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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

चुनौतियों का सामना करते हुए बाल पीड़ितों की सेवा में, संत पापा

संत पापा फ्रांसिस ने धर्माध्यक्षों, धर्मसंघियों और पेशेवर लोक धर्मियों के प्रतिनिधियों को वडियो संदेश दिया, जो 19 सितंबर से मध्य और पूर्वी यूरोप की कलीसियाओं में बच्चों और कमजोर वयस्कों की सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए पोलैंड के वारसाव में एकत्रित होंगे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 18 सितम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज़) : संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 18 सितम्बर को नाबालिगों की सुरक्षा के लिए परमधर्मपीठीय आयोग एवं मध्य और पूर्वी यूरोप के धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों द्वारा आयोजित बैठक के अवसर पर वीडियो संदेश दिया। अभिवादन कर संत पापा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वे नाबालिगों के यौन शोषण के संकट पर कलीसिया द्वारा प्रदान की जा रही प्रतिक्रिया पर विचार करने के लिए एक साथ एकत्र हुए हैं।

केवन सत्य और क्षमा ही कलीसिया को चंगा करेगी

संत पापा ने कहा कि उन्होंने फरवरी 2019 में रोम में एकत्रित हुए, विश्व के धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के धर्माध्यक्षों को प्रोत्साहित किया था कि पीड़ितों की भलाई को संस्थागत कलीसिया की प्रतिष्ठा के लिए गुमराह करने वाली चिंता के पक्ष में दरकिनार नहीं किया जा सकता है। इसके बजाय, केवल इन दुष्ट प्रथाओं की सच्चाई का सामना करके, पीड़ितों और बचे लोगों से क्षमा मांगते हुए कलीसिया अपना रास्ता खोज पाएगी जहां इसे एक बार फिर से उन लोगों के लिए स्वागत और सुरक्षा के स्थान के रूप में भरोसा किया जा सकता है। संत पापा ने कहा, “दु:ख की हमारी अभिव्यक्ति को सुधार के ठोस रास्ते में बदलना चाहिए ताकि और अधिक दुरुपयोग को रोका जा सके और दूसरों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि हमारे प्रयास वास्तविक और विश्वसनीय परिवर्तन लाएंगे। मैं आपको इन महत्वपूर्ण चर्चाओं में पीड़ितों के रोने को सुनने और एक दूसरे के साथ और समाज के साथ खुद को समर्पित करने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ क्योंकि वे वास्तव में मध्य और पूर्वी यूरोप की कलीसिया के भविष्य और ख्रीस्तियों के दिल को छूते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है।”

एक ठोस सुधार जो पीड़ितों की पुकार सुनता है

संत पापा ने कहा कि इन आवश्यक कदमों को उठाने की जिम्मेदारी लेने वाले आप पहले नहीं है और शायद आप अंतिम भी नहीं होंगे। लेकिन इतना जान लें कि इस मुश्किल समय में आप अकेले नहीं हैं।

हमारी त्रुटियों और हमारी असफलताओं की पहचान निश्चित रूप से हमें कमजोर और नाजुक महसूस करा सकती है। लेकिन यह अनुग्रह का क्षण भी प्रस्तुत कर सकता है, अपने आप को खाली करने का क्षण, जो प्रेम और पारस्परिक सेवा के नए क्षितिज खोलता है। यदि हम अपनी गलतियों को पहचानते हैं, तो हमें डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि यह स्वयं प्रभु ही है जिन्होंने हमें उस मुकाम तक पहुंचाया है।

प्रभु के विनम्र साधन बनें

संत पापा ने उन्हें किसी के प्रति द्वेष की भावना न रखने, सभी के प्रति उदारता के साथ दुर्व्यवहार के शिकार लोगों की सेवा में प्रभु के विनम्र साधन बनने का आग्रह किया। वे अपने आप को एक सामान्य भविष्य के साथी और नायक के रूप में देखते हुए, एक-दूसरे से सीखते हुए और अधिक वफादार और लचीला बनें। ताकि  सब मिलकर भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकें। अंत में संत पापा ने उन्हें माता मरियम के संरक्षण में सौंपते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

 

 

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18 September 2021, 15:13