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येरूसालेम के प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल पियेरबपतिस्ता पित्साबाला येरूसालेम के प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल पियेरबपतिस्ता पित्साबाला 

प्राधिधर्माध्यक्ष पित्साबाला ˸ सिनॉड को ईश वचन से आलोकित होना है

येरूसालेम के प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल पियेरबपतिस्ता पित्साबाला ने पल्ली पुरोहितों को निमंत्रण दिया है कि वे सिनॉडल प्रक्रिया में प्रमुख अभिनेता बनें और यह सुनिश्चित करें कि सभी स्थानीय कलीसियाई समुदाय इसमें पूर्ण रूप से भाग लें सकें जैसा कि संत पापा फ्राँसिस ने आग्रह किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पवित्र भूमि, बृहस्पतिवार, 21 अकटूबर 2021 (वीएनएस)- 2021-2023 की धर्मप्रांतीय स्तर पर धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का उद्घाटन येरूसालेम में 30 अकटूबर को होगा। उद्घाटन समारोह एक ही समय में चार स्थलों में सम्पन्न होंगे ˸ गलीलिया, फिलीस्तीन, जॉर्डन और साइप्रस।

उद्घाटन समारोह के पूर्व कार्डिनल पित्साबाला ने धर्मप्रांत के पुरोहितों, धर्मसमाजियों एवं लोकधर्मियों को एक प्रेरितिक पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने सिनॉड प्रक्रिया के आयोजन का सार बतलाया है तथा इसके पीछे का इरादे समझाया है।  

येरूसालेम के प्राधिधर्माध्यक्ष ने विषयवस्तु के बारे बतलाते हुए कहा, "एक सिनॉडल कलीसिया के लिए ˸ एकता, सहभागिता, मिशन, संत पापा के यह सुनिश्चित करने के मतलब को स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है कि कलीसिया का जीवन पुरोहितों पर कम केंद्रित है तथा यह अधिक सभी सदस्यों की आम सहभागिता का फल है। तैयारी के दस्तावेज का हवाला देते हुए उन्होंने आगे याद दिलाया कि सिनॉड का उद्देश्य दस्तावेज तैयार करना नहीं है बल्कि “सपनों को रोपना, भविष्यवाणियोँ और दर्शन की ओर बढ़ना, आशा को पनपने देना, विश्वास को प्रेरित करना, घावों पर पट्टी बाँधना, रिश्तों को बुनना, आशा की एक सुबह जगाना, एक-दूसरे से सीखना एवं एक उज्वल उपाय कुशलता की रचना करना जो मन को आलोकित करेगा, हृदयों को ऊष्मा प्रदान करेगा और हमारे हाथों को शक्ति देगा।"

कार्डिनल पित्साबाला ने सभी पल्ली पुरोहितों को निमंत्रण दिया है कि वे मुख्य पात्र बनकर संत पापा के आग्रह को बढ़ावा दें और यह सुनिश्चित करें कि हमारे समुदाय इसमें भाग ले सकें। उन्होंने स्थानीय काथलिक कलीसिया के सभी सदस्यों ˸ पल्ली के विश्वासियों, धर्मसमाजियों, एकांत मठवासियों, सेमिनरी के छात्रों, युवाओं, दलों, संगठनों, संघों, अप्रवासियों और विदेशियों का आह्वान किया है कि वे इसमें भाग लें।

उन्होंने कहा, "उन सभी लोगों को जिन्हें लगता है कि उनके पास कहने के लिए कुछ है तो वे उसे कहने के लिए आमंत्रित हैं चाहे यह कृतज्ञता का भाव हो, गलतफहमी हो, प्रोत्साहन और आशा अथवा निराशा या उम्मीद हो। प्राधिधर्माध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि सिनॉडल यात्रा को समस्याओं के बारे बात करने तक सीमित नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा होने से सबकुछ बंजर के समान हो जाएगा। बल्कि यह ईश वचन से आलोकित रास्ता हो जो जीवन लाता है।

यही कारण है कि प्राधिधर्माध्यक्ष ने एम्माउस के दो चेलों के सिद्धांत को अपनाने का निश्चय किया है, इसका अर्थ है शारीरिक रूप से उन स्थानों पर जाना जहाँ ख्रीस्त प्रकट हुए, समस्याओं पर विचार करना एवं सुसमाचार में व्यक्तिगत अनुभवों पर चिंतन करना ताकि चीजों को अलग नजरिये से देखा जा सके।

पत्र में कहा गया है कि महत्वपूर्ण बात ये है कि हम एक साथ मिलें और एक-दूसरे को सुनें। सुनना ईश वचन से आलोकित हो और यह सिर्फ मानवीय शब्द न रहे। कार्डिनल पित्साबाला के अनुसार यह भी महत्वपूर्ण है कि विभिन्न पृष्टभूमि के लोगों से मिला जाए ताकि उनके अनुभवों से भी सीख लिया जा सके। उन्होंने कहा कि यह ईशशास्त्रीय भाषणों से अधिक लाभदायक है।

अंत में कार्डिनल ने चेतावनी दी है कि सिनॉड की यात्रा से लोगों को नाटकीय परिवर्तन या असाधारण फल की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। सिनॉड एक बड़ा कदम होगा यदि इसके द्वारा समुदाय ख्रीस्त से संयुक्त होकर एक नये रास्ते की शुरूआत करेगा।

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21 October 2021, 14:44