"कलीसिया के मिशनरी प्रेरिताई" को व्यक्त करते 13 नए कार्डिनल
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार 5 अक्टूबर 2019 (वाटकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 5 अक्टूबर की शाम को संत पेत्रुस महागिरजाघर में 13 नये कार्डिनलों को कार्डिनल मंडल में शामिल किया। अमाजोन पर हो रहे धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के शुरु होने की पहली शाम को यह समारोह सम्पन्न हुआ।
कार्डिनल मंडल "कॉन्सिस्ट्री" लैटिन के "कंसिस्टेरियम", शब्द से आता है जिसका अर्थ है "असेंबली का एक स्थान।" लैटिन क्रिया "कॉन्सिस्टेरे" का शाब्दिक अर्थ है, "एक साथ खड़ा होना"।
11वीं शताब्दी के शुरू में कलीसियाई सभाएँ, संत पापा के लिए अपने सबसे विश्वसनीय परामर्शदाताओं, कार्डिनलों से सलाह लेने का नियमित अवसर बन गई।
कार्डिनल मंडल के प्रतीक
आज, जिस समारोह के दौरान संत पापा नए कार्डिनलों को शामिल करते हैं, उसे "कॉन्सिस्ट्री" भी कहा जाता है। इसमें अंगूठियों की प्रस्तुति और एक लाल टोपी शामिल है। लाल रंग रक्त का प्रतीक है जो यह दिखाता है कि "सुसमाचार प्रचार हेतु और अपनी भेड़ों की रक्षा के लिए वे अपना खून बहाने को भी तैयार हैं।" उन्हें रोम में एक पल्ली भी सौंपा जाता है और पल्ली के प्रवेश द्वार पर वर्तमान परमाध्यक्ष के प्रतीक के साथ, नये कार्डिनल के प्रतीक अंकित रहता है।
विश्ववयापी कलीसिया
संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में रविवार 1 सितम्बर को देवदूत प्रार्थना के बाद संत पापा फ्राँसिस ने 13 नये कार्डिनलों के नाम की घोषणा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि "उनका चयन कलीसिया के मिशनरी प्रेरिताई को व्यक्त करती है, जो पृथ्वी पर सभी लोगों के लिए ईश्वर के करुणामय प्रेम की घोषणा करना जारी रखती है"।
नये कार्डिनलों में रोमन कूरिया के तीन सदस्य हैं, परमधर्मपीठीय अंतरधार्मिक संवाद सम्मेलन के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष मिगुएल एंजेल आयसो गुसोट, स्पेन के कोम्बोनियानी मिश्नरी। दूसरे हैं पुर्तगाल के धर्माध्यक्ष जोस तोलेंतीनोका दे मेंडोन्का, जो करीब एक साल से काथलिक कलीसिया के अभिलेखाध्यक्ष और पुस्तकालय अध्यक्ष रहे हैं। तीसरे नये कार्डिनल हैं, धर्माध्यक्ष माइकल चरणी येसु समाजी, वर्तमान में वे समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठ से संलग्न प्रवासियों एवं शरणार्थियों के विभाग के उप-सचिव हैं। प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए काम करने के अलावा पान-अमेज़ॅन क्षेत्र के लिए आगामी धर्मसभा में विशेष सचिव के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
बाकी दस नये कार्डिनलों में दो यूरोप के धर्मप्रांतीय धर्माध्यक्ष हैं, लक्समबर्ग के धर्माध्यक्ष जॉन-क्लॉड हॉलरिक, जिन्होंने जापान में मिश्नरी के रुप में बहुत साल बिताया और दूसरे हैं इटली बोलोन्या धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष मत्तेओ जूप्पी।
लैटिन अमेरिका से दो नये कार्डिनल हैं, कूबा के धर्माध्यक्ष जॉन डे ला कारिदाद गार्चा रोड्रिगेज और ग्वाटेमाला के धर्माध्यक्ष अलवारो लेओनेल रामाज्जीनी इमेरी।
अफ्रीका से दो नये कार्डिनल हैं, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो के कपुचिन धर्मसमाजी, महाधर्माध्यक्ष फ्रीडोलिन अम्बोंगो बेसुन्गू और मोरक्को में रबात के महाधर्माध्यक्ष सलेशियन धर्मसमाजी, क्रिस्टोबल लोपेज़ रोमेरो, जो स्पेन मूल के हैं।
एशिया, इंडोनेशिया में जकार्ता के महाधर्माध्यक्ष इग्नेशियस सुहैरो हार्डजोमातोडजो हैं।
संत पापा फ्राँसिस ने 3 नये कार्डिनलों को कार्डिनल मंडल में शामिल किया जिनकी उम्र 80 वर्ष से ऊपर है वे हैं, ब्रिटेन में जन्मे महाधर्माध्यक्ष माइकल लूईस फिजगेराल्ड, जिन्होंने अंतर-धार्मिक संवाद में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है तथा अपने अंतिम वर्षों में मिस्र में प्रेरितिक राजदूत के रुप में सेवा प्रदान की। लिथुआनिया में कौनास के सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष सिगिटास तमकेवियस सेलु समाजी और रवेना (इटली) में जन्मे, अंगोला में बेंगापुला के सेवानिवृत धर्माध्यक्ष यूजेनियो दल कोरो हैं।
कार्डिनल मंडल
शनिवार के कंसिस्ट्री से पहले, कार्डिनल मंडल में 212 सदस्य थे, जिनमें से 118 मतदाता हैं। 13 नए कार्डिनलो में से, 10 कार्डिनल 80 वर्ष से कम आयु के हैं, वे अगले परमाध्यक्ष का चुनाव करने वाले सम्मेलन में मतदान करने में सक्षम हैं।
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