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मनडालाय में सैनिकों का विरोध करते बौध मिक्षु और अन्य मनडालाय में सैनिकों का विरोध करते बौध मिक्षु और अन्य 

संत पापा ने म्यांमार में शांति के लिए प्रार्थना की

संत पापा फ्राँसिस ने वर्षों से संघर्ष और उत्पीड़न सह रहे म्यांमार के लोगों के लिए प्रार्थना की, कि वे शांति पा सकें।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 4 अक्टूबर 2021 (वाटिकन न्यूज) :  संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को एक बार फिर म्यांमार के लिए प्रार्थना की। संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में देवदूत प्रार्थना का पाठ करने के बाद वहाँ एकत्रित विश्वासियों को संबोधित करते हुए, उन्होंने "प्रिय भूमि" के लिए ईश्वर से "शांति के उपहार" की याचना की, जो हाल के वर्षों में बहुत दर्द से पीड़ित है।

संत पापा ने प्रार्थना की कि "वहां रहने वालों के हाथ अब दर्द और मौत के आंसू नहीं पोंछ सकते हैं, लेकिन कठिनाइयों को दूर करने और शांति के लिए मिलकर काम करने के लिए एक साथ मिल सकते हैं।"

छह महीने पहले सेना ने म्यांमार को अपने नियंत्रण में कर लिया। तब से, प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं, जिसमें अक्सर घातक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। मिन आंग हलिंग तख्तापलट के नेता हैं और जातीय अल्पसंख्यकों पर सेना के हमलों में उनकी कथित भूमिका के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदान ने उनकी निंदा की है। तख्तापलट के बाद से, 200,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

म्यांमार की सरकार और सेना द्वारा रोहिंग्या अल्पसंख्यक के साथ किये गये दुर्व्यवहार की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की गई है। म्यांमार उन्हें अवैध अप्रवासी मानती है और उन्हें नागरिकता से वंचित करती है। दशकों से, कई लोग उत्पीड़न से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गए हैं।

2017 में सेना की कार्रवाई के बाद हजारों रोहिंग्या मारे गए और 700,000 से अधिक बांग्लादेश भाग गए।

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04 October 2021, 15:33