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टोकियो के सोफिया विश्वविद्यालय में सन्त पापा फ्राँसिस - 26.11.2019 टोकियो के सोफिया विश्वविद्यालय में सन्त पापा फ्राँसिस - 26.11.2019 

सन्त पापा ने की जापान के येसु धर्मसमाजी समुदाय से मुलाकत

जापान में मंगलवार प्रातः येसु धर्मसमाज के सदस्यों से मुलाकात कर सन्त पापा फ्राँसिस ने अपनी जापानी यात्रा का समापन बड़े आत्मीय ढंग से किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

टोकियो, मंगलवार, 26 नवम्बर 2019 (रेई,वाटिकन रेडियो): जापान में मंगलवार प्रातः येसु धर्मसमाज के सदस्यों से मुलाकात कर सन्त पापा फ्राँसिस ने अपनी जापानी यात्रा का समापन बड़े आत्मीय ढंग से किया।

जापान में मिशनरी बनने का अभिलाषा

अपने पुरोहिताभिषेक के बाद से ही जॉर्ज बेरगोलियो यानि सन्त पापा फ्राँसिस जापान में मिशनरी कार्य के लिये आना चाहते थे किन्तु स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। इस विषय में आर्जेन्टीना में सन्त पापा फ्राँसिस के छात्र रहे थे तथा इस समय जापान में येसुधर्मसमाज के प्रान्ताध्यक्ष फादर रेन्सो दे लूका ने वाटिकन मीडिया से कहा, "जापान में ख्रीस्तीय धर्म के प्रथम मिशनरी सन्त फ्राँसिस ज़ेवियर का अनुसरण कर सन्त पापा फ्राँसिस भी जापान आना चाहते थे। यही कारण है कि जब वे आर्जेन्टीना में येसुधर्मसमाज के प्रमुख थे तब उन्होंने पाँच पुरोहितों को जापान में मिशनरी कार्यों के लिये भेजा था।"

फादर रेन्सो दे लूका इन्हीं पाँच पुरोहितों में से एक हैं, उन्होंने कहा, "फादर बेरगोलियो ऐसे गुरुकुल अध्यक्ष थे जो गुरुकुल छात्रों के निकट थे। हालांकि हम लोग सौ से अधिक थे तथापि उनके पास हम सब के लिये समय रहा करता था। कभी-कभी वे रसोई में जाकर छात्रों के संग खाना बनाने में जुट जाया करते थे। वे हमेशा हमारे समीप थे, उन्होंने कभी भी हमें यह एहसास नहीं दिलाया कि वे हमसे बड़े अथवा महत्वपूर्ण हैं।"

टोकियो में आते ही सन्त पापा फ्राँसिस ने जापानी धर्माध्यक्षों से कहा था कि जापान के प्रति हमेशा से ही उनका आकर्षण रहा है। उन्होंने कहा था, "जापान मिशन की भूमि है और ऐसा भी सम्भव है कि इस देश के सौन्दर्य ने मुझे इसके प्रति मोहित कर दिया था।"  

सेवानिवृत्त पुरोहितों से मुलाकात

टोकियो में येसुधर्मसमाज द्वारा संचालित प्रतिषिठित सोफिया विश्वविद्यालय के आराधनालय में मंगलवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया तथा विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक केन्द्र में सेवानिवृत्त एवं रोगग्रस्त येसु धर्मसमाजी पुरोहितों से मुलाकात कर उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया। तदोपरान्त उन्होंने सोफिया काथलिक विश्वविद्यालय के छात्रों से मुलाकात कर उनका ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि "अत्याधुनिक नवीन तकनीकी तब तक बेकार रहेगी जब तक उसका प्रयोग और अधिक मानवीय एवं सरल समाज के निर्माण में नहीं किया जाता।"  

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26 November 2019, 10:53