सन्त पापा ने अनुमोदन दिया नये कानून को
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 7 दिसम्बर 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने गुरुवार को वाटिकन सिटी और राज्य के प्रशासन सम्बन्धी नए कानून प्रकाशित किए, जिसमें राज्य के भीतर, नियमन और प्रक्रियाओं सहित, विभागीय अनुपालन की पुष्टि हेतु एक नए निरीक्षण निकाय का गठन शामिल है.
"मोतू प्रोप्रियो" स्वप्रेरणा से रचित प्रेरितिक पत्र में सन्त पापा फ्राँसिस ने नये नियमों की प्रकाशना की. गतिगत 25 नवम्बर को सन्त पापा ने उक्त प्रेरितिक पत्र को अनुमोदन प्रदान कर दिया था जिसे वाटिकन ने छः दिसम्बर को प्रकाशित किया. पूर्व कानून को रद्द करते हुए नये कानून आगामी 07 जून 2019 से प्रभावी हो जायेंगे.
सरलीकरण और पारदर्शिता
वैधस वैधानिक सुधार के सिद्धांत और मानदंड हैं: तर्कसंगतता, अर्थव्यवस्था, सरलीकरण, कार्यक्षमता, पारदर्शिता, नियामक समन्वय और संगठनात्मक नम्यता. स कार्य की ज़िम्मेदारी सन्त पापा फ्राँसिस ने कार्डिनल जुस्सेप्पे बेरतोल्लो के सिपुर्द की थी जो 2017 से इस नये कानून पर काम करते रहे हैं.
स्वप्रेरणा से रचित अपने प्रेरितिक पत्र में सन्त पापा फ्राँसिस इस तथ्य की पुष्टि करते हैं कि अपने परमाध्यक्षीय काल के आरम्भ ही से उन्होंने वाटिकन सिटी और राज्य के प्रशासन को पुनर्संगठित करने की आवश्यकता महसूस की थी ताकि इसे, "वर्तमान विश्व एवं कलीसिया की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और अधिक उपयुक्त बनाया जा सके. "
"नियंत्रण और निरीक्षण इकाई" का गठन
सर्वाधिक महत्वपूर्ण परिवर्तन "नियंत्रण और निरीक्षण इकाई" का गठन है जो वाटिकन राज्य के भीतर क्रियाशील विभिन्न समितियों की "गतिविधियों, उनकी दक्षता और प्रभावशीलता" का आकलन करेगी. यह इकाई निगरानी के लिए बाह्य लेखा परीक्षा समूहों के साथ समन्वय भी करेगी. अतिरिक्त जवाबदेही उपाय के रूप में तथा मानदंडों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए, निदेशकों के पास अब "निदेशालय की गतिविधि के लिए व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी" होगी.
सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा प्रकाशित नये कानून के अनुसार एक्सयटेल गोन्दोल्फो के प्रेरितिक प्रसादों के प्रशासन को लेकर है. जून माह से कास्टेल गोन्दोल्फो स्थित परमधर्मपीठीय प्रेरितिक प्रासाद का प्रशासन वाटिकन म्यूज़ियम के लिये ज़िम्मेदार “संग्रहालय और सांस्कृतिक विरासत निदेशालय” के सिपुर्द कर दिया जायेगा.
कास्टेल गोन्दोल्फो की चल और अचल सम्पत्ति के दिन-प्रतिदिन रखरखाव की जिम्मेदारी परमधर्मपीठीय प्रेरितिक प्रासाद सम्बन्धी निदेशालय के पास ही कायम रहेगी जबकि प्रसाद स्थित संग्रहालय की ज़िम्मेदारी “संग्रहालय और सांस्कृतिक विरासत निदेशालय” द्वारा प्रबंधित की जाएगी.
विभागों और केंद्रीय कार्यालयों की संख्या होगी कम
नये कानून के अन्तर्गत, विभागों एवं केद्रीय कार्यालयों को कम करने का भी प्रावधान है: वाटिकन की वैज्ञानिक वेधशाला के अतिरिक्त बुनियादी ढांचों और सेवाओं, दूरसंचार एवं सूचना प्रणाली, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और नागरिक संरक्षण सेवाओं, स्वास्थ्य और स्वच्छता, संग्रहालयों और सांस्कृतिक विरासत, परमधर्मपीठीय प्रासादों के प्रशासन के लिये वर्तमान 09 निदेशालयों की संख्या अब 07 कर दी जायेगी. जबकि वर्तमान केंद्रीय इकाइयां 05 से 02 कर दी जायेंगी.
नया कानून विकेंद्रीकरण पर केन्द्रित है जो विभागों या कार्यालयों के निदेशकों से ज़िम्मेदारी की मांग करता है. इसमें निदेशकों का आह्वान किया जाता है कि वे व्यक्तिगत कृत्यों और उद्देश्यों की जवाबदेही ग्रहण करें तथा कार्यस्थल की सुरक्षा एवं डेटा संरक्षण को सुनिश्चित करें.
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