शहीद रानी मरिया की फिल्म के गाने ऑस्कर की सूची में शामिल
वाटिकन न्यूज
भारत, शनिवार, 23 दिसंबर 2023 (रेई) : भारत के काथलिकों ने एक शहीद धर्मबहन रानी मरिया की वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित फिल्म के तीन गानों को 2024 में ऑस्कर के लिए सर्वश्रेष्ठ मूल गीत श्रेणी की पात्रता सूची में शामिल किए जाने पर खुशी व्यक्त की है।
ये तीनों गाने “फेस ऑफ द फेसलेस” के हैं जो दक्षिणी भारत के केरल राज्य में स्थित सिरो-मालाबार कलीसिया के फ्राँसिस्कन क्लेरिस्ट धर्मसमाज (एफसीसी) की सदस्य सिस्टर रानी मारिया के जीवन और हत्या पर आधारित है।
19 दिसंबर के बयान में कहा गया है कि "बाराला ट्राइबल सॉन्ग," "एक सपना मेरा सुहाना," और "जलता है सूरज" गाने अल्फोंस जोसेफ द्वारा रचित है।
मलयालम और हिंदी भाषा पर आधारित यह फिल्म पिछले महीने रिलीज हुई, जिसको देखने केरल के सिनेमाघरों में हजारों लोग पहुँचे थे।
बयान में इसके निर्देशक शैसन पी. ओसेफ के हवाले से कहा गया है कि "फिल्म ऑस्कर के लिए भी एक मजबूत प्रतियोगी है।"
फिल्म को स्पानी एवं फ्रेंच में भी डब किया गया है जो विश्वभर में विभिन्न फिल्म उत्सवों में अब तक 30 से अधिक पुरस्कार जीत चुकी है।
शहीद सिस्टर रानी मरियम की छोटी बहन और एफसीसी की सदस्य सिस्टर सेल्मी पॉल ने कहा, "यह जानकर हमारे लिए बहुत खुशी हुई कि सिस्टर रानी मरिया की बायोपिक फिल्म के गाने प्रतिष्ठित ऑस्कर पुरस्कार के प्रतियोगी हैं।"
उन्होंने 21 दिसम्बर को ऊकान समाचार से कहा, “मैं बहुत गर्व महसूस कर रही हूँ चूँकि यह ईश्वर का एक विश्वास आशीर्वाद है।“ "यह भारतीय कलीसिया के मिशन में सिस्टर रानी मारिया के बलिदान और योगदान को उजागर करने का एक शानदार अवसर है।"
केरल में जन्मी सिस्टर रानी मरिया ने 1971 में एफसीसी धर्मसमाज में प्रवेश किया था और 1980 में आजीवन व्रतधारण किया था। 25 फरवरी 1995 को केरल जाने के रास्ते पर मध्य प्रदेश में उन्होंने शहादत प्राप्त किया। सिंह, जो तब 22 साल का था, भयभीत यात्रियों के सामने जिन्होंने उसे रोकने की कोशिश की, बस में ही रानी मरिया की चाकू मार कर हत्या कर दी।
41 वर्षीय धर्मबहन को 54 बार चाकू से वार किया गया और मध्य प्रदेश के इंदौर में सड़क किनारे उनकी मृत्यु हो गई।
सिंह को इस अपराध के लिए दोषी ठहराया गया और जेल में डाल दिया गया। हालाँकि, हत्या की गई धर्मबहन के परिवार ने उसे माफ कर दिया और उसे परिवार के सदस्य के रूप में स्वीकार कर लिया।
2002 में, सिस्टर पॉल ने जेल में सिंह से मुलाकात की और हिंदू त्योहार रक्षाबंधन (सुरक्षा का बंधन) पर उसे भाई मानते हुए उसकी कलाई पर "राखी" बांधी, जिससे उसकी शीघ्र रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ।
सिस्टर पॉल ने कहा, “देश के मौजूदा शत्रुतापूर्ण माहौल में हम मानवीय रूप से एक काथलिक धर्मबहन की शहादत पर एक फिल्म बनाने की कल्पना भी नहीं कर सकते, लेकिन ऐसा हुआ", "यह ईश्वर की प्रत्यक्ष हस्ताक्षेप के अलावा और कुछ नहीं है।"
इंदौर धर्मप्रात के फादर आनन्द चिरायात ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व का समय है।” फिल्म निर्माण टीम के एक सहयोगी, पुरोहित ने कहा, "फिल्म ने एक मिशनरी के संघर्षों को उजागर करने में मदद की है और इसने भारत के उत्तरी हिस्से में काम कर रहे मिशनरियों के खिलाफ नकारात्मक अभियानों को दूर करने में काफी हद तक मदद की है।"
उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसके गानों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा प्रविष्टि भारतीय मिशन जीवन को उजागर करने में मदद करेगी क्योंकि यह फिल्म किसी भी काल्पनिक फिल्म के विपरीत वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित है।"
इंदौर के एक वरिष्ठ धर्मप्रांतीय पुरोहित फादर पैट्रिक जोसेफ, जो धर्मबहन को व्यक्तिगत रूप से जानते थे, कहा, "यह बहुत खुशी की बात है कि फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान मिल रहा है।"
जोसेफ ने 21 दिसंबर को ऊकान समाचार को बताया, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह फिल्म उस कठिनाई को दिखाने में मदद करेगी जिसमें हमारे मिशनरियों ने उस समय सड़क, उचित परिवहन और अन्य सुविधाओं के बिना भी काम किया था।"
वाटिकन ने रानी मरिया को शहीद के रूप में मान्यता दी है और 2017 में उसे धन्य घोषित किया है।
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