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वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में सन्त पापा फ्राँसिस वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में सन्त पापा फ्राँसिस  

लॉस आन्जेलस धार्मिक शिक्षा सम्मेलन को सन्त पापा का सन्देश

सन्त पापा फ्रांसिस ने लॉस आन्जेलस महाधर्मप्रान्त के तत्वाधान में 18 से 21 फरवरी तक धार्मिक शिक्षा पर आयोजित ऑनलाईन सम्मेलन को एक विडियो सन्देश प्रेषित कर प्रतिभागियों का सौहार्दपूर्ण अभिवादन किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 19 फरवरी 2021 (रेई,वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्रांसिस ने लॉस आन्जेलस महाधर्मप्रान्त के तत्वाधान में 18 से 21 फरवरी तक धार्मिक शिक्षा पर आयोजित ऑनलाईन सम्मेलन को एक विडियो सन्देश प्रेषित कर प्रतिभागियों का सौहार्दपूर्ण अभिवादन किया।

ईश्वर सत्यप्रतिज्ञ हैं

सन्देश में सन्त पापा ने कहा, निःसन्देह यह समय हम सब के लिये एक कठिन और संकटपूर्ण काल है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम सभी के लिए मुश्किल समय में हैं, यह संकट का समय है। इस संदर्भ में, उन्होंने कहा, "सम्मेलन की यह अपील अति प्रासंगिक है कि हम: "प्रतिज्ञा की उदघोषणा करें! और याद रखें कि हमारे पास ईश्वर की प्रतिज्ञा है, और यह कि ईश्वर सत्यप्रतिज्ञ हैं।"

सन्त पापा ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि "हर महिला, हर पुरुष और हर पीढ़ी अपने आपमें एक प्रतिज्ञा को संजोये रहती है जो नई संबंधपरक, बौद्धिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर सकती है।"

उन्होंने कहा कि कोविद-19 महामारी ने "हमारे समुदायों के व्यक्तियों एवं इतिहास को चिन्हित कर रखा है। इस वास्तविकता के समक्ष भविष्य की ओर दृष्टि लगाते हुए आनेवाले कल का निर्माण करना आवश्यक है, और इसके लिये सबके साहस, शक्ति, संकल्प एवं समर्पण की ज़रूरत है।"

भाईचारा पोषित करें

सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "इन महीनों के दौरान उदारता एवं प्रेम के जिस साक्ष्य को हमने देखा है, उसने, निश्चित्त रूप से, हमारे बीच, हमारे अन्तःकरणों में तथा समाज की संरचना के भीतर अपनी एक अमिट छाप छोड़ दी है और हमें सिखाया है कि भाईचारे को पोषित करने के लिये कितनी पराकाष्ठा, देखभाल, संगति एवं त्याग की आवश्यकता होती है।"  

उन्होंने कहा, "किसी भी संकट से बाहर निकलने के बाद ही लोगों की सही पहचान हमें मिलती है, क्योंकि संकट मानव हृदय को खोल कर रख देता है। वह मनुष्य के आभ्यन्तर में व्याप्त एकात्मता, दया और हृदय की विशालता को उजागर कर देता है। अस्तु, महामारी के संकट के बावजूद हम भ्रातृत्व, मैत्री और आतिथ्य भाव में जीने का प्रयास करें तथा मानव प्रतिष्ठा के सम्मान के प्रति चेतना जागृत करने में लगे रहें।"    

युवाओं से

सन्देश के अन्त में युवाओं को सम्बोधित शब्दों में सन्त पापा ने कहाः "आप युवाओ! आप लोग  एक नवीन मानव सौंदर्य, नये भ्रातृत्व और मैत्रीपूर्ण सौंदर्य के कवि बनें! याद रखें कि सपने का निर्माण एक साथ मिलकर किया जाता है। अपने विश्व पत्र फ्रात्तेल्ली तूती को उद्धृत कर सन्त पापा ने कहा, "सपने एक साथ निर्मित होते हैं। “सपने एक साथ निर्मित होते हैं। हम एक ही मानवता के रूप में सपने देखते हैं, एक ही मानव मांस से बने तीर्थयात्रियों के रूप में, इस एक ही भूमि के बच्चों के रूप में, जो हम सभी की मेज़बानी करती है, प्रत्येक अपनी-अपनी आस्था अथवा विश्वास की समृद्धि के साथ, प्रत्येक अपनी आवाज के साथ, तथापि, सब के सब भाइयों के सदृश!"

इस शुभकामना के साथ सन्त पापा फ्रांसिस ने धार्मिक शिक्षा पर जारी लॉसआन्जेलस के सम्मेलन में भाग लेनेवाले सभी प्रतिभागियों पर प्रभु ईश्वर की मंगलमय आशीष की याचना की।

19 February 2021, 11:39