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संत पेत्रुस महागिरजाघर का प्रांगण संत पेत्रुस महागिरजाघर का प्रांगण 

पवित्र आत्मा हममें बपतिस्मा की कृपा को नवीकृत कर दे

संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को देवदूत प्रार्थना के पूर्व सभी विश्वासियों को निमंत्रण दिया कि हम पवित्र आत्मा से याचना करें कि वे हममें बपतिस्मा की कृपा, येसु में डुबकी लगाने, उनके सेवा के रास्ते पर चलने को नवीकृत कर दें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार, 17 अक्तूबर 2021 (रेई)- वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित विश्वासियों के साथ संत पापा फ्राँसिस देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जिसके पूर्व उन्होंने उन्हें सम्बोधित कर कहा, "अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।"

आज का सुसमाचार पाठ (मार.10,35-45) बतलाता है कि दो शिष्य याकूब और योहन प्रभु से आग्रह करते हैं वे एक दिन महिमा में उनके दायें और बायें बैठ सकें, प्रधानमंत्री की तरह, किन्तु दूसरे शिष्य इसे सुन कर क्रूध हो जाते हैं। इस बिन्दु पर येसु धीरज से उन्हें एक महान शिक्षा देते हैं ˸ सच्ची महिमा दूसरों से ऊपर होकर प्राप्त नहीं की जा सकती, बल्कि उस बपतिस्मा का अनुभव करते हुए की जा सकती है जिसको वे कुछ दिनों बाद येरूसालेम में प्राप्त करनेवाले थे। इसका अर्थ क्या है? "बपतिस्मा" शब्द का अर्थ है डुबकी लगाना ˸ अपने दुःखभोग से येसु ने मौत में डुबकी लगायी, और अपना जीवन हमें बचाने के लिए अर्पित किया। अतः उनकी महिमा, ईश्वर की महिमा प्रेम में है जो सेवा बन गई, न कि शक्ति जो शासन करती है। यही कारण है कि येसु अपने शिष्यों को और हमें भी यह कहते हुए अंत करते हैं ˸ "जो तुम लोगों में बड़ा होना चाहता है वह तुम्हारा सेवक बने।"(मार.10,43) महान बनने के लिए सेवा के रास्ते पर चलना है दूसरों की सेवा करनी है।

ऊपर उठना

संत पापा ने कहा, "हम दो तरह के तर्क के सामने हैं ˸ शिष्य ऊपर उठना चाहते हैं और येसु डुबकी लगाना। हम इन दो क्रियाओं पर थोड़ी देर चिंतन करें। पहला है उठाया जाना। यह दुनियावी मानसिकता को प्रकट करता है जिसके प्रलोभन में हम हमेशा पड़ते हैं ˸ सभी चीजों को जीने, रिश्ते, हमारी आकाक्षाओं को ईंधन देने, सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने और महत्वपूर्ण स्थानों तक पहुँचने आदि के द्वारा। व्यक्तिगत सम्पति की खोज आत्मा के लिए एक बीमारी बन सकती है, जो उसे सद्इच्छा के मुखौटे में छिपा सकती है, उदाहरण के लिए, हम भले कार्य करते किन्तु उसके पीछे केवल अपने आपको खोजते एवं अपने को सुदृढ़ करना चाहते हैं कलीसिया में भी हम आगे जाते और इसी की खोज करते हैं। कितनी बार हम ख्रीस्तीय जिन्हें सेवक बनना है, हम ऊपर चढ़ना और आगे बढ़ने की चाह रखते हैं। यही कारण है कि हमें हृदय के सच्चे मकसद की हमेशा जाँच करनी है। अपने आप से पूछना है, "मैं क्यों इन कार्यों, जिम्मेदारियों को कर रहा हूँ? सेवा देने के लिए अथवा पहचान, प्रशंसा और सराहना पाने के लिए? येसु का तर्क इस दुनियावी तर्क के ठीक विपरीत है, वे नीचे उतरते हैं ताकि सेवा कर सकें न कि दूसरों से ऊपर हों। उन्होंने दूसरों के जीवन के लिए अपने आपको अर्पित किया। संत पापा ने कहा, "मैं "उनकी छवि में" कार्यक्रम देख रहा था, कि उसके द्वारा उदार सेवा (कारितास) की जाती है ताकि कोई बिना भोजन के बिना न रहे। दूसरों के भूख की चिंता करना, दूसरों की जरूरतों के बारे सोचना। आज अनेक लोग जरूरतमंद हैं और महामारी के बाद उनकी संख्या अधिक बढ़ गई है। देखें और सेवा के लिए रूकें एवं अपनी महिमा के लिए ऊपर चढ़ने की कोशिश न करें।

डुबकी लगाना

दूसरी क्रिया है ˸ अपने आपको डुबाना। येसु हमें गोता लगाने के लिए कहते हैं और बतलाते हैं कि किस तरह गोता लगाना है? हम दूसरों के जीवन में करुणा के द्वारा गोता लगा सकते हैं। हम कई लोगों को भूखे देखते हैं किन्तु जब हम भोजन के सामने होते हैं जो ईश्वर का वरदान है कि हम उसे ग्रहण कर सकें, क्या हम उन लोगों को  सहानुभूति के साथ याद करते हैं? जो काम तो करते परन्तु पर्याप्त भोजन नहीं कर सकते हैं? आइये हम उनके बारे सोचें, तथा करुणा के साथ अपने आपको दूसरों के लिए अर्पित करें। संत पापा ने चिंतन हेतु प्रेरित करते हुए कहा, क्या मुझमें लोगों के प्रति सहानुभूति है? उन लोगों के प्रति सहानुभूति जिनसे हमारी मुलाकात होती है, जैसा कि येसु ने मेरे लिए, आपके लिए और सभी के लिए किया। वे दया से हमारे पास आये। हम क्रूसित येसु को देखें जो हमारे घायल इतिहास में गहराई से प्रवेश किये और हम इसमें ईश्वर के तरीके को पाते हैं। हम देखते हैं कि ईश्वर स्वर्ग में ऊपर नहीं चढ़े बल्कि अपने आपको दीन बनाकर हमारा पैर धोया। ईश्वर प्रेम हैं और प्रेम विनम्र होता है। यह ऊपर नहीं उठता बल्कि नीचे उतरता, वर्षा की बूंदों की तरह जो धरती पर पड़ती एवं जीवन देती है। येसु की दिशा में हम किस तरह आगे बढ़ सकते हैं एक उद्भव से गोता लगाने की ओर बढ़ने के द्वारा। प्रतिष्ठा से, दुनियावी से, सेवा की ओर, ख्रीस्तीयता की ओर? इसके लिए प्रतिबद्धता की आवश्यकता है किन्तु सिर्फ इतना काफी नहीं है। अकेला यह कठिन और असंभव है किन्तु हममें जो शक्ति है वह हमें मदद देता है। यह बपतिस्मा है, येसु में डुबकी लगाना है जिसको हम सभी ने कृपा द्वारा प्राप्त किया है और जो हमारा मार्गदर्शन करता है उनका अनुसरण करने के लिए हमें बल देता है, हमारी रूचि की खोज करने के लिए नहीं बल्कि हमें सेवा में लगाने के लिए। यह एक कृपा है, एक आग है जिसको पवित्र आत्मा हममें प्रज्वलित करता है और जिसको पोषित किया जाना है। आज हम पवित्र आत्मा से याचना करें कि वे हममें बपतिस्मा की कृपा, येसु में डुबकी लगाने को नवीकृत कर दें, ताकि हम सच्चे सेवक बन सकें जैसा कि वे सेवा द्वारा हमारे लिए सेवक बने।

संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा, "आइये हम माता मरियम से प्रार्थना करें ˸ जो महान होने पर भी ऊपर उठने की कोशिश नहीं की बल्कि प्रभु की विनम्र सेविका बनीं और हमारी सेवा में अपने आपको पूरी तरह डुबा दिया, हमें येसु से मुलाकात करने में मदद दे।    

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना में संत पापा का संदेश

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17 October 2021, 14:38