धर्मप्रांतों के सहयोगियों को संत पापा फ्राँसिस का संदेश
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 14 दिसम्बर 2019 (रेई)˸ यह समर्पित लोकधर्मी महिलाओं का एक दल है जो धर्मप्रांतों एवं पल्लियों में अपना सहयोग देती हैं। उन्हें सम्बोधित कर संत पापा ने कहा कि उनके दल का निर्माण मेज पर नहीं बल्कि जीवन से, प्रेरिताई में सहभागी होने के एहसास से हुआ है।
कलीसिया में महिलाओं की भूमिका
उन्होंने कहा, "आपका जन्म पल्ली में पल्ली पुरोहितों एवं धर्मप्रांत के धर्माध्यक्षों के साथ सहयोग के लिए हुआ है।" जब येसु ने अपने शिष्यों के बीच कुछ महिलाओं का स्वागत किया, जो बारहों के साथ नजदीकी से सहयोग करती थीं तब उन्होंने नारीवाद का समर्थन नहीं किया बल्कि पिता ने उन्हें उन महिलाओं के साथ मिलाया, जिन्हें अन्यों के समान चंगाई की आवश्यकता थी। उनमें से एक थी मरिया मगदलेना, जिसको प्रभु ने विश्वास एवं प्रेम की विशेष कृपा प्रदान की थी एवं पास्का की सुबह शुभ संदेश देने भेजा था। पुनरूत्थान की कहानी में कई अन्य महिलाओं की भी विशेष भूमिका रही है। अतः संत पापा ने संगठन के नाम "पुनरूत्थान की नारियाँ" को उचित और सुन्दर कहा।
संत पापा ने दल के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे आर्थिक रूप से अथवा सीधे अपनी सेवा देकर धर्माध्यक्षों एवं पुरोहितों के साथ सहयोग करते हुए पल्लियों में गरीबों और कैदियों की मदद करती हैं। उन्होंने कहा कि ये कार्य बहुधा कठिन और थकानदेह होते हैं किन्तु पवित्र आत्मा उन्हें समर्पण हेतु कृपा प्रदान करते हैं जिसके द्वारा वे उन कार्यों को कलीसिया के लिए समर्पित करते हैं। इन दलों के लिए नियुक्त धर्माध्यक्ष एवं पुरोहित ही निर्णय लेते हैं जैसा कि मिलान, त्रेभिजो, पादुआ और विचेनत्सा में होता है।
येसु के मिशन में सहभागिता
संत पापा ने समुदाय की आवश्यकताओं पर ध्यान देते हुए धर्माध्यक्षों द्वारा निर्णय लिये जाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि निश्चय ही अन्य रूपों में कलीसिया में महिलाओं की सहयोगिता है किन्तु उनका योगदान खास है।
संत पापा ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए उनके कारिज्म पर गौर किया। कारिज्म को एवंजेली गौदियुम से लिया गया है जो इस प्रकार है, "मिशन येसु के लिए एक जुनून है किन्तु साथ ही साथ, उनके लोगों के लिए उत्साह भी। अतः हम उनके प्यारे लोगों की सेवा में प्रयोग किया जाना चाहते हैं। वे हमें लोगों के बीच लेते और उनके बीच भेजते हैं ताकि हमारी पहचान इस सहभागिता के बिना न हो।"
निष्ठा
संत पापा ने दल से कहा कि निष्ठा का यह आयाम सामान्य लोगों के लिए नहीं है किन्तु ऐसे लोगों के लिए है जिनके इतिहास, समृद्धि और गरीबी में येसु ख्रीस्त के मिशन के आवश्यक लक्षण हैं, जो पिता के द्वारा इस्राएल की खोयी हुई भेड़ों की खोज में भेजे गये थे। जिसको उन्होंने अपना जीवन अर्पित कर पूरा किया। उन्होंने कहा कि उनकी इस निष्ठा की कीमत में क्रूस की कठोरता है किन्तु ईश्वर की योजना के अनुसार, फलदायी और उदार है।
संत पापा ने अंत में उन्हें उनके साक्ष्य के लिए धन्यवाद देते हुए शुभकामनाएँ दी कि वे पुनरूत्थान की खुशी एवं लोगों के प्रति उत्साह में आगे बढ़ें। उन्हें प्रार्थना का आश्वासन देते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here