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अस्पताल के दवाखानों में कार्यरत कर्मचारियों और दवाई सेवा के इताली समाज के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस अस्पताल के दवाखानों में कार्यरत कर्मचारियों और दवाई सेवा के इताली समाज के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

दवाखाना के कर्मचारियों से पोप ˸ फेंकने की संस्कृति आपको प्रभावित न करे

संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार, 14 अक्टूबर को अस्पताल के दवाखानों में कार्यरत कर्मचारियों और दवाई सेवा के इताली समाज के 150 सदस्यों से वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में मुलाकात की। वे इन दिनों राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने हेतु रोम में एकत्रित हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 14 अकटूबर 2021 (रेई)- संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर कहा, "सम्मेलन सबसे पहले आपके लिए विचार-विमर्श करने का अवसर है किन्तु यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली के महत्व को पुनः पुष्ट करने का भी मौका है ताकि एक देश के आमहित एवं सामाजिक विकास जैसे आवश्यक तत्वों को सुनिश्चित किया जा सके," खासकर, महामारी की पृष्टभूमि में जिसने स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था को बदल दिया है।

इस संदर्भ में उनकी प्रतिबद्धता को जारी रखने हेतु संत पापा ने तीन रास्ते बतलाये।  

प्रतिदिन के जीवन में पवित्रता को जीना

भले समारी के दृष्टांत में सराय के मालिक से आग्रह किया गया कि वह घायल व्यक्ति को जगह दे एवं उसे अपने पास तब तक रखे तब तक कि समारी व्यक्ति न लौटे। (लूक.10,35) इस पात्र में हम अस्पताल के दवाखाना के काम के दो महत्वपूर्ण आयाम को देख सकते हैं ˸ दिनचर्या और छिपी सेवा। ये आयाम कई अन्य पेशाओं के लिए भी हैं जिसके लिए धीरज, दृढ़ता और यथार्थता की आवश्यकता है। वे लोगों के सामने बहुत कम दिखाई पड़ते हैं। यही कारण हैं कि वे प्रार्थना और स्नेह के साथ "प्रतिदिन के जीवन की पवित्रता" को जीते हैं क्योंकि वे जानते है कि प्रार्थना और प्रेम के बिना उनका जीवन नीरस हो जाएगा।

व्यवसायिकता  

अस्पताल के दवाखाना विभाग का दूसरा महत्वपूर्ण आयाम है उनकी व्यावसायिकता। चिकित्सक के साथ-साथ दवाखाना के कर्मचारी भी शोध कार्य में भाग लेते और मरीजों के सीधे सम्पर्क में रहते हैं। अतः उन्हें रोग और रोगी को समझना, दवाओं और खुराक को निजीकृत करने की क्षमता रखना और कभी-कभी सबसे जटिल नैदानिक स्थितियों से निपटना पड़ता है। दवाखाना का कर्मचारी वास्तव में सभी प्रभावों को ध्यान में रखने में सक्षम होता है। वह कभी-कभी सुविधाओं के आधार पर बीमार व्यक्तियों से मिलता है, और कभी अस्पताल के दवाखाना के अदृश्य विभागों में भी रहता है।

नैतिक आयाम

तीसरा रास्ता है पेशा का नैतिक आयाम। इसके भी दो भाग है – व्यक्तिगत एवं सामाजिक। व्यक्तिगत स्तर पर दवाखाना का हर कर्मचारी औषधीय पदार्थों का उपयोग करता है जो विषाक्त हो सकता है। अतः एक कर्मचारी को हमेशा सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि वह मानव जीवन की सेवा करता है। इसमें अपने पेशे के प्रति उन्हें निष्ठावान होना है। यह एक जटिल विषय है जिसके लिए बड़ी क्षमता और धार्मिकता की आवश्यकता होती है, खासकर, संत पापा ने गर्भपात को हत्या बतलाते हुए, उसके लिए मदद देने का समर्थन नहीं करने की सलाह दी।

सामाजिक न्याय के स्तर पर नैतिकता वह स्वास्थ्य प्रणाली है जो न्याय एवं सार्वजनिक हित का अनुसरण करने का लक्ष्य रखता है उसे आर्थिक एवं नैतिक रूप से बल प्रदान किया जाना।    

संत पापा की सलाह

संत पापा ने सदस्यों को सचेत किया कि उनके पेशे को फेंकने की संस्कृति प्रभावित न करे जिसके लिए उन्हें हमेशा सावधान रहना है। उन्होंने कहा, "पिता ईश्वर ने हमें जिम्मेदारी दी है कि हम पृथ्वी को धन की ओर नहीं बल्कि स्त्री और पुरूषों की ओर ले चलें। हमारे लिए खतरा है कि लाभ और उपभोक्तावाद के देवता के लिए लोग बलि हो रहे हैं। यही फेंकने की संस्कृति है। इसका प्रभाव पर्यावरण पर और उससे भी बढ़कर मानव के स्वस्थ पर पड़ता है।  

संत पापा ने याद दिलाया कि संसाधनों का प्रबंधन और दवाखाना में काम करनेवाले हरेक कर्मचारी के हाथों में दी गई चीजों को बर्बाद न करने पर ध्यान देना, न केवल आर्थिक बल्कि नैतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने दवाओं की खरीद और भंडारण, सही उपयोग और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने में सावधानी बरतने की सलाह दी। 

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14 October 2021, 16:27