उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 12 जनवरी 2021 (रेई)-उन्होंने संदेश में लिखा, "एक समाज उतना ही अधिक मानवीय होता है जितना वह अपने सबसे कमजोर एवं पीड़ित सदस्यों की देखभाल भ्रातृत्व प्रेम की भावना से करता है।"
अपने दूसरे द्वीट संदेश में व्यक्ति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए लिखा, "हमारा महान धन उसपर निर्भर करता है कि हम क्या हैं : हमने जो जीवन पाया, हमारे अंदर की अच्छाइयाँ, अमिट सुन्दरता, इन्हें ईश्वर ने हमें अपने प्रतिरूप में बना कर प्रदान किया है। ये सभी चीजें हमें उनकी नजरों में मूल्यवान बनाते हैं, हम प्रत्येक कीमती हैं और इतिहास में अनुठे।"