वेनेज़ुएला को सन्त पापा फ्राँसिस का विडियो सन्देश
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021 (रेई,वाटिकन रेडियो): वेनेज़ुएला की राजधानी काराकास में 30 अप्रैल के लिये निर्धारित डॉ. होसे ग्रेगोरियो हेरनानडेज़ की धन्य घोषणा के उपलक्ष्य में गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने वेनेज़ुएला के धर्माध्यक्षों एवं लोगों को एक विडियो सन्देश प्रेषित कर डॉ. हेरनानडेज़ को "वैयक्तिक अच्छाई तथा नागरिक एवं धार्मिक गुणों का एक आदर्श" निरूपित किया।
ज़रूरतमन्दों के डॉक्टर
पेरिस, बर्लिन, मैडरिड एवं न्यू यॉर्क में अध्ययन के उपरान्त प्रसिद्ध जीवाणुविज्ञानी बने डॉ. हेरनानडेज़ "गरीबों के चिकित्सक" रूप में जाने जाते थे। सन् 1919 में एक कार दुर्घटना में काराकास में उनकी मृत्यु हो गई थी।
विडियो सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि कलीसिया केवल उसी बात की पुष्टि कर रही थी जिसपर वेनेज़ुएला के लोग पहले से ही विश्वास करते हैं और वह यह कि डॉ. हेरनानडेज़ लोगों के डॉक्टर थे, वे सदैव लोगों की सेवा को तत्पर रहा करते थे और अभी भी वे कोरोमोटो की माँ मरियम के संग मिलकर हम सब के लिये मध्यस्थता करते हैं।
सार्वभौमिक सेवा के आदर्श
सन्त पापा फ्राँसिस ने डॉ. हेरनानडेज़ को ख्रीस्त के विश्वसनीय प्रेरित की संज्ञा प्रदान की जिन्होंने सुसमाचार को ही अपने जीवन का मापदण्ड बना लिया था तथा जो सबके लिये विनय एवं विनम्रता के आदर्श थे। उन्होंने कहा, "वे जीवन की रक्षा को प्रतिबद्ध, इतिहास की चुनौतियों का सामना करने हेतु तत्पर तथा, विशेष रूप से, भले समारी के सदृश अन्यों की सेवा के लिये पवित्रता के आदर्श हैं, वे सार्वभौमिक सेवा के व्यक्तित्व हैं।"
वेनेज़ुएला के समक्ष चुनौतियाँ
सन्त पापा ने कहा कि डॉ. हेरनानडेज़ की धन्य घोषणा एक ऐसे समय में हो रही थी जब वेनेज़ुएला कठिन चुनौतियों के दौर से गुज़र रहा है, जो कोविद-19 महामारी के कारण और अधिक गम्भीर हो गया है। सन्त पापा ने कहा कि इस कठिन घड़ी में डॉ. हेरनानडेज़ की धन्य घोषणा विश्वास का समारोह एवं ईशकृपा का फल है जो वेनेज़ुएला के लोगों में अन्यों की सेवा हेतु नवस्फूर्ति को अनुप्राणित करेगा तथा ज़रूरतमन्दों के प्रति एकात्मता को प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
सन्त पापा ने कहा कि उनका विश्वास है कि इस चुनौतिपूर्ण समय में वेनेज़ुएला के लोग डॉ. हेरनानडेज़ का आदर्श ग्रहण कर देश में न्याय एवं शांति की बहाली हेतु काम करेंगे। उन्होंने सभी से, विशेष रूप से, धार्मिक नेताओं, राजनीतिज्ञों एवं व्यापार जगत के नेताओं का आह्वान किया कि वे देश में एकता की स्थापना हेतु कृतसंकल्प होवें तथा सबके लिये एक न्यायसंगत भविष्य की रचना में योगदान प्रदान करें।
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