नाना-नानी व बुजुर्गों के विश्व दिवस पर संत पापा का ट्वीट संदेश
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, सोमवार 26 जुलाई 2021 (वाटिकन न्यूज) : कलीसिया पहली बार दादा-दादी और बुजुर्गों का विश्व दिवस रविवार 25 जुलाई को मनाया। नाना-नानी एवं बुजुर्गों के विश्व दिवस की विषयवस्तु है, "मैं सदा तुम्हारे साथ हूँ।" (मती. 28:20) इस दिन संत पापा फाँसिस ने 4 ट्वीट कर दादा-दादी और बुजुर्गों का विश्व दिवस के महत्व, बुजुर्गों की बुलाहट और दादा दादी एवं बुजुर्गों की देखभाल करने हेतु युवाओं को प्रेरित किया।
1ला ट्वीट
पहले टवीट संदेश में संत पापा ने लिखा, "मैं सदा तुम्हारे साथ हूँ, " रोम के धर्माध्यक्ष के रुप में, आप के ही जैसा मैं बुजुर्ग व्यक्ति, आप सभी को दादा-दादी और बुजुर्गों के पहले विश्व दिवस पर संबोधित करना चाहता हूँ। कलीसिया आपके और हमारे करीब है। वो आपसे प्यार करती है और आपको अकेला नहीं छोड़ना चाहती है!"
2रा ट्वीट
संत पापा ने बुजुर्गों के पहले विश्व दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए संदेश में लिखा, "इस दिन का महत्व यह है कि हर दादा और दादी, हर बुजुर्ग, विशेष रूप से हम में से जो सबसे अकेले हैं, उनसे देवदूत मुलाकात करने आये!"
3रा ट्वीट
जीवन के अंतिम मुकाम में भी बुजुर्गों के उतरदायित्व को इंगित करते हुए संत पापा ने संदेश में लिखा, "प्रिय दादा दादी, आज इस उम्र में हमारी बुलाहट क्या है? अपनी जड़ों को बचाना, युवाओं को अपना विश्वास देना और छोटों की देखभाल करना। आइए, इसे कभी न भूलें।"
4था ट्वीट
रविवारीय धर्मविघि के लिए निर्धारित संत योहन के सुसमाचार पाँच रोटियों और दो मछली के चमत्कार पर चिंतन करते हुए संत पापा ने संदेश में लिखा, "हमें हर दिन खुद से पूछना अच्छा होगा: "आज मैं येसु के पास क्या लाऊं?" वे हमारी एक उदार प्रार्थना द्वारा दूसरों के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। इस प्रकार ईश्वर कार्य करना पसंद करते हैं: वे छोटी चीजों से शुरू करके महान कार्य करते हैं।" (योहन 6:1-15)
5वां ट्वीट
संत पापा ने टोक्यो में चल रहे ओलंपिक खेलों की महता पर प्रकाश डालते हुए अपने ट्वीट संदेश में लिखा, "महामारी के इस समय में, टोक्यो ओलंपिक आशा का प्रतीक है, एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धी भावना द्वारा चिह्नित विश्वव्यापी भाईचारे का प्रतीक है।" #टोक्यो 2020
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