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माता मरियम के आंचल तले एक साथ यात्रा

यह महागिरजाघर "महारानी धन्य कुँवारी मरियम" को समर्पित है। लासी के धर्माध्यक्ष पेत्रू येरघेल ने बतलाया कि रोमानिया में काथलिकों एवं ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के विश्वासियों द्वारा माता मरियम की विशेष भक्ति की जाती है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

रोमानिया, शनिवार, 1 जून 2019 (रेई)˸ रोमानिया में प्रेरितिक यात्रा के दूसरे दिन 1 जून को सुमुलेओ चियुक के मरियम तीर्थ में ख्रीस्तयाग के उपरांत संत पापा फ्राँसिस, महाधर्मप्रांत आवास याकब अंतल हाज़ गये जो लासी में स्थित है।

लासी रोमानिया का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, आर्थिक एवं राजनैतिक केंद्र है। यह देश के उत्तरी पूर्वी भाग में मोलदोवा प्रांत में स्थित रोमानिया का एक प्राचीन शहर है। संत पापा फ्राँसिस ने लासी में नये महागिरजाघर का दौरा किया जिसका उद्घाटन 2005 में किया गया था। यह महागिरजाघर "महारानी धन्य कुँवारी मरियम" को समर्पित है। लासी के धर्माध्यक्ष पेत्रू येरघेल ने बतलाया कि रोमानिया में काथलिकों एवं ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के विश्वासियों द्वारा माता मरियम की विशेष भक्ति की जाती है। महागिरजाघर में विश्वासी हजारों की संख्या में उपस्थित थे जिनसे संत पापा ने मुलाकात की, विशेषकर उन्होंने बीमार लोगों से व्यक्तिगत मुलाकात की और उन्हें धन्यवाद दिया कि वे अपनी बीमारी और तकलीफ के बावजूद यहाँ उपस्थित हैं। उन्होंने उनके साथ प्रणाम मरियम विन्ती का पाठ किया एवं उन्हें आशीष प्रदान किया।

धन्य धर्माध्यक्ष अंतोन दुरकोविची

महागिरजाघर के तहखाना में एक स्मारक है जिसे धन्य धर्माध्यक्ष अंतोन दुरकोविची को समर्पित किया गया है जो 1951 में शहीद हो गये थे। धन्य अंतोन दुरकोविची को ख्रीस्त पर विश्वास एवं कलीसिया की सेवा के लिए आजीवन कैद की सजा दी गयी थी, जहाँ उनकी मृत्यु 63 वर्ष की आयु में लम्बे समय तक भूख और प्यास सहने के बाद हो गयी थी। वे 17 मई 2014 को संत पापा फ्राँसिस द्वारा धन्य घोषित किये गये थे। उनका पवित्र अवशेष भी महागिरजाघर में ही रखा गया है। संत पापा ने उनके पवित्र अवशेष के सामने मोमबत्ती अर्पित की और मौन प्रार्थना किया। 

रोमानिया के युवाओं एवं परिवारों की संत पापा से उम्मीद

महागिरजाघर में व्यक्तिगत मुलाकात के उपरांत संत पापा फ्राँसिस सांस्कृतिक भवन के प्रांगण की ओर प्रस्थान किये जहाँ वे युवाओं एवं परिवारों से मुलाकात करेंगे। आशा की जा रही है कि इस मुलाकात में ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के ख्रीस्तियों सहित बड़ी संख्या में विश्वासी भाग लेंगे। लासी के धर्माध्यक्ष पेत्रू ने धर्मप्रांत के विश्वासियों की उम्मीद के बारे बतलाते हुए कहा, "हम खुश हैं क्योंकि संत पापा हमारी अपेक्षाओं का उत्तर देने आ रहे हैं। यह धर्मप्रांत एक युवा धर्मप्रांत है। इसमें अनेक युवा हैं। उनमें से कई रोमानिया छोड़ इटली या अन्य देशों में चले गये हैं।" उन्होंने कहा कि कई युवाओं ने विभिन्न अवसरों पर संत पापा फ्राँसिस को दूर से देखा है किन्तु वे अब उन्हें नजदीक से देखेंगे और उनकी आवाज सुनेंगे।  

माता मरियम की विशेष भक्ति

संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने रोमानिया को "ईश्वर की माता की वाटिका" की संज्ञा दी थी। संत पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा के प्रतीक चिन्ह में हम देखते हैं कि लोग माता मरियम के आंचल तले चल रहे हैं। लासी में युवाओं एवं परिवारों के साथ हो रही इस मुलाकात को माता मरियम के आंचल तले मुलाकात कही गयी है। क्यों लासी में ही यह मुलाकात आयोजित की गयी है? इस सवाल के उत्तर में धर्माध्यक्ष ने कहा कि यह उनके लिए खुशी का कारण है एक उपहार है कि संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने उनके देश को यह उपनाम प्रदान किया है क्योंकि इस स्थल में ईश्वर की माता मरियम की विशेष भक्ति की जाती है जो न केवल काथलिकों के बीच बल्कि ऑर्थोडॉक्स कलीसिया में भी प्रचलित है। उन्होंने कहा कि सभी कोई माता मरियम से प्रेम करते हैं और संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने इसे अच्छी तरह समझा था। संत पापा फ्राँसिस भी इस सच्चाई से अवगत हैं अतः वे माता मरियम के प्रति इस भक्ति में अधिक दृढ़ता लाना चाहते हैं। वे निश्चय ही हमें माता मरियम के आंचल में एक साथ बढ़ने का निमंत्रण देना चाहते हैं।

रोमानिया की समस्याएँ

रोमानिया में विस्थापन एक बड़ी समस्या है। माता-पिता तथा युवा भी अपना देश छोड़कर इटली एवं अन्य देशों में काम की खोज करने जाते हैं जबकि बच्चे अपने दादा दादी के साथ रह जाते हैं अतः यहाँ किस तरह की सामाजिक परिस्थिति है।

धर्माध्यक्ष पेत्रु ने रोमानिया की सामाजिक स्थिति एवं विस्थापन के कारणों पर गौर करते हुए बतलाया कि साम्यवाद की कठिन परिस्थिति ने परिवारों में कई समस्याओं एवं गरीबी उत्पन्न की है। लोग बेहतर जीवन की तलाश कर रहे हैं जबकि वे यहाँ आगे बढ़ने में कठिनाई महसूस करते हैं। यही कारण है कि कई परिवारों ने अपना देश छोड़ दिया है। आरम्भ में पिता, फिर पत्नी और अंत में बच्चे भी उनके साथ चले जाते हैं।

ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के साथ संबंध

रोमानिया की ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के साथ संबंध पर प्रकाश डालते हुए धर्माध्यक्ष ने कहा कि वे एक साथ रहते हैं। सभी एक-दूसरे का आदर करते हैं और मिलकर आगे बढ़ रहे हैं। संत पापा फ्राँसिस इसी संबंध को मजबूत करने के लिए मदद कर रहे हैं अतः उनके साथ एक ही परिवार जैसा अनुभव होता है यद्यपि यहाँ विभिन्न ख्रीस्तीय समुदाय हैं और विश्वास की अभिव्यक्ति अलग-अलग तरीके से की जाती है किन्तु वे इस बात को मानते हैं कि सभी ईश्वर की संतान हैं। जब संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने रोमानिया की यात्रा की थी तब यह पहला ऑर्थोडॉक्स बहुल देश था जिसकी उन्होंने यात्रा की थी। अतः ख्रीस्तीय एकता के आयाम पर विशेष ध्यान दिया गया था। उन्होंने  केवल बुखरेस्ट का दौरा किया था जबकि संत पापा फ्राँसिस रोमानिया में तीन परम्परागत प्रांतों का दौरा कर रहे हैं, दक्षिणी प्रांत की रोमानियाई भूमि, मोलदोवा और त्रानसेलवानिया।  

प्रेरितिक यात्रा का उद्देश्य

संत पापा की प्रेरितिक यात्रा का आदर्श वाक्य है "आओ हम एक साथ चलें"। इसके द्वारा संत पापा काथलिकों एवं ऑर्थोडॉक्स की कलीसिया को एक साथ चलने का निमंत्रण देना चाहते हैं, साथ ही साथ, विभिन्न राजनीतिक दलों से कहना चाहते हैं कि वे मिलकर देश का निर्माण करें।

इस प्रेरितिक यात्रा का मकसद एकता में लाना जरूर है किन्तु यह माता मरियम से भी जुड़ा है। संत पापा माता मरियम की विशेष भक्ति रखते हैं। काथलिक कलीसिया में माता मरियम का महत्वपूर्ण स्थान है, उसी तरह ऑर्थोडॉक्स कलीसिया में भी उनकी विशेष भक्ति की जाती है अतः माता मरियम सभी को एक साथ लायेंगी।

संत पापा फ्राँसिस ने महाधर्मप्रांत याकाब अंतेल हाज को एक उपहार भेंट किया जिसमें येसु के पवित्र हृदय की एक तस्वीर है। संत पापा द्वारा इस तस्वीर की भेंट वहाँ पर पवित्र हृदय की विशेष भक्ति को परिलक्षित करता है। सबसे बढ़कर यह ईश्वर का मानव के प्रति आगाध प्रेम को प्रकट करता है जो येसु के द्वारा प्रकट हुए। जिन्होंने प्रेम के कारण सूली पर अपना प्राँण दे दिया।

रोमानिया की प्रेरितिक यात्रा के दूसरे दिन का समापन संत पापा फ्राँसिस ने रोमानिया के परिवारों एवं युवाओं से मुलाकात के साथ किया। प्रेरितिक यात्रा के अंतिम दिन 2 जून को वे समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे, जहाँ वे 7 शहीद धर्माध्यक्षों की धन्य घोषणा करेंगे। वे ब्लाज के रोम समुदाय से भी मुलाकात करेंगे।

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महारानी धन्य कुँवारी मरियम के महागिरजाघर में संत पापा का दौरा
01 June 2019, 15:28