते हैं, वे आनेवाली पीढ़ियों के लिए 'पाठ्यक्रम' निर्धारित करते हैं।"

एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए, संत पापा ने टिप्पणी की, "हमें एक नए रास्ते की आवश्यकता है; हमें पहले से बेहतर बाहर आने के लिए मिलकर काम करना है।"

पूर्ण निरस्त्रीकरण के लिए प्रतिबद्धता

संत पापा ने जोर दिया कि पहला और सबसे आवश्यक मुद्दा है कि "एकीकृत निरस्त्रीकरण के लिए ठोस सामूहिक प्रतिबद्धता के बिना कोई शांति पैदा करनेवाला सहयोग नहीं हो सकता है।"

उन्होंने गौर किया कि "शासक वर्ग और सरकारें शस्त्रों के संतुलन पर आधारित निरोध के एक दुरूपयोग विचार का हवाला देकर इस पुन: शस्त्रीकरण को उचित ठहराती हैं।"

लेकिन उन्होंने आगे कहा कि "निवारक का विचार, वास्तव में, कई मामलों में गलत साबित हुआ है, जिससे बड़ी मानवीय त्रासदी हुई है।"

परिवर्तन का अवसर

संत पापा ने लिखा है कि महामारी ने हमारी कमजोरियों एवं समाज की सीमाओं एवं जीवनशैली को उजागर किया है और इन सच्चाइयों के बीच हमें आशा की जरूरत है।  

संत पापा फ्राँसिस ने आशा व्यक्त की है कि ख्रीस्तीय परम्परा, खासकर, कलीसिया के धर्मसिद्धांत, साथ ही अन्य धार्मिक परंपराएँ, इस विश्वसनीय आशा को प्रदान करने में मदद कर सकती हैं कि अन्याय और हिंसा अपरिहार्य नहीं है, ये हमारे लिए अंतिम लक्ष्य नहीं हैं।"

महामारी जिसने विश्व को झकझोर दिया है पोप ने कहा कि हमारा अंतःकरण हमें आशा के रास्ते पर चलने का निमंत्रण देता है जो अन्याय से चिन्हित सामान्य की ओर लौटने के लिए नहीं है बल्कि चुनौतियों को स्वीकार करना है एवं संकट को बदलाव के एक ठोस अवसर के रूप में लेना है ताकि हम अपने जीवन के रास्ते, हमारे सामाजिक एवं आर्थिक प्रणाली पर चिंतन कर सकें।

जिम्मेदारपूर्ण आशा

संत पापा ने लिखा कि यह "जिम्मेदारपूर्ण आशा, हमें आसान समाधानों के प्रलोभन को अस्वीकार करने की अनुमति देता और हमें सामान्य अच्छाई के मार्ग पर आगे बढ़ने, गरीबों की देखभाल और हमारे सामान्य घर पर आगे बढ़ने का साहस देता है।"

संत पापा ने कहा कि आइये हम इस अवसर को हमारे विश्व को बेहतर बनाने हेतु व्यर्थ न जाने दें। "इस दृढ़ विश्वास से प्रेरित होकर "ऐसे आर्थिक मॉडल तैयार करना, साथ ही साथ मानव परिवार के अभिन्न विकास को बढ़ावा देनेवाली भविष्योन्मुखी नीतियां भी संभव है जो प्रकृति के उपहारों को संरक्षित करते हुए सभी की जरूरतों को पूरा करते हैं।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

11 November 2021, 17:39