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ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा  (@VaticanMedia)

हमने ख्रीस्तीय होने का दाम नहीं चुकाया है, यह ईश्वर का वरदान है

"कलीसियाई पेशा में बढ़ने के लिए प्रतिष्ठा की खोज ख्रीस्तीय नहीं है।" यह बात संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार को वाटिकन के प्रेरितिक आवास संत मर्था स्थित प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 21 जनवरी 2020 (रेई)˸संत पापा ने प्रवचन में कहा, "ख्रीस्तीय, पुरोहित या धर्माध्यक्ष होना प्रभु से मिला मुक्त वरदान है। आप इसे नहीं खरीद सकते। पवित्रता इस वरदान की रक्षा करना है जो हमारी योग्यता पर निर्भर नहीं है।"

प्रवचन में संत पापा ने भजन अनुवाक्य एवं सामुएल के ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन किया।  

स्तोत्र 88 दाऊद का इस्राएल के राजा के रूप में नियुक्ति की याद दिलाती है जिनकी नियुक्ति साऊल के अवज्ञ के कारण प्रभु द्वारा उसके बहिष्कार के बाद हुई थी।

पहले पाठ में प्रभु सामुएल को येस्से के पुत्र बेथलेहेम को राजा के रूप में अभिषेक करने भेजता है। अभिषेक ईश्वर द्वारा चुने जाने की ओर इंगित करता है। आज भी पुरोहितों और धर्माध्यक्षों का अभिषेक किया जाता है। संत पापा ने याद किया कि सभी ख्रीस्तीय बपतिस्मा में पवित्र तेल से अभिषिक्त किये जाते हैं। ईश्वर सामुएल को सलाह देते हैं कि वह शरीरिक पक्ष को देखकर ही न रूक जाए क्योंकि मनुष्य जो देखता है उसका अधिक महत्व नहीं है, वास्तव में मनुष्य बाहरी रंग-रूप देखता है किन्तु ईश्वर हृदय देखते हैं।

संत पापा ने याद किया कि दाऊद के भाइयों ने फिलीस्तीनियों से इस्राएल की रक्षा की थी। वे राजा बनने के लिए योग्य थे किन्तु प्रभु ने उनमें से सबसे छोटे को चुना। संत पापा ने कहा कि वह एक बेताब लड़का था। वह अपने भाइयों को फिलीस्तिनियों के साथ लड़ते हुए देखना चाहता था किन्तु उसे भेड़ चराने के लिए भेज दिया गया। प्रभु ने सामुएल को आदेश दिया कि वह दाऊद का अभिषेक करे और जैसे ही सामुएल ने उसका अभिषेक किया प्रभु का आत्मा उसपर छा गया।   

ईश्वर का वरदान मुफ्त

संत पापा ने कहा कि यह एक कहानी है जो हमें चिंतन करने हेतु प्रेरित करती है कि क्यों प्रभु ने एक सामान्य लड़का को चुना जिसमें शायद शिष्टाचार भी नहीं रही होगी जैसा कि अक्सर लड़के हुआ करते हैं। वह कोई धर्मी व्यक्ति भी नहीं था जो हर दिन प्रार्थना करता हो और उसके सात भाई थे जो उससे काफी अच्छे थे।    

फिर भी ईश्वर ने सबसे छोटा को चुना, जिसका कोई नाम अथवा यश नहीं था और न ही उसने कोई लड़ाई लड़ी थी। वह चुना गया था, जो ईश्वर के चुनाव में मुफ्त वरदान को दिखलाता है।

संत पापा ने उपस्थित विश्वासियों को निमंत्रण दिया कि वे मिस्सा में अपनी उपस्थिति पर चिंतन करें। क्यों प्रभु ने उन्हें चुना? इसलिए नहीं कि वे ख्रीस्तीय परिवार अथवा ख्रीस्तीय संस्कृति से आते हैं किन्तु अफसोस, कई लोग प्रभु को ही बहिष्कार कर देते हैं।

ईश्वर के मुक्त वरदान पर प्रकाश डालते हुए संत पापा ने कहा कि पुरोहितों एवं धर्माध्यक्षों ने मुफ्त में अभिषेक ग्रहण किया है। उन्होंने कहा, "कुछ लोग हैं, जी हाँ वे कलीसियाई पेशा में आगे बढ़ना चाहते हैं वे प्रतिष्ठा की खोज करते हैं, किन्तु उन्होंने याद दिलाया कि यह ख्रीस्तीय तरीका नहीं है।

"ख्रीस्तीय होना, बपतिस्मा लेना, पुरोहित या धर्माध्यक्षीय अभिषेक प्राप्त करना पूरी तरह वरदान है। आप प्रभु के वरदान को खरीद नहीं सकते।"  

वरदान की रक्षा

संत पापा ने बतलाया कि हमें पवित्र रहने के लिए क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय पवित्रता का अर्थ है प्रभु के वरदान की रक्षा करना, इस तरह व्यवहार करना कि प्रभु हमेशा हमारे साथ रहें।"

उन्होंने बतलाया कि कुछ लोगों का मनोभाव है कि वे कलीसिया में पेशा की सीढियों पर चढ़ना चाहते और धर्माध्यक्ष के रूप में अभिषिक्त होना चाहते हैं जबकि यह एक वरदान है।

उन्होंने ख्रीस्तियों से अपील की कि वे विनम्रता से जीयें, चुने गये के रूप में प्रभु के वरदान की रक्षा करें। उन्होंने कहा कि जब प्रभु ने हमें चुना है उन्होंने हमें पवित्र आत्मा की कृपा प्रदान की है।  

संत पापा ने चेतावनी दी कि ईश्वर की प्रजा को हम कभी न भूलें। संत पापा ने कहा कि यदि हम ख्रीस्तीय, ईश्वर की प्रजा को भूल जाते हैं चाहे वे गैर-ख्रीस्तीय ही क्यों न हों, यदि पुरोहित अपने पल्ली वासियों पर ध्यान नहीं देते, यदि धर्माध्यक्ष अपने लोगों को भूल जाते हैं और अपने आपको अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति समझने लगते हैं, तब वे ईश्वर के वरदान की उपेक्षा करते हैं। यह पवित्र आत्मा से यह कहने के समान है, "आपसे हमको कोई वास्ता नहीं है" और यह ख्रीस्तीय मनोभाव नहीं है। यह वरदान की रक्षा करना नहीं है।

संत पापा ने विश्वासियों को निमंत्रण दिया कि वे ईश्वर के महान और मुफ्त वरदान की निष्ठा के साथ रक्षा कर पाने की कृपा के लिए प्रार्थना करें।

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21 January 2020, 17:26
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