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2023.12.01काथलिक विश्वासी करिश्माई नवीनीकरण के 5वें सम्मेलन के लिए दुबई में 2023.12.01काथलिक विश्वासी करिश्माई नवीनीकरण के 5वें सम्मेलन के लिए दुबई में  

संयुक्त अरब अमीरात में काथलिक करिश्माई नवीकरण बैठक चल रही है

ओमान, बहरीन, कुवैत, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के काथलिक विश्वासी करिश्माई नवीनीकरण के 5वें सम्मेलन के लिए दुबई में एकत्र हुए।

वाटिकन न्यूज

दुबई, शनिवार 02 दिसम्बर 2023: दुबई में काथलिक करिश्माई नवीनीकरण के 5वें सम्मेलन के लिए विभिन्न देशों से लगभग 3,000 काथलिक दुबई में हैं। काथलिक करिश्माई नवीकरण अंतर्राष्ट्रीय सेवा (सीएचएआरआईएस) द्वारा आयोजित यह सम्मेलन 1 से 3 दिसंबर तक चलेगी। इसमें ओमान, बहरीन, कुवैत, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के काथलिक भाग ले रहे हैं।

सम्मेलन के आयोजन में दक्षिणी अरब के प्रेरितिक विकार धर्माध्यक्ष पाओलो मार्टिनेली और उत्तरी अरब के के प्रेरितिक विकार धर्माध्यक्ष एल्डो बेरार्डी भी शामिल थे।

"पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ"

लोकधर्मी, परिवार और जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय विभाग के प्रीफेक्ट, कार्डिनल केविन फैरेल ने इस अवसर को चिह्नित करने के लिए एक संदेश भेजा। इसमें, उन्होंने संत पेत्रुस के पहले पत्र के एक उद्धरण पर विचार किया - "पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ!" (1पेत्रुस 1,16) - और चार तरीकों की पहचान की जिसमें ख्रीस्तीय पवित्रता के लिए बुलाया जाते हैं।

उन्होंने कहा, इनमें से पहला ईश्वर की श्रेष्ठता से उत्पन्न होता है। उन्होंने सुझाव दिया, ईश्वर का "बुराई से और हर अपूर्णता से पूर्ण अलगाव", "सबसे ऊपर एक नैतिक उपदेश को रास्ता देता है: 'पवित्र' होने का, दूसरे शब्दों में, पाप से दूर रहना।"

दूसरा, उन्होंने कहा, ईश्वर की पवित्रता का अर्थ न केवल अतिक्रमण है, बल्कि संबंध भी है - ईश्वर "इज़राइल का पवित्र व्यक्ति" है।

कार्डिनल फैरेल ने लिखा, "ईश्वर ने एक महत्वहीन लोगों को चुना और उन्हें पिता और माता के समान प्रेम से देखभाल करने वाला बनाया... यह प्रत्येक व्यक्ति को अपने भाइयों और बहनों के पड़ोसी बनने, एक रिश्ते में प्रवेश करने का एक निमंत्रण है, दूसरों के साथ निकटता, देखभाल और प्रेम का, विशेषकर उनके साथ जो पीड़ित हैं।”

कार्डिनल ने आगे कहा, ईश्वर की पवित्रता का तीसरा पहलू यह है कि यह त्रित्व है। उन्होंने सुझाव दिया कि ईश्वर के त्रित्वमय पवित्रता का अनुकरण करने का अर्थ है, "जीवन के हर पहलू में अपने स्वयं के व्यक्तित्व की पूरी तरह से पुष्टि करते हुए, विविधता में एकता, आत्मा, इरादे और इच्छाओं के पूर्ण सामंजस्य के रहस्य को फिर से जीने का प्रयास करना।"

अंत में, कार्डिनल फैरेल ने कहा कि "पुराने नियम से हमें पता चलता है कि ईश्वर की पवित्रता पापियों के प्रति उनके प्रेम में पूरी तरह से प्रकट होती है: 'मैं अपना क्रोद्ध भड़कने नहीं दूंगा... क्योंकि मैं मनुष्य नहीं, ईश्वर हूँ, मैं तुम्हारे बीच परम पावन प्रभु हूँ।” (होशेआ 11:9)

इस प्रकार, "जैसा कि मैं पवित्र हूँ, वैसे ही पवित्र होने" के उपदेश का अर्थ है कि "हम भी करुणा, क्षमा, मेल-मिलाप के लिए सक्षम बनने के लिए बुलाये गये हैं।"

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02 December 2023, 16:29