खोज

वाटिकन में ग्वादालुपे की माता मरियम से प्रार्थना करते संत पापा फ्रांसिस वाटिकन में ग्वादालुपे की माता मरियम से प्रार्थना करते संत पापा फ्रांसिस 

पोप ने मेक्सिको के लोगों से सहभागिता एवं पूर्ण जीवन जीने की अपील की

संत पापा फ्राँसिस ने स्पेन से मेक्सिको की आजादी की 200वीं वर्षगाँठ पर 27 सितम्बर को धर्माध्यक्षों को एक पत्र भेजा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 28 सितम्बर 2021 (रेई)- संत पापा ने मेक्सिको के धर्माध्यक्षों को पत्र में लिखा, "वर्षगाँठ जिसको आप मना रहे हैं निमंत्रण देता है कि आप न केवल जड़ों को मजबूत करने के लिए अतीत को देखें बल्कि वर्तमान को जीयें और भविष्य का निर्माण आनन्द और आशा से करें, उन मूल्यों को सुदृढ़ करें जिसने आपको स्थापित किया एवं लोगों के रूप में पहचान दिलाया है।

सोमवार को मेक्सिको की आजादी की 200वीं वर्षगांठ मनायी गई। इस अवसर पर संत पापा फ्रांसिस ने मेक्सिको के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है।

जड़ों एवं मूल्यों को सुदृढ़ करना

16 सितम्बर को हस्ताक्षरित पत्र में संत पापा फ्रांसिस ने कहा है कि आजादी को मनाना स्वतंत्रता को पुष्ट करना है जो एक उपहार है और एक स्थायी विजय, यही कारण है कि वे उनके इस उत्सव की खुशी में सहभागी हो रहे हैं। उन्होंने यह भी इच्छा व्यक्त की कि यह विशेष वर्षगाँठ, मूल को मजबूत करने एवं मूल्यों को पुष्ट करने का एक शुभ अवसर हो जिसने उन्हें एक राष्ट्र बनाया।  

अतीत के पाप

अपने संदेश में संत पापा ने कहा कि जड़ों को मजबूत करने के लिए आवश्यक है अतीत का पुनः अवलोकन करना, प्रकाश एवं छाया दोनों पर ध्यान देना जिसने देश का इतिहास रचा। "इस पूर्वव्यापी रूप में, आवश्यक रूप से स्मृति की शुद्धि की एक प्रक्रिया शामिल है, अर्थात् अतीत में की गई गलतियों को पहचानना, जो बहुत पीड़ादायक रही हैं।" यही कारण है कि पोप ने कई अवसरों पर अपने पूर्वाधिकारियों एवं अपनी ओर से व्यक्तिगत एवं सामजिक पाप हेतु, उन सभी कार्यों या चूकों के लिए क्षमा की याचना की है जिन्होंने सुसमाचार प्रचार में योगदान नहीं दिया।"

ख्रीस्तीय भावना के खिलाफ कारर्वाई

संत पापा ने कहा है कि हम उनके कार्यों को अनदेखा नहीं कर सकते जो सबसे बाद में किये गये हैं, मेक्सिको के एक बड़े हिस्से के ख्रीस्तीय धार्मिक भावना के खिलाफ हैं जिन्होंने बहुत अधिक पीड़ा दिया है। साथ ही, उन्होंने जोर दिया कि अतीत की पीड़ा हमारा आह्वान करती है कि हम वहीं पड़े न रहें बल्कि उनसे सीखें एवं घावों को चंगा करने के लिए आगे बढ़ते रहें, विविधताओं के बीच खुले और सम्मानपूर्ण वार्ता में भाग लें और भ्रातृत्व का निर्माण करें, स्वार्थ, तनाव एवं संघर्ष के बीच सार्वजनिक भलाई को प्राथमिकता दें।

आजादी, एकता एवं धर्म

इन सभी कारणों से, संत पापा ने इंगित किया है कि न केवल जड़ों को मजबूत किया जाए बल्कि जीना जारी रखा जाए और आनन्द एवं आशा के साथ वर्तमान का निर्माण किया जाए। "उन मूल्यों की पुष्टि करना है जिन्होंने उन्हें लोगों के रूप में स्थापित किया है और पहचान दिलाया है"। ये वे मूल्य हैं जिनके लिए मेक्सिको ने बड़ा संघर्ष किया है और जिनके लिए उनके कई पूर्वजों ने अपना जीवन दिया है। वे स्वतंत्रता, एकता एवं धर्म के मूल्य हैं।

ग्वादालुपे की माता मरियम

संत पापा ने याद किया कि ग्वादालुपे की माता मरियम ने अपने आपको सबसे निम्न और जरूरतमंद लोगों के लिए रास्ता के रूप में प्रकट किया है तथा न केवल मेक्सिको में बल्कि पूरे अमरीका में भाईचारा, स्वतंत्रता, मेल-मिलाप और ख्रीस्तीय संदेश के संस्कृतिक समायोजन को प्रोत्साहन दिया है।

"वे आप सभी के लिए एक निश्चित मार्गदर्शक बनें जो आपको एकता और उनके पुत्र येसु के पूर्ण जीवन की ओर ले चले।"

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

28 September 2021, 17:05