कार्डिनल परिषद ने वित्तीय पर्यवेक्षण की समीक्षा की
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार 26 जून 2021 (वाटिकन न्यूज) : गुरुवार दोपहर आयोजित एक आभासी बैठक में, कार्डिनलों की परिषद ने दुनिया के धर्मप्रांतों में धर्मसभा पथ के महत्व पर चर्चा की, मनीवाल रिपोर्ट और वित्तीय पर्यवेक्षण में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और विभिन्न महाद्वीपों में महामारी की स्थिति से खुद को अपडेट किया।
आभासी बैठक
कोविड -19 महामारी और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा में प्रतिबंधों के कारण, कार्डिनलों की परिषद की आभासी बैठक हुई। वाटिकन प्रेस कार्यालय ने कहा कि संत पापा उस बैठक में शामिल हुए जिसमें होंडुरास के कार्डिनल ऑस्कर रोड्रिग्ज मराडियागा, जर्मनी के कार्डिनल रेनहार्ड मार्क्स, यूएसए के कार्डिनल सीन पैट्रिक ओ'माली, भारत के कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक कांगो के कार्डिनल फ्रिडोलिन अंबोंगो बेसुंगु ने अपने-अपने देशों से लाइव लिंक के माध्यम से भाग लिया। वाटिकन राज्य के परमधर्मपीठीय आयोग के अध्यक्ष कार्डिनल जुसेप्पे बर्टेलो और कार्डिनलों की परिषद के सचिव धर्माध्यक्ष मार्को मेलिनो वाटिकन से जुड़े हुए थे। वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन पिछली प्रतिबद्धताओं के कारण भाग लेने में असमर्थ थे।
म्यांमार से निकटता
प्रेस कार्यालय ने कहा, " संत पापा फ्राँसिस के अभिवादन के बाद, कार्डिनलों ने विभिन्न महाद्वीपों में, कोविड -19 महामारी की स्थिति को प्रस्तुत करने के लिए संक्षिप्त योगदान की पेशकश की। इस संदर्भ में, कार्डिनल ग्रेसियस ने म्यांमार में दर्दनाक स्थिति के लिए व्यक्त शब्दों और निकटता के लिए संत पापा फ्राँसिस को धन्यवाद दिया।
धर्मसभा प्रक्रिया
संत पापा फ्राँसिस ने "धर्मप्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर पर चल रही धर्मसभा प्रक्रियाओं के महत्व को दोहराया और हाल के सप्ताहों में धर्माध्यक्षों के धर्मसभा के सचिवालय द्वारा शुरू किए गए व्यापक आंदोलन में उन्हें कैसे आत्मसात किया जाना चाहिए, इसपर अपना विचार व्यक्त किया" सभी प्रतिभागियों ने हाल की मनीवाल रिपोर्ट और परमधर्मपीठ के आर्थिक और वित्तीय निरीक्षण के तरीकों में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
कार्डिनलों के परिषद की अगली बैठक सितंबर के लिए निर्धारित की गई है।
2013 में संत पापा फ्राँसिस द्वारा विश्वव्यापी कलीसिया के मार्गदशन में उनकी सहायता करने के लिए "कार्डिनलों की परिषद" बनाई गई थी और 1988 में रोमी कार्यालय, रोम में काथलिक कलीसिया का प्रमुख कार्यालय पर संत पापा जॉन पॉल द्वितीय के प्रेरितिक संविधान “पास्टर बोनुस” के संशोधन के लिए परियोजना का अध्ययन किया गया था।
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