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प्रार्थना कलीसिया के मिशन का प्राण है, सन्त पापा फ्राँसिस

ब्राज़ील में प्रार्थना प्रेरिताई सम्बन्धी न्यास की 150 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में सन्त पापा फ्राँसिस ने गुरुवार को एक विडियो सन्देश भेजकर कहा कि प्रार्थना कलीसिया के मिशन का प्राण है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2021 (रेई,वाटिकन रेडियो): ब्राज़ील में प्रार्थना प्रेरिताई सम्बन्धी न्यास की 150 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में सन्त पापा फ्राँसिस ने गुरुवार को एक विडियो सन्देश भेजकर कहा कि प्रार्थना कलीसिया के मिशन का प्राण है।  

सन्त पापा फ्राँसिस ने विगत 150 वर्षों से कलीसिया की प्रेरिताई की सफलता के लिये प्रार्थना को प्रोत्साहित करने के लिये ब्राज़ील के  उक्त न्यास से जुड़े सभी लोगों के प्रति धन्यावाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा, "पवित्र कलीसिया तथा मानवजाति की आवश्यकताओं के लिये आपकी प्रार्थना और आपके साक्ष्य के लिये धन्यवाद। सन्त पापा ने कहा कि यह प्रेरितिक सेवा मौलिक है, क्योंकि यह कलीसिया के मिशन का प्राण है।"

एकजुट रहकर प्रार्थना करें

सन्त पापा ने कहा कि बिना प्रार्थना के मिशन का कोई अस्तित्व नहीं, साक्ष्य का कोई अस्तित्व नहीं और प्रार्थना के बिना एकता भी सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रार्थना ही वह अस्त्र है जो हम मनुष्यों को एकता के सूत्र में बाँधती तथा मानवता के समक्ष प्रस्तुत अनगिनत चुनौतियों का सामना करने का सम्बल प्रदान करती है। अस्तु, उन्होंने कहा, "हम सब येसु एवं माँ मरियम के हृदय के साथ मिलकर जीवन की चुनौतियों का सामना करने हेतु प्रार्थना करें तथा जन-जन में सुसमाचार के आनन्द और आशा का प्रसार करें।"

प्रार्थना प्रेरिताई की स्थापना ब्राज़ील में सन् 1866 ई. में सन्त पियुस नवम द्वारा की गई थी, जो बाद में यूरोप के देशों, विशेष रूप से, फ्राँस तथा इटली प्रचलित हो गई।

 

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01 October 2021, 13:55