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ग्रेचो में विश्वासियों को सम्बोधित करते संत पापा फ्राँसिस ग्रेचो में विश्वासियों को सम्बोधित करते संत पापा फ्राँसिस  

संत पापा ने किया ग्रेचो शहर में पहली चरनी का दर्शन

संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को इताली शहर ग्रेचो का दौरा किया जहाँ उन्होंने अपने प्रेरितिक पत्र "अदमिराबिले सेन्यूम" पर हस्ताक्षर किया जिसमें उन्होंने क्रिसमस चरनी के महत्व पर प्रकाश डाला है।

उषा मनोरमा तिरकी- वाटिकन सिटी

इटली, सोमवार, 2 दिसम्बर 2019 (रेई)˸ ग्रेचो में अपनी छोटी यात्रा के दौरान संत पापा ने उस स्थान पर प्रार्थना की जहाँ संत फ्राँसिस असीसी ने चरनी का निर्माण किया था। यह छोटी चरनी बेतलेहेम की गुफा के समान है जहाँ कुँवारी मरियम ने येसु को जन्म दिया था। 

14वीं शताब्दी का भित्तिचित्र जो गुफा की दीवार पर अंकित है उसमें माता मरियम येसु ख्रीस्त को दूध पिला रही हैं और संत फ्राँसिस घुटना टेकर दण्डवत कर रहे हैं। संत पापा ने वहाँ अपने प्रेरितिक पत्र "अदमिराबिले सेन्यूम" पर हस्ताक्षर किया जिसमें चरनी के अर्थ पर चिंतन दिया गया है।

मौन की सरलता एवं प्रार्थना

संत पापा फ्राँसिस ने ग्रेचो में उपस्थित विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, "इस पवित्र स्थल पर कितने विचार उठते हैं।" किन्तु उस चट्टान पर जहाँ संत फ्राँसिस ने अपने प्रथम चरनी के निर्माण की प्रेरणा पायी थी वह एक निमंत्रण है कि हम सादगी को पुनः अपनायें। यहाँ बहुत सारे शब्दों की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारी आखों के सामने यह दृश्य प्रज्ञा को प्रकट करता है जो हमारे लिए इसे समझने के लिए आवश्यक है। 

मौन, जीवन की व्यस्तता के बीच चरनी में ईश्वर के पुत्र बालक येसु के मुखड़े की सुन्दरता पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करता है जो गौशाला की गरीबी में जन्मे। जबकि प्रार्थना, हमारे विस्मयकारी कृतज्ञता को प्रकट करता है जिसमें उनके द्वारा प्रेम के महान वरदान के लिए हम अपना आभार प्रकट करते हैं।  

अद्भुत दृश्य

संत पापा फ्राँसिस ने चरनी को सरल एवं अदभुत दृश्य कहा जो विश्वास के महान रहस्य को प्रकट करती है। ईश्वर ने इतना प्रेम किया कि वे मानव बन गये और हमारे समान जीया, वे हमें कभी अकेला नहीं छोड़ते। आइये हम बेतलेहेम के चरवाहों की तरह, दर्शन करने के निमंत्रण को स्वीकार करें ताकि हम ईश्वर प्रदत्त चिन्ह को देख एवं पहचान सकें। यह हमारे हृदय को आनन्द से भर देगा और हम उन्हें वहाँ ले जायेंगे जहाँ उदासी है।

रात में दीपक

अंत में संत पापा ने कहा कि हम बालक येसु को देखें और मरियम एवं जोसेफ के साथ अपने आपको भी उपस्थित करें जिन्होंने अपने पुत्र को चरनी में रखा क्योंकि घर में कोई जगह नहीं थी।  

संत पापा ने प्रार्थना की कि बालक येसु की मुस्कान हमारे अंधकार को दूर करे, हमारी उदासीनता को दूर करे ताकि हम पिता ईश्वर द्वारा प्रेम किया गया महसूस कर सकें।

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02 December 2019, 17:20