उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 19 दिसम्बर 2020 (रेई)- जर्मन भाषी छात्रों को येरूसालेम के कोर्स में भाग लेना था किन्तु कोरोना वायरस महामारी के कारण वे वहाँ नहीं जा पाये। अतः पवित्र भूमि जाने के बदले 30 विद्यार्थियों को रोम के परमधर्मपीठीय अंतेनायुम संत अंसेलमो में पढ़ने का अवसर मिला है। इसी परिवर्तन के कारण वे शुक्रवार को संत पापा से वाटिकन में मुलाकात कर पाये।
विद्यार्थियों का अभिवादन करते हुए संत पापा ने कहा कि अध्ययन का यह वर्ष काथलिक एवं प्रोटेस्टंट विद्यार्थियों के लिए एक अवसर है कि वे बाईबिल के स्थलों से परिचित हो सकते हैं और पूर्वी कलीसिया, साथ ही साथ यहूदी एवं इस्लामी जगत से मुलाकात कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, "यद्यपि आप इस साल पवित्र भूमि का अनुभव नहीं ले सकते, ख्रीस्तीय एकता एवं अंतरधार्मिक वार्ता आपके कार्यक्रम में विशेष अवसर बनकर रहेंगे।"
समाज में ईश्वर की उपस्थिति
संत पापा ने जोर दिया कि ईशशास्त्र के विद्यार्थियों के रूप में, वे अपने साथियों एवं आज के स्त्री पुरूषों के लिए, अपने जीवन में ईश्वर के महत्व एवं विश्वास को पूर्णता से जीने के साक्षी हैं।
उन्होंने कहा, "यह आपका कर्तव्य है कि आप एक ऐसी दुनिया में वार्ता के द्वारा प्रवेश करें जहाँ धर्म के लिए बहुत कम स्थान हैं। इस बात को जानते हुए कि ईश्वर को प्रस्तुत करना हमारे समाजों के लिए अच्छा है, विभिन्न धर्मों के सभी विश्वासियों के लिए यह एक जिम्मेदारी है।
धर्म और भाईचारा
प्रेरितिक पत्र फ्रातेल्ली तूत्ती का हवाला देते हुए संत पापा ने इस बात को रेखांकित किया कि विश्वासियों के समान हम यकीन करते हैं कि भाईचारा के निर्माण एवं समाज में न्याय की रक्षा हेतु धर्म का एक महत्वपूर्ण योगदान है। दूसरी ओर हम विश्वास करते हैं कि जब कई कारणों से लोग ईश्वर को समाज से दरकिनार करना चाहते हैं तब वे देवमूर्तियों की पूजा करने लगते हैं और भटक जाते हैं।
संत पापा ने उम्मीद जतायी कि उनके ईशशास्त्र की पढ़ाई का यह साल उनके प्रशिक्षण, आध्यात्मिकता और मानवीय यात्रा में मददगार होगा। अंततः क्रिसमस के पूर्व संत पापा ने याद दिलाया कि आध्यात्मिक रूप से हम सभी बेतलेहेम की चरनी की तीर्थयात्रा करेंगे और उन्हें प्रोत्साहन दिया कि वे "ईश्वर हमारे साथ हैं" का साक्ष्य दें।