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सात दुःखों की माता मरियम के सामने फूल चढ़ाते संत पापा फ्राँसिस सात दुःखों की माता मरियम के सामने फूल चढ़ाते संत पापा फ्राँसिस 

स्लोवाकिया के धर्माध्यक्षों के साथ संत पापा की प्रार्थना

संत पापा फ्राँसिस ने स्लोवाकिया की संरक्षिका सात दुःखों की माता मरियम के पर्व दिवस पर 15 सितम्बर को शसतिन स्थित तीर्थस्थल पर माता मरियम से प्रार्थना की। प्रार्थना के बाद संत पापा ने समारोही ख्रीस्तयाग के साथ अपनी प्रेरितिक यात्रा का समापन किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

स्लोवाकिया, बुधवार, 15 सितम्बर 2021 (रेई)- संत पापा फ्रांसिस ने स्लोवाकिया की प्रेरितिक यात्रा के अंतिम दिन 15 सितम्बर को माता मरिया के सात दुःखों के पर्व के अवसर पर शसतिन स्थित राष्ट्रीय मरियम तीर्थ पर धर्माध्यक्षों के साथ प्रार्थना अर्पित की।

संत पापा ने सभी धर्माध्यक्षों के साथ मिलकर माता मरियम से इस प्रकार प्रार्थना की-

हे सात दुःखों की हमारी माता मरियम,

हम यहाँ आपकी उपस्थिति में भाइयों के रूप में एकत्रित हैं,

हम प्रभु के करुणामय प्रेम के लिए आभारी हैं

और आप यहाँ हमारे साथ हैं,

जिस तरह आप प्रेरितों के साथ उपरी कमरे में थीं

कलीसिया की माता, दुःखियों की दिलासा,

बड़े भरोसे के साथ हम आपके पास आते हैं

हमारी प्रेरिताई के आनन्द और संघर्ष के साथ।

स्नेह से हमारी ओर नजर डालिए

और अपनी बाहों को हमारा आलिंगन करने के लिए खोलिए।

हे प्रेरितों की रानी, पापियों की शरण,

आप हमारी मानवीय कमजोरी

हमारी आध्यात्मिक पतन को जानती हैं,

एकाकीपन और परित्याग के सामने

अपने कोमल स्पर्श से हमारे घावों को चंगा कीजिए।

हे ईश्वर की माता, हमारी माता,

हम आपको अपना जीवन और अपना देश चढ़ाते हैं।

हम अपने धर्माध्यक्षीय एकता को तुझे चढ़ाते हैं।

हमारे लिए कृपा की याचना कीजिए

ताकि हम निष्ठापूर्वक हरेक दिन इसका अभ्यास कर सकें।

शब्द जिसको आपके पुत्र ने सिखलाया है

शब्द जो उनमें और उनके साथ है

अब हम उसे ईश्वर हमारे पिता को अर्पित करते हैं।

तब संत पापा एवं धर्माध्यक्षों ने "हे पिता हमारे" की प्रार्थना का पाठ किया। तत्पश्चात् संत पापा ने अंतिम प्रार्थना की -

हे ईश्वर आपने अपनी कलीसिया को बुलाया है

कि वह ख्रीस्त के दुःखभोग पर चिंतन करने हेतु

धन्य कुँवारी मरियम का अनुसरण करे

उनकी मध्यस्थता द्वारा हमें कृपा दे कि

हम आपके एकलौटे पुत्र के अधिक अनुरूप बन सकें

और उनकी कृपा को पूर्णता से ग्रहण कर सकें

जो युगानुयुग जीता और राज्य करता है।

आमेन।

माता मरियम से प्रार्थना करते धर्माध्यक्ष
माता मरियम से प्रार्थना करते धर्माध्यक्ष

सात दुःखों की माता मरियम का राष्ट्रीय तीर्थस्थल

शसतिन का राष्ट्रीय तीर्थस्थल 16वीं शताब्दी पुराना है। एक रईस महिला, एंजेलिका बाकिसोवा ने माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना की थी कि उनके पति काऊंट इमरिक जोबोर जो शसतिन के मुख्य थे और एक चिड़चिड़े व्यक्ति थे, उनका मन परिवर्तन हो जाए।

अपनी प्रार्थना सुनी जाने पर, बाकिसोवा ने धन्य कुँवारी मरियम की एक प्रतिमा बनवायी और उसे एक छोटे प्रार्थनालय में रखा। लोग वहाँ प्रार्थना करने आने लगे और जल्द ही वह एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल बन गया।

1710 में, चमत्कारों की रिपोर्ट के बाद, एक जांच आयोग की स्थापना की गई थी। चमत्कारों के 726 मामलों का अध्ययन किया गया और 10 नवंबर 1732 को, प्रतिमा को चमत्कारी घोषित किया गया तथा उसे शसतिन के पल्ली पुरोहित की देखरेख में सौंपा गया।

1733 में पौलीनों ने प्रतिमा की मांग की और तीर्थस्थल को एक मठ के रूप में निर्मित करना शुरू किया। दुर्भाग्य से, सम्राठ जोसेफ द्वितीय ने आदेश को रद्द कर दिया और मठ को अपने अधिकार में ले लिया। कलीसिया ने एक बार फिर तीर्थस्थल की कमान संभाली।

8 सितम्बर 1864 को स्ज़तेरगोम के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जान शितोवस्की ने माता मरियम की प्रतिमा को, सोने की कलाकृतियों का ताज पहनाया। 22 अप्रैल 1927 को पोप पियुस 11वें ने कुँवारी मरियम सात दुःखों की माता मरिया को स्लोवाकिया की संरक्षिका घोषित किया, उसके बाद 23 नवम्बर 1964 को संत पापा पौल छटवें ने गिरजाघर को लघु बसिलिका का दर्जा प्रदान किया।  

सात दुःखों की माता मरियम को समर्पित लघु महागिरजाघर में कलकत्ता की संत मदर तेरेसा 6 जून 1987 में और संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने 1 जुलाई 1995 में तीर्थयात्रा की थी।

 

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स्लोवाकिया की संरक्षिका सात दुःखों की माता मरियम से प्रार्थना
15 सितंबर 2021, 14:51