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पोप फ्रांसिस ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाटिकन में स्वागत किया

संत पापा फ्राँसिस ने 30 अक्टूबर को वाटिकन के प्रेरितिक भवन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर करीब 55 मिनट तक बातें हुईं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 30 अक्तूबर 2021 (रेई)- वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञाप्ति में कहा गया है कि संत पापा फ्राँसिस एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात सौहार्दपूर्ण रही।

मुलाकात के दौरान "एक संक्षिप्त वार्ता में उन्होंने परमधर्मपीठ एवं भारत के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों पर प्रकाश डाला।"

उपहारों का आदान-प्रदान

मुलाकात के अंत में उपहारों का आदान–प्रदान हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने संत पापा को एक चांदी की मोमबत्ती दानी और पर्यावरण पर प्रतिबद्धता की एक किताब भेंट की।

वहीं संत पापा फ्राँसिस ने प्रधानमंत्री को एक शिलालेख के साथ कांस्य टाइल भेंट की जिसमें लिखा था, "मरूभूमि एक उद्यान बन जायेगा।" इसके साथ उन्होंने विश्व पत्रों की तीन प्रतियाँ, इस साल के लिए शांति संदेश और मानव बंधुत्व पर दस्तावेज भेंट की।

पोप से मुलाकात करने के बाद भारत के प्रधानमंत्री ने वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन एवं वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल रिचार्ड गल्लाघर से भी मुलाकातें कीं।

पीएम मोदी ने संत पापा फ्राँसिस को भारत आने का निमंत्रण दिया है। मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, "पोप फ्रांसिस के साथ मेरी मुलाकात सौहार्दपूर्ण रही। मुझे उनके साथ कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला और मैंने उन्हें भारत यात्रा करने का निमंत्रण दिया है।"

करीब 20 से अधिक साले 26 जून 2000 को भारत के समकालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने वाटिकन आकर संत पापा जॉन पौल द्वितीय से मुलाकात की थी।

भारत में काथलिक कलीसिया की प्रतिबद्धता

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने देश के हित के लिए भारत की सरकार के साथ हमेशा संवाद करने की कोशिश की है। इसी साल जनवरी माह में मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस, सिरो मलाबार रीति के महाधर्माध्यक्ष जोर्ज अलेनचेरी और सिरो मलांकरा रीति के महाधर्माध्यक्ष बेसलिओस क्लेमिस ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की तथा उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा के क्षेत्र में काथलिक कलीसिया द्वारा किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया था। उन्होंने बतलाया था कि काथलिक कलीसिया ने कोविड-19 महामारी के समय, सबसे कमजोर एवं गरीब लोगों की विशेष मदद की है। प्रधानमंत्री ने इन कार्यों के लिए उनकी सराहना व्यक्त की थी।

उस मुलाकात के दौरान जिन अन्य बिंदुओं पर ध्यान दिये गये थे, वे थे देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति, जहाँ ख्रीस्तियों की संख्या 2.3 प्रतिशत के करीब है। उन्होंने फादर स्टैन स्वामी की रिहाई की भी मांग की थी जो आदिवासियों के मानव अधिकार के लिए संघर्षरत थे और जिन्हें एक आंतकी के रूप में संदेह के कारण 9 महीने जेल में रखा गया तथा जुलाई में उनकी मौत हो गई।  

भारत का दौरा करने का निमंत्रण

पीएम मोदी ने स्वयं अपने ट्वीट के माध्यम से बतलाया कि उन्होंने पोप को देश का दौरा करने का निमंत्रण दिया है। भारत के लोग पोप की भारत यात्रा के लिए काफी उत्सुक हैं। पोप की भारत यात्रा हेतु लोगों की उम्मीद तब अधिक बढ़ गई थी जब पोप फ्राँसिस ने 2017 में बंगलादेश और म्यांमार की यात्रा की। इसी साल के जनवरी माह में धर्माध्यक्षों ने पोप को देश में आमंत्रित करने इससे पहले संत पापा पौल छटवें ने 1964 में अंतरराष्ट्रीय यूखरीस्तीय कॉन्ग्रेस के अवसर पर मुम्बई की यात्रा की थी तथा संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने फरवरी 1986 और नवम्बर 1999 में दो बार भारत की यात्राएँ की थीं।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के पूर्व प्रवक्ता फादर बाबू जोसेफ ने ऊका न्यूज से कहा था कि "मोदी और पोप के बीच मुलाकात सही दिशा में एक कदम है। काथलिक कलीसिया के शीर्ष अभी भी धर्म और नैतिकता के मामलों में वैश्विक सम्मान का आह्वान करते हैं।"  

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संत पापा फ्रांसिस और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात
30 October 2021, 15:08