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संयुक्त राष्ट्र से राशन प्राप्त करता एक फिलीस्तीनी बच्चा संयुक्त राष्ट्र से राशन प्राप्त करता एक फिलीस्तीनी बच्चा  (AFP or licensors)

विश्व बाल दिवस : युद्ध के बदले बच्चों को चुनें

विश्व बाल दिवस पर हम इस बात पर ध्यान दिये बिना नहीं रह सकते कि किस तरह बच्चे चल रहे संघर्षों में सबसे अधिक कीमत चुका रहे हैं।

वाटिकन न्यूज

20 नवंबर को विश्व बाल दिवस मनाया जाता है, जबकि गाजा पट्टी में इन दिनों भीषण लड़ाई के कारण हजारों फिलिस्तीनी बच्चे मर रहे हैं, घायल हो रहे हैं और विस्थापित होने के लिए मजबूर हैं।

इस बीच, 7 अक्टूबर को जब हमास आतंकवादियों द्वारा अपहरण किए गए लगभग 30 इजरायली बच्चों के परिवारवाले उनकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और उनकी रिहाई का इंतजार कर रहे हैं, सेव द चिल्ड्रेन की यूके शाखा के लिए संघर्ष और मानवीय नीति एवं वकालत के प्रमुख जेम्स डेंसेलो ने वाटिकन रेडियो को बताया कि चल रहे इजरायल-हमास युद्ध में बच्चे सबसे अधिक कीमत चुका रहे हैं, और जो बच रहे हैं वे वर्षों तक हिंसा के निशान झेलते रहेंगे।

जेम्स डेंसेलो ने कहा, "मुझे लगता है कि अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस पर यह समझना महत्वपूर्ण है कि इस संघर्ष का, विशेष रूप से बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ा है, इसका सबसे बड़ा असर सबसे छोटे कंधों पर पड़ा है।"

वे दुनिया के सबसे घनी आबादीवाले हिस्सों में से एक गाजा में दस लाख से अधिक बच्चों की आबादी पर पड़ने वाले प्रभाव का वर्णन एक पिरामिड की तरह करते हैं: "पिरामिड के शीर्ष पर, सबसे बड़ी त्रासदी उन लोगों के लिए आरक्षित है जिन्होंने अपना जीवन खो दिया है।"

यह देखते हुए कि पिछले कुछ हफ्तों में मरनेवालों की संख्या घट रही है, डेंसेलो ने कहा कि गाजा में मलबे के नीचे कम से कम 5,000 बच्चे मारे गए हैं या लापता हैं।

उन्होंने कहा, “इसलिए यह स्पष्ट रूप से बच्चों के लिए कहानी का सबसे दृश्यमान और दुखद हिस्सा है।"

फिर, उन्होंने आगे कहा, पिरामिड में उनके नीचे कहीं बड़ी संख्या उन बच्चों की है जो घायल हो गए हैं।

“और ये अक्सर गंभीर चोटें होती हैं, जीवन बदलनेवाली चोटें, अंगों की क्षति, शरीर की क्रियाशीलता की क्षति, ऐसी चोटें जिनके साथ उन्हें अपना शेष जीवन बिताना होगा यदि वे इस संघर्ष से बच जाते हैं।”

उन्होंने कहा, “और फिर उनके नीचे, उन लोगों की तुलना में बड़ी संख्या है जिन्हें अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जो विस्थापन की स्थिति में रह रहे हैं, "अक्सर ऐसे आश्रयों में जो बच्चों के लिए बिलकुल उपयुक्त नहीं हैं, विशेषकर, छोटे बच्चों के लिए, क्योंकि पेयजल और भोजन बचाना कठिन है।”

और यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उनके नीचे, पूरी बाल आबादी है जो युद्ध से प्रभावित है और जैसे-जैसे वे आगे बढ़ेंगे, इस संघर्ष के निशान और मानसिक प्रभाव अपने साथ ले जाएंगे।

सेव द चिल्ड्रेन विशेषज्ञ ने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि इस संघर्ष से पहले भी, यह अनुमान लगाया गया था कि गाजा में पांच में से चार बच्चों में पहले से ही अवसाद के लक्षण दिख रहे थे।

उन्होंने कहा, "अतः यह एक बहुत ही कमजोर आबादी है जो अब अविश्वसनीय रूप से तीव्र संघर्ष का दौर झेल रहा है," यही कारण है कि हम और कई एजेंसियाँ मानवीय युद्धविराम का आह्वान करने के लिए इतने बेताब हैं।

सहायता प्रदान करने में कठिनाई

इन बच्चों के अधिकार स्पष्ट रूप से युद्धरत पक्षों के लिए प्राथमिकता नहीं हैं, इसलिए यह पूछे जाने पर कि इस स्थिति में मदद के लिए क्या किया जा सकता है, डेंसेलो ने अफसोस जताया कि यह "जरूरत की तुलना में बहुत कम है।"

यह देखते हुए कि अब तक, संयुक्त राष्ट्र पहले ही अपनी टीम के 100 से अधिक सदस्यों को खो चुका है, उन्होंने बताया कि गाजा, सहायता कर्मी बनने के लिए सबसे खतरनाक जगह है।

उन्होंने कहा, "गाजा में जमीन पर हमारी टीम उस तरह से काम करने में सक्षम नहीं है जैसा वे चाहते थे, क्योंकि उनमें से अधिकांश को उनके घरों से मजबूर किया गया है और वे अपनी सुरक्षा और अपने परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।"

डेंसेलो ने गज़ा पट्टी के बंद होने के कारण सहायता अभियान चलाने की असमर्थता को भी रेखांकित किया और इस तथ्य को भी सामने रखा कि जो सहायता पहुंचने में कामयाब होती है, वह सामग्री ले जा रही ट्रकों की संख्या और सामग्री के आधार पर समुद्र में एक बूंद है।"

इसके अलावा, उन्होंने कहा, “आपके पास पानी, निरंतर जल आपूर्ति, ईंधन और बिजली भी काट दी गई है। इसलिए यह बहुत बड़ी पीड़ा का समय है।”

इसके अलावा, उन्होंने गौर किया कि गाजा में भारी बारिश के साथ सर्दी अपने चरम पर है, जिससे जीवन और भी कठिन हो गया है।

समय से पहले जन्मे बच्चों का निष्कासन

डेंसेलो ने कहा, "ऐसे अंधकारमय समय में एक सच्ची बात है कि बड़ी संख्या में समय से पहले जन्मे बच्चे जो शिफा के केंद्रीय अस्पताल में एक नवजात इकाई के माध्यम से जीवित थे, उन्हें सफलतापूर्वक मिस्र ले जाया गया है, जहां उम्मीद है कि उन्हें अधिक सुरक्षित स्थान मिलेंगे। दुर्भाग्य से, ये सभी समय से पहले पैदा हुए बच्चे बच नहीं पाए, और मुझे लगता है कि इससे हम सभी को वास्तव में शर्म आनी चाहिए।”

परिवार एक साथ जीवित रहना या मरना चुन रहे हैं

डेन्सेलो ने कहा कि वे गाजा में सेव द चिल्ड्रन और अन्य टीमों से जो कहानियाँ सुन रहे हैं, वे दिल दहला देने वाली हैं।

उन्होंने बताया, "परिवार इस बारे में बहुत मुश्किल विकल्प चुन रहे हैं कि उन्हें ऐसी जगह पर क्या करना चाहिए जहां बिल्कुल भी सुरक्षा न हो," उन्होंने कहा, "अक्सर आप ऐसी कहानियां सुनते हैं कि परिवार एक साथ रहना पसंद करते हैं ताकि वे एक साथ जी सकें या मर सकें, जो फिर से इस बात का संकेत है कि चीजें कितनी हताश करनेवाली हैं।”

"और निश्चित रूप से," उन्होंने कहा, "हमने अस्पतालों और गार्डों से बड़ी संख्या में बच्चों के बारे में सुना है जो बिना किसी जीवित रिश्तेदार के घायल होकर आ रहे हैं।"

जेम्स डेंसेलो ने कहा कि अन्य मामलों में, उनका संगठन जो काम करेगा वह बाल संरक्षण को लागू करना और यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे अलग-थलग न हों या परिवार और देखभाल करनेवालों से अलग न हों।

लेकिन, उन्होंने कहा, इस क्षेत्र में हिंसा की प्रकृति के कारण ऐसा करना असंभव है।

अपहृत इजरायली बच्चों की रिहाई के लिए आह्वान

डेन्सेलो ने बताया कि दूसरा पहलू जो हमें नहीं भूलना चाहिए, वह है "इजरायली बच्चों का संबंध जिन्हें गाजा में बंधक बनाया गया है, और हम उन्हें तुरंत रिहा करने के लिए कहते हैं।"

“उन्हें रिहा किया जाना चाहिए या उन्हें नहीं लिया जाना चाहिए था। बच्चों का अपहर एक गंभीर अपराध है।”

संघर्ष और मानवीय नीति के प्रमुख ने दक्षिणी इजराइल में कई बच्चों की दुर्दशा को भी याद किया, जिन्हें लड़ाई की प्रकृति के कारण अपने घरों से मजबूर होना पड़ा है।

उन्होंने कहा, "अक्सर इस संघर्ष को बहुत अधिक राजनीतिकरण और बहुत हद तक एक पक्ष चुनने के रूप में देखा जाता है, लेकिन मैं हर किसी से बच्चों को चुनने के लिए कहूँगा।"

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21 November 2023, 16:35