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सितम्बर माह का वीडियो संदेश

"हम ग्रह के संसाधनों को निचोड़ रहे हैं। उन्हें निचोड़ रहे हैं, मानो कि पृथ्वी एक संतरा हो। वैश्विक उत्तर के देशों और व्यवसायों ने दक्षिण के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करके खुद को समृद्ध किया है, एक पारिस्थितिक ऋण उत्पन्न किया है, इस ऋण को कौन चुकायेगा? इसके साथ ही, यह पारिस्थितिक ऋण बढ़ जाती हैं जब बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ ऐसे कार्यों को करते हैं जिनको अपने देश में करने के लिए उन्हें कभी अनुमति नहीं मिलती। आज, कल नहीं, आज हमें जिम्मेदारी के साथ सृष्टि की देखभाल करना है। आइये, हम प्रार्थना करें ताकि ग्रह के संसाधन का दोहन न किया जाए बल्कि इसे न्याय एवं सम्मानपूर्ण तरीके से बांटा जाए।"

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02 September 2020, 13:58