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उप-सचिव फ्रांसिस्का दी जोवान्नी उप-सचिव फ्रांसिस्का दी जोवान्नी 

राज्य के सचिवालय में एक महिला उप-सचिव: फ्रांसिस्का दी जोवान्नी

संत पापा फ्राँसिस ने राज्यों के साथ संबंधों के अनुभाग में फ्रांसिस्का दी जोवान्नी को उप-सचिव के रुप में मनोनीत किया। वे बहुपक्षीय क्षेत्र का समन्वय करेंगी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार,15 जनवरी 2020 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार 15 जनवरी को राज्यों के साथ संबंधों के अनुभाग की पहली महिला उप-सचिव के रुप में फ्रांसिस्का दी जोवान्नी को मनोनीत किया और उसे बहुपक्षीय क्षेत्र से संबंधित कार्यों को सौंपा जो राज्यों के साथ संबंधों के अनुभाग में करीब 27 वर्षों से कार्यरत है।  

परिचय

फ्रांसिस्का दी जोवान्नी का जन्म इटली के पलेरमो में 1953 में हुआ। वे लॉ में स्नातक किया है। उन्होंने ओपेरा दी मारिया (फ़ोकोलारे मूवमेंट) के अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में कानूनी-प्रशासनिक क्षेत्र में काम किया। 15 सितंबर, 1993 से वह राज्य सचिवालय के राज्यों के साथ संबंधों की धारा में एक अधिकारी के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने हमेशा बहुपक्षीय क्षेत्र में अपनी सेवा की है, खासकर प्रवासियों और शरणार्थियों, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून, संचार, अंतर्राष्ट्रीय निजी कानून, महिलाओं की स्थिति, बौद्धिक संपदा और पर्यटन से संबंधित मुद्दों के बारे में। आज से राज्यों के साथ संबंधों की धारा में दो उप-सचिव हैं, दी जोवान्नी वास्तव में मोनसिनोर मिरोस्लाव वाकोवस्की के समर्थन में मुख्य रूप से द्विपक्षीय कूटनीति के क्षेत्र काम करेंगी।

 वाटिकन न्यूज और ओसरवातोरे रोमानो ने उनका साक्षात्कार लिया।

क्या आप उप-सचिव के रूप में नियुक्ति से हैरान थे?

हाँ बिल्कुल! अब कई वर्षों से हम बहुपक्षीय क्षेत्र के लिए एक उप-सचिव की आवश्यकता के बारे में सोच रहे थे, इस नाजुक क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि इसकी अपनी प्रक्रियाएं हैं, कुछ मायनों में यह द्विपक्षीय क्षेत्र से अलग है। लेकिन मैने कभी सोचा नहीं था कि संत पापा मुझे यह पद सौपेंगे।

यह एक नई भूमिका है और मैं संत पापा के भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगी, लेकिन मुझे उम्मीद है कि इसे अकेले नहीं करूंगी, मैं उस सद्भाव पर भरोसा करना चाहूंगी जिसने अब तक हमारे कामकाजी समूह की विशेषता रही है।

वास्तव में "बहुपक्षीय क्षेत्र" क्या है?

साधारण शब्दों में, आप कह सकते हैं कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतर-सरकारी संगठनों के बीच संबंधों से संबंधित है और इसमें बहुपक्षीय संधियों का नेटवर्क शामिल है, जो महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय आम अच्छे से संबंधित विभिन्न मुद्दों के संबंध में राज्यों की राजनीतिक इच्छा को मूर्त रूप देते हैं। इसमें विकास, पर्यावरण, संघर्षों के शिकार लोगों की सुरक्षा, महिलाओं की स्थिति आदि शामिल हैं।

आपकी क्या-क्या जिम्मेदारियाँ हैं?

मैं राज्यों के साथ संबंधों के लिए अब तक जो कुछ भी कर रही हूँ, उसे जारी रखूंगी, हालांकि इस नई भूमिका में, मैं इस क्षेत्र में काम के समन्वय के लिए जिम्मेदार हूँ।

आप राज्य सचिवालय में इस स्तर पर पद संभालने वाली पहली महिला हैं ...

हां, वास्तव में, यह पहली बार है जब किसी महिला को राज्य सचिवालय में प्रबंधकीय पद मिला है। संत पापा ने एक अभूतपूर्व निर्णय लिया है, निश्चित रूप से, जो स्वयं से परे, महिलाओं के प्रति एक ध्यान का संकेत देता है। लेकिन जिम्मेदारी महिला होने के तथ्य के बजाय काम से जुड़ी है।

आपकी राय में, इस क्षेत्र में एक महिला का विशिष्ट योगदान क्या हो सकता है?

मैं1 जनवरी 2020 को पवित्र मिस्सा समारोह के दौरान संत पापा फ्राँसिस के प्रवचन को याद करती हूँ, जिसे हम कह सकते हैं महिलाओं की भूमिका का एक भजन था, "महिला शांति की दाता और मध्यस्थ है और पूरी तरह से निर्णय लेने की प्रक्रियाओं से जुड़ा हुआ है। क्योंकि जब महिलाएं अपने उपहारों को प्रसारित करती हैं, तो दुनिया खुद को अधिक एकजुट और शांति में पाती है। "काश मैं संत पापा की इस चिंतन को संभव बनाने में योगदान दे पाती, अन्य सहयोगियों के साथ जो राज्य के सचिवालय में इस क्षेत्र में काम करते हैं, लेकिन अन्य महिलाओं के साथ भी - और कई हैं - जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बनाने का काम करते हैं। बहुपक्षीय क्षेत्र की ओर संत पापा का ध्यान आकर्षित कराना महत्वपूर्ण है, जिस पर अब कुछ लोगों ने सवाल उठाया हैं। लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक मौलिक कार्य है। भावना के साथ रिश्तों की देखभाल करने के लिए एक महिला के कुछ सामान्य दृष्टिकोण हो सकते हैं। मुझे आशा है कि मेरी महिला होने के नाते इस कार्य में सकारात्मक रूप से परिलक्षित हो पाउँगी। कुछ भले उपहार, मैं निश्चित रूप से अपने पुरुष सहयोगियों के दृष्टिकोण में भी पाती हूँ।

हाल ही में राजनयिकों को दिये अपने भाषण में, संत  पापा ने बहुपक्षीय प्रणाली की बात की और उन्होंने  यह मांग की कि इसमें सुधार किया जाए।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रति परमधर्मपीठ का मिशन है। वह यह सुनिश्चित करता है कि पुरुषों और राष्ट्रों के बीच नैतिक आयाम विकसित हो। हमें सभी स्तरों पर बातचीत को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए, हमेशा राजनयिक समाधान की तलाश में रहना चाहिए। उदाहरण के लिए, संत पापा ने राजनयिकों को अपने हालिया भाषण में, अन्य बातों के अलावा, संयुक्त राष्ट्र के कई सकारात्मक परिणामों को याद किया, जो इस वर्ष अपनी संस्था की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है। हम उन्हें सामान्य भलाई हासिल करने के लिए एक आवश्यक साधन के रूप में देखना जारी रखना चाहते हैं, आवश्कतानुसार हमें उन परिवर्तनों या सुधारों की मांग करने की छूट देता है।

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15 January 2020, 17:02