खोज

येरूसालेम के लातिनी प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल पियरबत्तिस्ता पित्साबल्ला येरूसालेम के लातिनी प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल पियरबत्तिस्ता पित्साबल्ला  

कार्डिनल पित्साबाला : क्रिसमस हमें युद्ध के बीच मेल-मिलाप का रास्ता खोजने का निमंत्रण देता है

एक क्रिसमस वीडियो संदेश में येरूसालेम के लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष ने ख्रीस्तियों से, ऐसे समय में प्यार, शांति और मेल-मिलाप के क्रिसमस संदेश पर ध्यान देने का आग्रह किया, जब पवित्र भूमि और दुनिया के अन्य हिस्सों में हिंसा और नफरत व्याप्त है।

वाटिकन न्यूज

दुनिया के कई हिस्सों में जब युद्ध से मौतें और तबाही जारी हैं, येरूसालेम के लातिनी प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल पियरबत्तिस्ता पित्साबल्ला ने ख्रीस्तियों से वर्तमान त्रासदियों से परे जाने और प्रेम, शांति और मेल-मिलाप के क्रिसमस संदेश पर ध्यान देने का आह्वान किया है।

क्रिसमस का सही अर्थ आज भी पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है

प्राधिधर्माध्यक्ष ने आज जारी एक क्रिसमस वीडियो संदेश में कहा, ऐसे समय में जब "हिंसा, नफरत, विभाजन और बदले की भावना प्रबल होती दिख रही है" क्रिसमस का सही अर्थ पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

कार्डिनल पित्साबल्ला ने पूर्वी यूरोप में चल रहे युद्ध का उल्लेख किया, लेकिन विशेष रूप से पवित्र भूमि में संघर्ष का, जहां, उन्होंने कहा, "7 अक्टूबर से हम नफरत, नाराजगी, बदला, हिंसा, मौत की खाई में गिर गए हैं जिसने हमें बुरी तरह प्रभावित किया है।" इजरायली समाज और अब फिलिस्तीनियों को प्रभावित करता है।'' प्राधिधर्माध्यक्ष ने विशेष रूप से, गाजा में उभरे मानवीय संकट और वेस्ट बैंक में बेथलेहेम में छोटे ख्रीस्तीय समुदाय द्वारा सहन की गई कठिनाइयों को याद किया।

ईश्वर हमारे पास आते हैं और दूसरों से मिलने के लिए हमारे दिलों को खोलते हैं

इस नाटकीय स्थिति में, उन्होंने कहा, "हर कोई अपने दर्द में चुप है, जबकि इसके बजाय क्रिसमस हमें याद दिलाता है कि ईश्वर हमारे पास आते हैं, खुद को हमारे बीच उपस्थित करते हैं, और दूसरों से मिलने के लिए हमारे दिलों को खोलते हैं।"

कार्डिनल ने टिप्पणी की कि, सभी हिंसा के बावजूद, हमें क्रिसमस संदेश का सही अर्थ नहीं भूलना चाहिए "ईश्वर प्रेम से देहधारी बनते हैं और हमें दुनिया में रहने का एक नया तरीका बताते हैं जो प्रेम से दूसरों के लिए अपना जीवन देना है।"

आइये अपने दर्द से परे नजरें उठायें

उन्होंने कहा, ईश्वर को हाँ कहने का अर्थ है, "बातचीत, मेल-मिलाप, क्षमा, मित्रता के लिए खुलना और दूसरे को स्वयं के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में पहचानना।"

इसलिए, येरूसालेम के लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष ने पवित्र भूमि और दुनिया भर में विश्वासियों से दर्द से ऊपर अपनी नजरें उठाने और "ईश्वर के कार्य को पूर्ण होते देखने" का आह्वान करते हुए संदेश का समापन किया। उन्होंने कहा, “वे वास्तव में इतिहास के, हम में से प्रत्येक के व्यक्तिगत इतिहास और दुनिया के इतिहास के ईश्वर हैं।”

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

21 December 2023, 16:32