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माता मरियम के साथ दो दूतों की तस्वीर माता मरियम के साथ दो दूतों की तस्वीर 

"माता मरियम की टीम" को संत पापा का संदेश

संत पापा फ्राँसिस ने फातिमा में ख्रीस्तीय विवाहित दम्पतियों के अंतरराष्ट्रीय काथलिक आंदोलन "माता मरियम की टीम" के प्रतिभागियों को शुक्रवार को एक संदेश भेजा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 21 जुलाई 2018 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने "माता मरियम की टीम" की 12वीं सभा के प्रतिभागियों को दिये संदेश में कहा कि "कलीसिया पाप की निंदा करती है किन्तु उन पापियों का आलिंगन करती है जो अपने पापों को स्वीकार करते हैं।"   

"माता मरियम की टीम" की स्थापना

"माता मरियम की टीम" वैवाहिक आध्यात्मिकता का एक लोकधर्मी आंदोलन है जिसकी स्थापना फादर हेनरी काफारेल ने कुछ दम्पतियों के साथ, फ्राँस में सन् 1938 ई में की थी।

ये दम्पतियाँ विवाह संस्कार के प्रति समझ को गहरा करने एवं दम्पतियों और परिवारों को समाज में एकीकृत करने के लिए एक सुसंगत तरीका तलाशने हेतु हर महीना जमा होते थे।

आंदोलन को दिसम्बर 1947 में औपचारिक रूप दिया गया जो माता मरियम के संरक्षण एवं जोस मौरा सोआरेस के मार्गदर्शन में, आज 5 महादेशों में, 95 देशों के 13,500 टीमों में सक्रिय है।

पापियों के प्रति कलीसिया

ऊड़ाव पुत्र के दृष्टांत से प्ररित सम्मेलन को सम्बोधित कर संत पापा ने संदेश में कहा, "ऊड़ाव पुत्र में अपने आपको देखें जो अपने उस पिता के पास लौटता है जो उसका आलिंगन करने से नहीं थकता तथा प्रेम से उसे पुनः स्वीकारता है।" संत पापा ने कहा कि कलीसिया उसी तरह पापियों के साथ व्यवहार करती है और उन्हें ईश्वर की दया प्रदान करती है।

संत पापा का आह्वान

संत पापा ने प्रतिभागियों का आह्वान किया कि वे अपना हृदय खोलें, अपने अंदर झांक कर देखें तथा स्वीकार करें कि वे पापी हैं और प्रभु की मुक्ति की कामना करें।

संत पापा ने स्मरण दिलाया कि ख्रीस्त ने क्रूस पर अपनी बाहें फैलायी जो दर्शाता है कि पिता के प्रेम और उनके प्रेम से कोई भी वंचित नहीं है क्योंकि येसु नहीं चाहते हैं कि उनकी कोई भी संतान खो जाए। यही कारण है कि वे हमें उन्हें खोजने के लिए  बाहर भेजते हैं।

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21 July 2018, 12:43