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संत मार्था में संत पापा का ख्रीस्तयाग संत मार्था में संत पापा का ख्रीस्तयाग  (� Vatican Media)

सहयोगियों को दिल के निकट रखें, संत पापा

संत पापा फ्रांसिस ने संत मार्था ने निवास में अपने प्रातःकालीन मिस्सा बलिदान के दौरान उन्हें लोगों को अपने हृदय के निकट रखने का आहृवान किया जो जीवन की राह में हमारे साथ चलते हैं।

दिलीप संजय एक्का- वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 14 फरवरी 2020 (रेई) संत पापा ने संत मार्था के अपने निवास को एक “वृहृद परिवार” की संज्ञा देते हुए कहा कि यहाँ बहुत से लोग रहते हैं जो दैनिक जीवन में अपने कार्यों को ईमानदारी और निष्ठापूर्वक करते हुए एक दूसरे की सेवा करते हैं। उक्त बातें उन्होंने अपने प्रातःकालीन मिस्सा बलिदान के दौरान वाटिकन में सेवा दे रही पत्रिसिया के सेवानिवृत होने पर उन्हें याद करते हुए धन्यवाद और क्षमा के भाव व्यक्त करते हुए कही।

स्वार्थ एक पाप हैं

यह प्रवचन संत मार्था परिवार के दिनचर्या से जुड़ा हुआ है। संत पापा ने कहा कि एक परिवार केवल “माता-पिता, भाई-बहनों, चाचा-चाची औऱ दादा-दादी से सुंयक्त नहीं लेकिन यह उनसे भी बड़ा रुप धारण करता औऱ अपने में उन्हें सम्माहित करता है जो हमें अपने रोजदिन के जीवन को सुचारू रुप से जीने में मदद करते हैं”। इस संदर्भ में उन्होंने पत्रिसिया का नाम लिया जिन्होंने 40 वर्षों तक वाटिकन के संत मार्था में अपनी सेवाएँ देती हुई सेवानिवृत हुई।

संत पापा ने उनके कार्यों के प्रति अपनी उद्गार के भाव व्यक्त करते हुए कहा, “हम इस परिवार के साथ हमारे उन परिवारों की याद करें जहाँ बहुत से लोग हमारी जीवन यात्रा में हमारा साथ देते हैः हमारे पड़ोसिगण, मित्र, कार्यकर्ता और छात्रगण... हम अपने में अकेले नहीं हैं। ईश्वर दूसरों को हमारे जीवन का अंग बनाते हैं, वे चाहते हैं कि हम एक साथ चलें। वे हमें स्वार्थी बनने को नहीं कहते क्योंकि स्वार्थ अपने में एक पाप है।”

ईश्वर का धन्यवाद वे हमें अकेले नहीं छोड़ते

संत पापा ने अपनी उदारता में उन सभी लोगों की याद की जो विभिन्न अवसरों पर, उनकी बीमारी के समय उनकी सेवा की। हर नाम के पीछे एक पहचान,एक कहनी,एक अमिट छाप है जो उनके हृदय में वास करती है। “मैं लुसिया की याद करता हूँ, मैं क्रिस्टीना की याद करता हूँ, इस घर में नानी के समान सिस्टर मारिया जो अपने युवाकाल से ही इस निवास की सेवा हेतु अपने को समर्पित कर दिया।” अपने वृहृद परिवार की याद करते हुए संत पापा ने मिरियम की याद की जो अपनी बच्ची एलभीरा के साथ यहाँ से चली गई जो अपने जीवन के अंत तक संघर्ष की एक कहानी बयां करती है। उन्होंने उन सभों की याद की जो अपने सेवानिवृति के बाद दूसरे स्थानों पर कार्य कर रहे हैं। उनकी उपस्थिति ने हमारी भलाई की है जो कभी-कभी जुदाई को मुश्किल बना देती है। आज हम उस सभी लोगों की याद करें जिन्होंने हमारी जीवन यात्रा में हमारा साथ दिया है। हम उनके प्रति अपने हृदय में कृतज्ञता के भाव उत्पन्न करते हुए ईश्वर का धन्यवाद करें। हे प्रभु, हम तुझे धन्यवाद देते हैं तूने हमें अकेला नहीं छोड़ा है। यह सच है कि हमारे जीवन में तकलीफें हैं, जहाँ लोग हैं वहाँ एक दूसरे की टीका-टिप्पणी होती है। हम एक दूसरे की शिकायतें करते और कभी-कभी भ्रातृत्व के विरूद्ध पाप करते हैं।

दिल से “धन्यवाद”

संत पापा ने कहा कि परिवार में हम धैर्य खोते, एक दूसरे के प्रति पाप करते औऱ क्षमा की याचना करते हैं। “मैं आज उन लोगों के प्रति अपने हृदय से कृतज्ञता के भाव प्रकट करते हुए अपनी गलतियों के लिए क्षमा की याचना करता हूँ जिन्होंने धैर्य के साथ हमारा साथ दिया है।”

आज का दिन, हममें से हरएक जन के लिए हृदय से धन्यवाद कहने और क्षमा मांगने का दिन है जिन्होंने जीवन में हमारा साथ दिया है। संत पापा फ्रांसिस ने पत्रिसिया के 40 वर्षीय अपूर्व सेवा की याद करते हुए उनका धन्यवाद अदा किया और क्षमा की याचना भी की। हम सभों को उन्हें धन्यवाद कहने की जरुरत है जो हमारे जीवन में हमारा साथ देते हैं। उन्होंने पत्रिसिया का शुक्रिया अदा करते हुए उन्हें भावी जीवन की शुभकामनाएँ प्रदान कीं।

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14 February 2020, 16:07
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