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लेस्बोस में संत पापा सन् 2016 में लेस्बोस में संत पापा सन् 2016 में 

संत पापा की आगामी प्रेरितिक यात्रा साइप्रस और यूनान

संत पापा फ्रांसिस की अगली प्रेरितिक यात्रा दिसम्बर के महीने में, साइप्रस और यूनान की।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 5 नवम्बर 2021 (रेई) वाटिकन प्रेस प्रवक्ता मत्तेयो ब्रुनी ने आधिकारिक रुप में इस बात की घोषणा की कि संत पापा फ्रांसिस अगले महीने 02 दिसम्बर से 04 दिसम्बर तक साइप्रस की प्रेरितिक यात्रा करेंगे, जिसके तहत वे निकोसिया शहर का दौरा करेंगे, वहीं 04 से 06 दिसंबर तक वे यूनान के एथेंस और लेस्बोस द्वीप भी जायेंगे।

संत पापा फ्रांसिस की यह प्रेरितिक यात्रा का प्रारूप नागर अधिकारियों और धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के निमंत्रण के आधार पर संभंव हो पाया है। इस प्रेरितिक यात्रा के कार्यक्रमों का प्रकाशन नियत समय पर किया जाएगा।

साइप्रस की दूसरी यात्रा

साइप्रस की यह यात्रा संत पापा फ्रांसिस को पूर्ववर्ती संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें के नक्शे कदमों में ले चलेगी जिन्होंने 2010 में भूमध्यसागरीय द्वीप राष्ट्र की प्रेरितिक यात्रा की थी।

साइप्रस के अधिकांश लोग ग्रीक ऑर्थोडॉक्स के रूप में अपनी पहचान रखते हैं, लेकिन राष्ट्र में लगभग 2,400 काथलिकों का एक जीवंत लातिनी रीति समुदाय है। उनमें से कई अपनी जड़ों को क्रूस युद्ध में खोजते हैं जो 12वीं शताब्दी में येरुसलेम पतन के उपरांत बाद वहां बस गए थे।

संत पौलुस पहली शताब्दी ईस्वी में साइप्रस में रुका थे  और द्वीप के रोमन गवर्नर सर्जियस पॉलस को ईसाई धर्म का आलिंगन करने में मदद किया था। 

परंपराओं के अनुसार यह माना जाता है कि संत लाजरूस जिसे येसु ने मृतकों में जीवित किया था,  उत्पीड़न के डर से साइप्रस भाग गया था और प्रेरितों बरनबास और पौलुस द्वारा किशोन का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनका कब्र दक्षिणी शहर लरकाका में बेंजेटाईन-युग के गिराजाघर के नीचे स्थित है।

लेस्बोस को लौटना

2016 में यूनान द्वीप लेस्बोस की एक दिवसीय यात्रा के बाद, संत पापा की यह दूसरी यूनान यात्रा होगी। उस यात्रा के दौरान, संत पापा फ्राँसिस ने कस्तुनतुनिया के प्राधिधर्माध्यक्ष बर्थोलोमियो प्रथम और एंथेस तथा सम्पूर्ण यूनान के महाधर्माध्यक्ष इरोनिमोस द्वितीय के संग मोरिया के शरणार्थी शिविर की भेंट की थी।

अपने वाटिकन रोम वापसी के क्रम में संत पापा फ्रांसिस ने तीन सीरियन परिवारों के बारह व्यक्ति को अपने संग रोम लाया था जिसमें छः बच्चे शामिल थे। मोरिया शरणार्थी शिविर को 2020 के सितम्बर महीने में एक आगजली के उपरांत बंद कर दिया गया जिसमें बहुत सारी चीजें जल गयीं।

 

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05 November 2021, 15:36