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लोरेटो की एक दिवसीय यात्रा में संत पापा लोरेटो की एक दिवसीय यात्रा में संत पापा 

मरियम का घरःयुवाओं, बीमारों और परिवारों के लिए

संत पापा फ्रांसिस ने लोरेटो मरियम तीर्य की अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान वहाँ के विश्वासियों और लोकधर्मियों को ईश्वर को सुनना, आत्मपरीक्षण करना और निर्णय लेने पर अपना संदेश दिया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 25 मार्च 2019 (रेई) स्वर्गदूत ग्रबियेल ने मरियम से कहा, “प्रमाण, प्रभु की कृपापात्री” (लूका. 1.28) ये वचन यहाँ मरियम तीर्थ में ध्वनि होते हैं जहाँ हम ईश्वर के पुत्र येसु के देहधारण के रहस्य पर चिंतन करते हैं। वास्तव में, प्रचलन के अनुसार येसु की माता बनने हेतु मरियम के द्वारा प्रतिउत्तर में कहा गया “हाँ” यहाँ की दीवारों में अंकित हैं जो नाजरेत से लाया गया है। “मरियम का घर” जो आराधना औऱ प्रेम का प्रतीक है उनके लिए आध्यात्मिक उपहारों का स्रोत बनता है जो विश्वास के साथ यहाँ प्रार्थना करने आते हैं। विश्वासी भक्तों के साथ मैं भी ईश्वर का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने मुझे इस विशेष पर्व के अवसर पर यहाँ आने की कृपा दी।

संत पापा ने लोरेटो के सभी नागर अधिकारियों और धर्माध्यक्षों का धन्यवाद किया विशेष कर कपुचीन पुरोहितों का जिन्हें तीर्थस्थल की देखरेख करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो इतालवी लोगों के लिए अतिप्रिय स्थल है। “पापस्वीकार संस्कार सुनने हेतु उनकी तत्परता हेतु मैं विशेष रुप से उनका दिल से धन्यवाद अदा करता हूँ।”

शांति और धर्मिकता का स्थल

शांति और धर्मिकता के इस शाद्वल स्थल में आशा और विश्वास में मजबूत होने हेतु लोरेटो, इटली और विश्व के विभिन्न स्थानों से आये आप सभों का अभिवादन करता हूँ। मैं विशेष रूप युवाओं, परिवारों और बीमारों की याद करता हूँ।

यह पवित्र परिवार युवाओं का है क्योंकि कुंवारी मरियम युवा हैं जो कृपा से पूर्ण हैं, जो निरंतर नई पीढियों के साथ वार्ता करतीं और उन्हें अपनी बुलाहट को खोज करने में साथ देती हैं। संत पापा ने कहा कि यही कारण है कि मैं प्रेरितिक प्रबोधन, धर्मसभा के फल जो युवाओं को समर्पित है यहां हस्ताक्षर करना चाहता हूँ। इसे “येसु ख्रीस्त जीवित है” की संज्ञा दी गई है। देहधारण के संदेश में हम बुलाहट के आयाम की झलक पाते हैं जो धर्मसभा के विषयों में परिलक्षित होता है 1. ईश्वर को सुनना  2. आत्मपरीक्षण करना और 3. निर्णय लेना।

ईश्वर को सुनना

प्रथम चरण में सुनने को हम स्वर्गदूत के शब्दों, “मरियम डरिये नहीं...आप गर्भवती होंगी, पुत्र प्रसव करेगीं और उसका नाम येसु रखेगीं”(लूका.1.30-31) में व्यक्त होता पाते हैं। यह ईश्वर हैं जो सदा अपनी ओर से पहल करते हैं और हमें अपने पीछे बुलाते हैं। ख्रीस्तीय बुलाहट विश्वास में अपने जीवन को एक प्रेममय उपहार स्वरुप ईश्वर के लिए समर्पित करना है। यह हमें ईश्वर की वाणी को सुनने और स्वीकार करने की मांग करता है जिसे हम शोरगुल और चिंताओं में नहीं सुन सकते हैं। हम उनकी इच्छा को अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के छिछलेपन में रहते हेतु नहीं पहचान सकते हैं वरन यह हमसे गहराई में जाते हुए चिंतन करने की मांग करता है जहाँ हम आध्यात्मिक और नौतिक क्रियाओं को पाते हैं। मरियम युवाओं को इस परिस्थिति में येसु के साथ अपने को संयुक्त करते हुए ईश्वर के कार्यों पर चिंतन करने का निमंत्रण देती हैं।

आत्मपरिक्षण

हमारी बुलाहट का दूसरा क्षण आत्मपरिक्षण है जहाँ हम मरियम को यह कहते हुए सुनते है, “यह कैसे हो सकता हैॽ”(लूका, 1.34) मरियम अपने में संदेह नहीं करती है उनका सवाल विश्वास की कमी को नहीं दिखलाता है, वरन वह ईश्वर के “आश्चर्य” की खोज करना चाहती है। वह अपने जीवन में ईश्वर की योजना को जानना और समझना चाहती है जिससे वह अपनी ओर से पूर्ण  उत्तरदायी हो सके। यह मानवीय मनोभाव है जहाँ हम अपनी योग्यताओं के अनुरूप ईश्वर की ओर से आने वाले पहल को स्वीकारते जो हमें उनके कार्यों को उचित रुप में करने के योग्य बनाता है।

निर्णय

निर्णय ख्रीस्तीय बुलाहट का तीसरा क्षण है जो मरियम द्वारा स्वर्गदूत को दिये गये उत्तर में व्यक्ति होता है, “आप का कथन मुझ में पूरा हो जाये।” (लूका. 1.38) उनके “हाँ” द्वारा ईश्वर का मुक्ति कार्य उनके सम्पूर्ण जीवन द्वारा पूरा होता है। इस “हाँ”  में हम ईश्वर की इच्छा अनुसार मरियम के पूर्ण विश्वास और उदारता को पाते हैं। मरियम ख्रीस्तीय बुलहाट की आर्दश हैं जो सभी प्रेरितिक कार्यों हेतु हमारे लिए प्रेरणा की स्रोत हैं। युवा जो अपने भविष्य की चिंता करते हैं मरियम में ईश्वर की योजना का आत्मापरिक्षण करते हुए उनमें अपने को मजबूत बना सकते हैं।

संत पापा ने कहा कि मैं लोरेटो को एक भाग्यशाली स्थल के रुप में देखता हूँ जहाँ युवा मरियम के स्कूल में अपनी बुलाहट की खोज हेतु आते हैं। यह आध्यात्मिक केन्द्र है जहाँ हम बुलाहटीय प्रेरितिक कार्य को देखते हैं। मैं आशा करता हूँ कि “योहन जोन पौल द्वितीय” केन्द्र कलीसिया की सेवा हेतु पुनः स्थापित किया जायेगा। यह वह स्थल होगा जहाँ युवा और उनके प्रशिक्षक अपने में स्वागत किये जाने का अनुभव करेंगे जो उन्हें अपने जीवन का आत्मनिरिक्षण करने में मददगार सिद्ध होगा। यही कारण है कि में कपुचीन पुरोहित से और अतिरिक्त सेवा की मांग करता हूँ विशेषकर महागिरजाघर को आराधना हेतु लम्बे समय के लिए खुल रखने के साथ देर रात तक खुला रखें जिससे युवा आकर प्रार्थना करते हुए अपने बुलाहटीय जीवन की परख कर सकें। लोरेटो का पवित्र घर अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण अपने में प्रसिद्ध है जहाँ युवा और परिवार अपने में एक दूसरे से मिलते हैं।

परिवार का निवास

मरियम का घर परिवार का निवास स्थल है। विवाह अपने में एक महत्वपूर्ण प्रेरिताई है जहाँ हम ईश्वर की योजना को पहचानते हैं। मरियम अपने घर में अपने संबंधियों के साथ रही इसी कारण किसी भी परिवार का यहाँ होना उन्हें सहजता का अनुभव प्रदान करता है। कुंवारी मरियम का घरेलू अनुभव युवाओं को समाज में व्यवस्थित होने में सहायता प्रदान करता है जहाँ वे अपने को एक पुरोहित, पति और प्रेरित के रुप में येसु के चेहरे को प्रस्तुत करते हैं।

रोगियों का निवास

मरियम का घर रोगियों का निवास है। यहां वे अपने में अतिथ्य का अनुभव करते हैं जो शारिरिक  और आध्यात्मिक रुप से अपने में कमजोर अनुभव करते हैं। मरियम उनके लिए ईश्वर की कृपा को वर्षों से लाती आ रही है। बीमारी हमें चोट पहुँचाती है लेकिन हमें बीमारों का स्वागत करना है। संत पापा ने लोगों से अनुरोध किया कि आप फेंकने की संस्कृति का शिकार न हो जो कि वर्तमान में हमें अपना शिकार बना रही है। हमारे घर और परिवार में बीमारों को प्रेम, प्रोत्साहन और सेवा मिले। यही कारण है लोगों मरियम के इस तीर्थ में आते हैं। यहाँ से मैं आप सभों के लिए यह संदेश देता हूँ कि आप ईश्वर के केन्द्र बिन्दु हैं क्योंकि आप अपने दैनिक जीवन में उनके क्रूस को वहन करते और उसके पीछे चलते हैं। आप के दुःख ईश्वर राज्य की स्थापना में सहयोग करते हैं।

संत पापा ने कहा कि आप जो मरियम के इस तीर्थ से संयुक्त हैं ईश्वर आप को शांति का संदेश वाहक बनाते हैं जिससे आप दूसरों के जीवन में शांति ला सकें जो दूनियावी चीजों में खोये हैं। आज हमें बुद्धिमान, नम्र, साहासिक, दरिद्र और उदार लोगों की जरुरत है जो सुसमाचार को अपने जीवन में आत्मसात करते हैं। इस तरह पवित्रता के साक्ष्य द्वारा इटली के सभी राज्यों, यूरोप और पूरी दुनिया में ईश्वर का प्रेम प्रसारित होता और उनके राज्य की स्थापना होती है।

मरियम विशेष कर युवाओं को शांति और भ्रातृत्व की राह में बढ़ने हेतु सहायता करें जो स्वीकार और क्षमाशीलता में निहित है जहाँ हम अपने को दूसरो के लिए ईश्वरीय प्रेम का एक उपहार बनाते हैं।

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25 March 2019, 17:24