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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

महामारी पीड़ितों के लिए संत पापा ने पवित्र मिस्सा अर्पित किया

संत पापा ने बुधवार को प्रातःकालीन पवित्र मिस्सा में कोरोना वायरस के मरीजों की सेवा में समर्पित सभी स्वास्थ्य कर्मियों विशेषकर उनको याद किया जो मरीजों की सेवा करते खुद वायरस का शिकार हो गये हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 18 मार्च 2020 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने 18 मार्च को वाटिकन स्थित संत मार्था प्रार्थनालय में लाईव प्रसारित ख्रीस्तयाग के दौरान कोरोना वायरस के मरीजों की सेवा में समर्पित लोगों के लिए प्रार्थना की। विश्वासियों से विशेष रुप से उन स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रार्थना करने की अपील की, जिन्होंने मरीजों की सेवा करते हुए अपना जीवन समाप्त कर दिया।

संत पापा ने ख्रीस्तयाग शुरू करते हुए कहा कि “आइये, आज हम कोरोना वायरस महामारी के शिकार सभी लोगों के लिए प्रार्थना करें। हम उन स्वास्थ्य कर्मियों के लिए विशेष प्रार्थना करें जिन्होंने मरीजों की सेवा में अपना जीवन बलिदान कर दिया। हम उनके प्रियजनों के लिए भी प्रार्थना करें। प्रार्थना द्वारा हम उनके करीब रहने की कोशिश करें।”

प्रवचन में संत पापा ने दोनों पाठों पर चिंतन करते हुए ईश्वर के विधान पर अपना ध्यान केंद्रित किया।

ईश्वर का नियम

संत पापा ने कहा कि आज का दोनों पाठ नियम-कानून पर ध्यान केंद्रित करते हैं। "वह नियम जिसे ईश्वर ने हमें दिया, येसु मसीह ने उसे पूर्णता तक लाया।" ईश्वर ने मूसा को वह नियम दिया जिससे मूसा आश्चर्यचकित होकर कहने लगे," ऐसा महान राष्ट्र कहाँ है जिसके देवता उसके इतने निकट हैं, जितना हमारा प्रभु। ईश्वर हमारे निकट तब होता है जब हम उसकी दुहाई देते हैं। (विधि-विवरण 4,8) संत पापा ने कहा कि ईश्वर नियमों के माध्यम से हमारे करीब रहना चाहते हैं। पिता के समान अपने नजदीक हमें रखना चाहते हैं। वे उस तानाशाह या महापौर की तरह नहीं हैं जो लोगों के लिए नियम कानून बनाकर खुद निश्चिंत हो जाते हैं।

ईश्वर अपने लोगों के साथ चलते हैं

संत पापा ने कहा कि ईश्वर मरुभूमि में अपने लोगों के साथ कभी बादल बनकर, तो कभी आग के खंभे स्वरुप अपने लोगों का साथ दिया। ईश्वर ने सिनाई पहाड़ पर मूसा को नियम की दो पाटियाँ अपने हाथों से लिखकर दी जिससे कि इस्राएली लोग नियम का पालन करते समय ईश्वर की करीबी का अनुभव कर सकें।

ईश्वर से दूरी बनाना मानवीय प्रवृति

संत पापा ने कहा कि ईश्वर हमारे करीब रहना चाहते हैं परंतु बाइबिल के पहले पन्ने में हम पाते हैं कि मनुष्य ईश्वर से दूर रहना चाहता है। आदम-हेवा ने पाप किया और दोनों छिप गये। वे ईश्वर से दूर हो गये। काईन ने भी अपने भाई को मार डाला और ईश्वर से दूर हो गया। संत पापा ने कहा कि ईश्वर से दूर जाना मानवीय प्रवृति है। पाप नहीं चाहता कि हम ईश्वर के करीब रहें। ईश्वर मनुष्य के करीब रहने और पाप तथा सभी प्रकार की कमजोरियों से ऊपर उठाने के लिए स्वयं मनुष्य बनकर इस धरती पर आये और हमारे पापों को अपने ऊपर लेते हुए कष्टमय मृत्यु को स्वीकार किया, जिससे हम ईश्वर की दया और नजदीकी का एहसास कर सकें।  

पास आने के कई तरीके

संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि एक-दूसरे के पास आने के कई तरीके हैं। विशेषकर इस कठिन समय में जब हम महामारी के संकट का सामना कर रहे हैं। वायरस फैलने के डर से हम किसी के बहुत करीब जा नहीं सकते, परंतु प्रार्थना के माध्यम से हम उनके करीब होने का एहसास दिला सकते हैं। अपने परिवार के सदस्यों की मदद कर सकते हैं और पड़ोसियों की खोज खबर फोन द्वारा कर सकते हैं।

ईश्वर हमारे पास हैं

संत पापा ने कहा कि हमें एक-दूसरे के निकट होने की आवश्यकता है, क्योंकि ईश्वर ने हमें साथ देने के लिए स्वयं को हमारे निकट लाया है। यह "विरासत हमें प्रभु से मिली है" वे हमारे पड़ोसी हैं इसलिए हम अकेले नहीं रह सकते।

संत पापा ने अपने प्रवचन के अंत में प्रभु से पड़ोसी के प्रति प्रेम बनाये रखने और एक दूसरे के करीब रहने की कृपा मांगने हेतु प्रेरित किया।

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18 March 2020, 14:59
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