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अपगानिस्तान की बच्चियाँ कपास जमा करतीे हुईं अपगानिस्तान की बच्चियाँ कपास जमा करतीे हुईं 

बाल मजदूरी दूर करने हेतु अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता की अपील

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक को प्रेषित एक संदेश में संत पापा फ्रांसिस ने बाल मजदूरी की गंभीर समस्या के समाधान हेतु एक संयुक्त अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता की अपील की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 2 नवम्बर 2021 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस ने अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय अधिकारियों का आह्वान किया है कि वे दुर्बल बच्चों की रक्षा करें जिनमें से कई बच्चे बाल मजदूरी के गुलाम एवं प्रतिष्ठित तथा सामंजस्यपूर्ण जीवन से वंचित हैं।

वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन दवारा संत पापा की ओर से हस्ताक्षरित पत्र में, रोम स्थित यूएन खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक को सम्बोधित किया गया है। 2 और 3 नवम्बर को, "कृषि में बाल मजदूरी समाप्त करने हेतु एक साथ कार्रवाई" शीर्षक पर वैश्विक समाधान मंच का आयोजन किया गया है।  

हाल के अनुमानों की निंदा करते हुए, जो बाल श्रम में वृद्धि की ओर इशारा करते हैं, संत पापा ने इस घटना को "एक ऐसा अभिशाप कहा जो सबसे कम उम्र के सम्मानजनक अस्तित्व और सामंजस्यपूर्ण विकास को गंभीर रूप से घायल करती है, भविष्य के लिए उनके अवसरों को काफी सीमित करती है।"

महामारी का प्रभाव

काम के लिए बच्चों के शोषणा पर गौर करते हुए जो वयस्कों की उत्पादक और आकर्षक जरूरतों को पूरा करने हेतु उनके जीवन को कम करता एवं नुकसान पहुँचाता है, उन्होंने कहा कि इस नाटक को महामारी ने और तेज कर दिया है, जिसने नाबालिगों की बढ़ती संख्या को स्कूल छोड़ने और "गुलामी के चंगुल में पड़ने" के लिए मजबूर किया है।  

उन्होंने कहा कि अनेक बच्चों के लिए स्कूल नहीं जाने का अर्थ न केवल अवसरों को खोना है बल्कि उन्हें वयस्कता की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएगा, जो उन्हें उनके स्वास्थ्य के अधिकार से वंचित करेगा और जिनमें से कई बीमार पड़ जाएंगे "दुखद परिस्थितियों के कारण उन्हें उन कार्यों को पूरा करना पड़ता है जिनकी उनसे मांग की जाती है।"

संत पापा ने कृषि विभाग पर भी प्रकाश डाला। इसपर उन्होंने कहा कि आपातकाल और भी अधिक है, खतरे की घंटी के साथ हजारों बालक और बालिकाएँ, थकाऊ, अनिश्चित और अपमानजनक परिस्थितियों में, दुर्व्यवहार और भेदभाव झेलते हुए अथक रूप से काम करने के लिए मजबूर हैं।

स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि निराश होकर खुद माता-पिता परिवार का संचालन करने के लिए बच्चों को काम पर भेज रहे हैं।

मानवता उत्तम निवेश

संत पापा ने कहा, "इस सभा से मांग की एक शक्तिशाली आवाज गूँजे कि सक्षम अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय अधिकारी बच्चों की शांति एवं खुशी की रक्षा कर सकें।"

उन्होंने कहा कि उत्तम मानवीय निवेश बच्चों की सुरक्षा में किया जा सकता है। बच्चों की रक्षा का अर्थ है उनके विकास और वृद्धि के विभिन्न आयामों को सम्मान देना एवं उन्हें उपयुक्त परिस्थितियों से लाभ उठाने देना जिसमें वे खिल सकें।

उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए छोटे किसानों के परिवारों की मदद करने हेतु निर्णायक कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि वे अपने बच्चों को आय बढ़ाने के लिए काम पर भेजने हेतु मजबूर न हों, जो अपने परिवारों का समर्थन करने में असमर्थ हैं।

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02 November 2021, 16:53