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गोवा में बाईबल प्रशिक्षण के माध्यम से विश्वासियों का सशक्तिकरण

गोवा और दमन के भारतीय काथलिक महाधर्मप्रांत में बाईबिल प्रेरिताई के लिए धर्मप्रांतीय केंद्र ने पुरोहित वर्ष 2023 -2024 के दौरान बाईबिल शिक्षा की एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू की है।

वाटिकन न्यूज

गोवा, बृहस्पतिवार, 4 अप्रैल 24 (इंडियन काथलिक मैटर्स) : इस पहल में पाँच पल्लियों और एक एकान्त मठवास में बाईबिल कोर्स का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 769 प्रतिभागियों ने भाग लिया और डिप्लोमा प्राप्त किया।

इन कोर्सों का उद्देश्य केवल शैक्षणिक अध्ययन करना नहीं है बल्कि विश्वासियों एवं परिवारों के भीतर ध्यान पूर्वक बाईबिल पाठ करने की संस्कृति स्थापित करना है। प्रकाशना के बारे में जागरूकता बढ़ाना, धर्मग्रंथ के साथ प्रार्थनापूर्ण जुड़ाव की सुविधा प्रदान करना, ईश्वर के वचन में निहित मुक्तिदायी शक्ति का अनावरण करना और कलीसिया में एक नबी के समान समुदाय को पोषित करना है। कोर्स बाईबिल के नये व्यवस्थान पर ध्यान केंद्रित किया गया।

प्रतिभागियों ने बाईबिल कोर्स के माध्यम से परिवर्तनकारी अनुभव प्राप्त की, संदेह दूर हुआ, अपने विश्वास में दृढ़ता और टूटे संबंधों में सुधार आने जैसे चमत्कारी अनुभव महसूस की।

कई लोग प्रभु येसु के उत्साही शिष्य बन गये, उनका जीवन ख्रीस्त की शिक्षा से आलोकित हुआ एवं अपने आध्यात्मिक जीवन में गहराई प्राप्त की।

संत स्टेफन पल्ली से बेल्लाक्षा अफोंसो ने बतलाया कि संत मती के सुसमाचार के अध्ययन ने उनके विश्वास को मजबूत किया और ईश्वर के साथ उनका संबंध गहरा किया।

माउंट कार्मेल की माता मरियम पल्ली की नेट्टी फेर्नांडिस ने कहा कि बाईबिल के दैनिक पाठ के बावजूद शुरू में उन्हें समझने में कठिनाई हुई। लेकिन कोर्स में भाग लेकर स्पष्ट हुआ और मन को उंजियाला मिला। उन्होंने सुझाव दिया कि इसी तरह का कोर्स हरेक पल्ली में आयोजित की जानी चाहिए।

भातपाल पल्ली की जेनेविब फेर्नांडिस ने कहा, “मैं हरेक दिन बाईबिल पढ़ती हूँ ताकि बेहतर महसूस कर सकूँ और नई चीजें सीख सकूँ। लेकिन कुछ भाग को कई बार पढ़ने के बाद भी मेरे लिए समझना मुश्किल था। बाईबिल कोर्स में भाग लेने मुझे बाईबिल के उन भागों को समझने में मदद किया जो मेरे लिए अस्पष्ट थे। मुझे एहसास हुआ कि हरकोई बाईबिल का अलग व्याख्या देता है अपने जीवन और अनुभव पर आधारित।”  

प्रतिभागियों ने कोर्स के संचालन के लए महाधर्मप्रांत के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि इससे न केवल धर्मग्रंथ के बारे में उनकी समझ गहरी हुई बल्कि उनके आध्यात्मिक जीवन और ईश्वर के साथ उनके संबंध भी मजबूत हुए।

 

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04 April 2024, 17:01