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डोन बोस्को की सलेसियन धर्मबहनों से मलते हुए संत पापा फ्राँसिस डोन बोस्को की सलेसियन धर्मबहनों से मलते हुए संत पापा फ्राँसिस 

युवाओं को प्यार व सुनने के मिशन को नवीनीकृत करें, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तियों की सहायिका माता मरियम की पुत्रियों के संस्थान के 24 वें महासभा के सदस्यों से आग्रह किया कि वे माता मरियम के उदाहरण से प्रेरित होवें, वे उन्हें युवाओं और गरीबों की सेवा में प्रोत्साहित करती हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

रोम, शनिवार 23 अक्टूबर 2021 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को रोम स्थित डोन बोस्को की सलेसियन धर्मबहनों के धर्मसमाज के 24वीं महासभा के समापन समारोह के अवसर पर जनरल आवास का दौरा किया।

ख्रीस्तियों की सहायिका माता मरियम की पुत्रियों के संस्थान की धर्मबहनें, औपचारिक रूप से डोन बोस्को की सलेसियन धर्मबहनों से जानी जाती हैं। संत पापा ने नव-निर्वाचित सुपीरियर जनरल, मदर कियारा कज़ुओला और नई सहयोगियों को शुभकामनायें दी साथ ही संत पापा ने निवर्तमान सुपीरियर जनरल और उनके सहयोगियों को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद दिया।

संत पापा ने कहा कि वे इन दिनों "समुदाय जो समकालीनता के केंद्र में जीवन उत्पन्न करते हैं" विषय के तहत मिले हैं और काना के विवाह भोज में माता मरियम के शब्दों "वह तुमलोगों से जो भी कहें, वही करना," (योहन 2:5) के साथ इसे प्रकाशित करती है।

फलदायी बुलाहट की पुन: जागृति

संत पापा फ्राँसिस ने उल्लेख किया कि संस्थान की बुलाहट को फिर से जागृत करने का लक्ष्य जो उन्होंने अपने लिए निर्धारित किया है - आज की दुनिया की जरूरतों का जवाब देने के लिए एक महत्वपूर्ण परिप्रेक्ष्य है जिसे धर्मसमाजी जीवन में खोजने की जरूरत है, जिसे पिता ईश्वर, आत्मा में पुत्र के द्वारा, अपने प्रेम, अपनी भलाई, अपनी सुंदरता से पूरा करते हैं।"

उन्होंने कहा, "इसका मतलब समुदायों में मौजूद नाजुकता और संघर्षों को नकारना नहीं है, लेकिन यह मानते हुए कि यह स्थिति उन्हें आज ‘कैरोस’ में बदलने में मदद कर सकती है, करिश्माई जड़ों तक जाने का एक अनुकूल समय आवश्यक, पर काम करने के लिए, पहले आपलोग, समर्पित जीवन की सुंदरता को फिर से खोज रहे हैं।"

संत पापा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह चुनौती उन्हें इस समय में ईश्वर के प्रति अपनी "हां" को नवीनीकृत करने के लिए आमंत्रित करती है, "धर्मबहनों और समुदायों के रूप में वे ईश्वर और जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करती हैं। इस प्रकार, वे सुसमाचार के भविष्यवक्ता बन सकती हैं और अपने जीवन द्वारा मसीह की गवाह बन सकती हैं।"

कलीसिया का रास्ता, ईश्वर का रास्ता

संत पापा ने उल्लेख किया कि द्वितीय वाटिकन महासभा ने कलीसिया को ईश्वर का मार्ग दिखाया जो इस तरह है : इतिहास में देहधारण, मानवीय स्थिति में अपने आप को डुबो देना।"

उन्होंने जोर देकर कहा, "यह मसीह में अपनी मजबूत जड़ें जमाने का अनुमान लगाता है, ताकि इसके विभिन्न रूपों में सांसारिकता की दया पर न हो।"  उन्होंने जोर देकर कहा,  कि धर्मसमाजियों को अपने धर्मसंघ की करिश्मा के प्रति रचनात्मक निष्ठा की आवश्यकता होती है, जो एक जीवित वास्तविकता है।"

इसलिए, उनकी महान जिम्मेदारी बनती है कि वे पवित्र आत्मा की रचनात्मकता के साथ सहयोग कर अपने करिश्मा पर फिर से विचार करते हुए सुनिश्चित करें जो आज उनके जीवन शक्ति को व्यक्त करता है। इससे सच्ची युवावस्था प्राप्त होती है "क्योंकि आत्मा सभी चीजों को नया बनाती है और अपनी ताकत से वह उन्हें उसी उपहार के नए भाव खोजने में मदद करता है जो कि करिश्मा है।

सौहार्दपूर्ण संबंधों के साथ बढ़ते समुदाय

संत पापा फ्राँसिस ने महासभी के विषय के एक अन्य पहलू की ओर इशारा किया: "अंतर्पीढ़ीगत, अंतरसांस्कृतिक, भाईचारे और सौहार्दपूर्ण संबंधों के साथ जुड़े समुदायों को विकसित करने की आवश्यकता।"

इस संबंध में, संत पापा ने उन्हें परिवार की भावना से आकर्षित होने का आग्रह किया, जो मोर्नीज़ में सलेसियन धर्मबहनों के पहले समुदाय की विशेषता थी और जिसने विविधता को विकसित करने में मदद की, "एक समृद्धि के रूप में मतभेदों को महत्व देते हुए स्वागत और सुनने का अभ्यास करने का अवसर।"

उन्होंने धर्मबहनों को अन्य कलीसियाओं के साथ संबंधों में काम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने और "पारस्परिकता एवं सह-जिम्मेदारी के संबंधों को जीने के लिए प्रोत्साहित किया।" उन्होंने कहा कि उनके लिए, "यह पवित्र आत्मा के प्रति विनम्रता, अपने नएपन और आश्चर्य के लिए खुलापन" के माध्यम से "सिनॉडालिटी जीने का एक ठोस तरीका है।"

युवाओं और गरीबों की सेवा

संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "आत्मा के प्रति यही खुलापन आपको युवाओं और गरीबों की सेवा में उदार समुदाय बनने की अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखने में सक्षम बनाता है।"

उन्होंने उन्हें मिशनरी समुदायों के रूप में अपने संस्थान के पहले सदस्यों के जुनून के साथ परिधि में सुसमाचार की घोषणा करने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।

बच्चों और किशोरों की देखभाल में आने की कठिनाइयों के बावजूद, संत पापा ने उन्हें युवा लोगों के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। संत पापा "युवा लोगों के लिए और युवा लोगों के साथ" धर्मसभा चाहते थे, जिसके परिणामस्वरूप "क्रिस्टुस विविट" विश्वपत्र वजूद में आया।"

संत पापा ने कहा, "मुझे पता है कि आप इसका इस्तेमाल कर रहे हैं; मैं आपको ऐसा करना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ: मुझे यकीन है कि वहां आप अपने करिश्मे और अपनी शैक्षिक सेवा के अनुरूप विभिन्न विचार पा सकते हैं।”

150वीं वर्षगांठ

जैसा कि धर्मसमाज अपनी स्थापना की 150वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रही है, संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें इस अवसर को "बुलाहटीय नवीकरण और मिशन के पुनरोद्धार के अवसर" के रूप में लेने के लिए आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा, "शुरुआत की कृपा को न भूलें,"  जिन लोगों ने इस यात्रा को शुरु किया था ईश्वर ने उनके विनम्र जीवन और छोटे कार्यों में अपनी उपस्थिति को पारदर्शी बना दिया था।

संत पापा ने कहा "मरियम ख्रीस्तियों की सहायता आपकी सहायता करेगी: आप उसकी बेटियाँ हैं! काना के विवाह भोज में कहे गये उसके शब्द आपके चिंतन के लिए प्रकाश की किरण थे और हैं: "वह तुमलोगों से जो भी कहें, वही करना।"

माता मरियम का उदाहरण

संत पापा ने माता मरियम की तरह आशावान बनने के लिए, सभी धर्मबहनों को "सलेसियन पहचान, सलेसियन शैली के साथ शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया: विशेष रूप से युवाओं के लिए प्यार, उन्हें सुनना, कलीसिया में उनकी सक्रिय उपस्थिति।" इस प्रकार वे माता मरियम के साथ, उस मार्ग पर उत्साह के साथ आगे बढ़ सकते हैं जो आत्मा ने प्रकट किया है "ईश्वर की कृपा के संकेतों का स्वागत करने के लिए खुले दिल के साथ और एक चौकस दृष्टि के साथ जो निरंतर परिवर्तन में दुनिया की जरूरतों और तात्कालिकता को पहचानता है।"

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें आशीर्वाद दिया और प्रार्थना में उनके प्रति अपनी निकटता व्यक्त की।

 

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23 October 2021, 15:34