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बेरुतका धराशायी संत लुईस महागिरजाघर बेरुतका धराशायी संत लुईस महागिरजाघर 

जांचकर्ताओं द्वारा लेबनान विस्फोट की जांच की शुरुआत

संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को कहा कि वे लेबनान के लिए प्रार्थना करना जारी रखे हुए हैं। अब अंतर्राष्ट्रीय जांचकर्ता लेबनान में हैं और पता लगाने की कोशिश में हैं कि विनाशकारी विस्फोट का कारण क्या था।

माग्रेट सुनीता मिंज- वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 17 अगस्त 2020 ( वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण देवदूत प्रार्थना के बाद अपने अभिवादन में बेरुत में हुए विस्फोट की याद कर कहा कि वे लेबनान के लोगों के लिए प्रार्थना करना जारी रखे हुए हैं। दुनिया की कई अन्य परिस्थितियां लोगों को बहुत पीड़ा दे रही हैं। 4 अगस्त को बेरुत में हुए विस्फोट से 170 लोग मारे गए, हजारों लोग घायल हो गए और गिरजाघरों और मठों सहित इमारतों को नुकसान पहुंचा।

4 अगस्त के विस्फोट की जांच का काम शुरू करने के लिए रविवार को एक फ्रांसीसी फोरेंसिक पुलिस दल लेबनान की राजधानी पहुंचा। साथ ही, एक अमेरिकी दूत भी विस्फोट की जांच में सहायता करने के लिए बेरुत पहुंचा। विस्फोट में 170 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए।

आग का वास्तविक कारण जो टनों अमोनियम नाइट्रेट का जलना कहा गया है, अभी भी अस्पष्ट है।

फ्रांसीसी गोताखोरों ने विस्फोट द्वारा बनाए गए पानी के नीचे गड्ढे की खोज की और विस्फोटकों के नमूने लिये। इस बीच, बंदरगाह के सुरक्षित स्थानों में श्रमिक गेहूं उतारा। इससे पहले सप्ताह में, विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा कि 17,500 मीट्रिक टन गेहूं का आटा और तीन महीने के लिए गेहूं की आपूर्ति लेबनान के रास्ते में है।

संयुक्त राष्ट्र ने लेबनान के लिए $ 565 मिलियन की सहायता के लिए अपील शुरू की। धन का उपयोग पुनर्निर्माण के प्रयासों के लिए किया जाएगा।

लेबनान के संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयक नजत रोचडी ने कहा: "लोगों के जीवन के पुनर्निर्माण और तबाही से उबरने का काम केवल शुरुआत है।" विस्फोट से पहले भी, लेबनान एक गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा था और कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा था। देश ने उच्च बेरोजगारी के स्तर को रिकॉर्ड किया।

पिछले सप्ताह, अंतर्राष्ट्रीय नेताओं ने एक आभासी दाता सम्मेलन में भाग लिया और मानवीय सहायता में लगभग $ 300 मिलयन जमा करने करने का वादा किया, जिसे संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से सीधे लोगों तक पहुंचाया जाएगा।

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17 August 2020, 14:59