ईश्वर के लिये कुछ भी असम्भव नहीं, सन्त पापा फ्राँसिस
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 20 दिसम्बर 2019 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग के अवसर पर, गुरुवार को, सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि ईश्वर के लिये कुछ भी असम्भव नहीं है, ईश्वर सबकुछ को बदल सकते हैं।
ईश्वर के लिये कुछ भी असम्भव नहीं
रेगिस्तान में फूल खिलने सम्बन्धी नबी इसायाह की भविष्यवाणी का स्मरण करते हुए सन्त पापा ने ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को याद दिलाया कि ईश्वर सबकुछ को बदलने में सक्षम हैं। हम पाप में गिरते रहते हैं किन्तु ईश्वर मुफ्त में हमें मुक्त करते हैं। उन्होंने बाईबिल धर्मग्रन्थ की दो महिलाओं का उदाहरण देते हुए कहा, "योहन बपतिस्ता की माँ एलिज़ाबेथ तथा अब्राहम की पत्नी सारा दोनों बाँझ थीं किन्तु उन्होंने विश्वास किया और बच्चों को जन्म देने के योग्य बनीं।"
एलीज़ाबेथ के विषय में बोलते हुए उन्होंने कहा, "बाँझपन एक रेगिस्तान है", क्योंकि "एक बाँझ महिला वंशजों के बिना ही समाप्त हो जाती है"। उन्होंने कहा, "एलीज़ाबेथ और सारा दोनों प्रजनन के योग्य बनीं क्योंकि प्रभु ईश्वर सबकुछ को बदल देने में सक्षम हैं, प्रकृति के विधान को बदलने में भी ईश्वर सक्षम हैं। वे अपने वचन के लिये मार्ग प्रशस्त करने में सक्षम हैं। ईश्वर ही हमें हमारी दरिद्रताओं से बचाने में सक्षम हैं, किन्तु इसके लिये ज़रूरी है विश्वास की, जो ईश वरदान है और जिसके लिये सतत् प्रार्थना की आवश्यकता है।"
हम सब बाँझ हैं
कृपा के अर्थ को समझाते हुए सन्त पापा ने सन्त अगस्टीन के शब्दों में आग्रह किया कि हम प्रभु ईश्वर द्वारा मुफ्त में प्रदत्त कृपा के प्रति अपने हृदयों के द्वारों को खोलें। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति कहता है कि वह काथलिक है, वह प्रति रविवार को गिरजाघर जाता है, वह स्वयंसेवी संघ का सदस्य है आदि, आदि किन्तु यदि वह ईश्वर की कृपा पर भरोसा नहीं करता तो उसकी मुक्ति असम्भव है। अस्तु, उन्होंने कहा, "प्रार्थना तथा सत्कर्मों द्वारा हम प्रभु के कृपा पात्र बनें तथा अपनी मुक्ति का रास्ता तैयार करें।"
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