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फिलीस्तीनी नागरिकों के अंतिम संस्कार में भाग लेते लोग फिलीस्तीनी नागरिकों के अंतिम संस्कार में भाग लेते लोग 

वेस्ट बैंक : 'हम इंसान हैं, संख्या नहीं'

जेनिन में रहनेवाले एक ख्रीस्तीय प्रोफेसर वालिद बाशा, वेस्ट बैंक में दूसरे इजरायली आक्रमण की आशंका व्यक्त करते हैं, क्योंकि दो फिलिस्तीनी क्षेत्रों के बड़े हिस्से में हिंसा खतरनाक रूप से बढ़ गई है। वालिद बाशा जो जेनिन के एक फिलीस्तीनी ख्रीस्तीय हैं

वाटिकन न्यूज

वेस्ट बैंक में जेनिन के फिलिस्तीनी ख्रीस्तीय वालिद बाशा, अन-नजाह नेशनल यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर हैं। उन्होंने अपने गृह नगर से वाटिकन न्यूज से बात करते हुए अपने डर के बारे में बताया कि दो फिलिस्तीनी क्षेत्रों के बड़े हिस्से का भी गाजा में आक्रमण जैसी स्थिति हो सकती है।

7 अक्टूबर को हुए घातक हमले के बाद जब से इज़राइल ने हमास पर युद्ध की घोषणा की है, वेस्ट बैंक को हिंसा में भारी वृद्धि का सामना करना पड़ा है, इज़राइली निवासियों ने अपनी बस्तियों का विस्तार किया है और फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण द्वारा प्रशासित सीमा क्षेत्र पर इज़राइल की पहले से ही पकड़ को मजबूत किया है।

साक्षात्कार में, प्रोफेसर बाशा ने मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक अपील जारी की है। फिलिस्तीनी प्राधिकरण के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्ध के केवल पाँच सप्ताह में, वेस्ट बैंक में कम से कम 190 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।

जेनिन में इस्राएल के आक्रमन का डर बढ़ रहा है

वेस्ट बैंक में इजरायली बलों और फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष का केंद्र बिंदु जेनिन में, डर अभूतपूर्व स्तर तक पहुँच रहा है। शहर में, जहाँ सबसे गंभीर और घनी आबादीवाला फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर स्थित है, लगभग 17,000 लोगों को कठिन स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, सिर्फ 9 अक्टूबर को इजरायली बल के साथ संघर्ष में 15 युवाओं की मौत हो गई।

2006 में कुछ इज़राइली बुद्धिजीवियों के साथ मिलकर स्थापित एक सांस्कृतिक संस्था, "फ्रीडम थिएटर" की मौजूदगी के बावजूद, जिसने हमेशा दोनों समुदायों के बीच बातचीत की मांग की है, मेल-मिलाप की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं।

प्रोफेसर बाशा ने कहा, "जैसा कि मैं आपसे बात कर रहा हूँ, हम घर पर बैठे आक्रमण की प्रतीक्षा कर रहे हैं; हम नहीं जानते कि यह कब होगा या कैसे होगा। यह दिन के दौरान या रात में हो सकता है। यह किसी भी समय हो सकता है।" जेनिन में लगभग 20,000 लोग रहते हैं, जिनमें ख्रीस्तीयों की संख्या लगभग 140 है।

उन्होंने कहा, "हमारे गिरजाघर को जला दिया गया था और इसे कभी मरम्मत नहीं किया गया। संघर्ष का सबसे गर्म बिंदु हमारे गिरजाघर के ठीक सामने केंद्रित है।"

युद्ध के कारण होनेवाली पीड़ा और उस क्षेत्र के कई ख्रीस्तियों के पलायन करने के प्रलोभन के बावजूद, प्रोफेसर बाशा अपने गृहनगर में रहना चाहते हैं।

हम पीड़ितों की गिनती करते हैं लेकिन हम संख्या नहीं हैं

प्रोफेसर बाशा को 3 जुलाई 2023 का दिन अच्छी तरह याद है जब इस्राएली सेना ने 2002 के बाद से इस क्षेत्र पर सबसे बड़ा हमला किया था।

"यह सुबह 9:30 बजे हुआ, जब हर कोई स्कूल या काम पर था। लगभग 4,000 छात्र देर रात तक अपना स्कूल छोड़ने में असमर्थ थे। आज पूरा शहर स्नाइपर्स, सैनिकों और टैंकों से घिरा हुआ है। यह भयानक है। हम युद्ध में हैं। यहां एक ही दिन में पंद्रह फ़िलिस्तीनी मारे गए। हम संख्याएँ गिनते हैं,'' प्रोफेसर बाशा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे संख्याएँ नहीं बल्कि इंसान हैं।

“हमने जेनिन में बहुत सारे युवाओं को खो दिया है, जहां सड़कें, बुनियादी ढांचे और यातायात संकेत नष्ट हो गए हैं।'' उन्होंने कहा, ''फिलिस्तीनी आजादी के लिए तरस रहे हैं।''

प्रोफेसर बाशा ने गज़ा के बच्चों और एक ख्रीस्तीय महिला एवं एक फिलीस्तीनी संगीतकार की याद की जो चर्च से वापस लौटने के दौरान मारे गये।

वालिद बाशा ने गाजा में अपने कई सहयोगियों और दोस्तों के बारे में बात की। इनमें रोज़री की धर्मबहनें भी शामिल हैं। दुर्भाग्य से, उनसे संपर्क बहुत कठिन हैं, और उसने तीन सप्ताह से उनसे कुछ नहीं सुना है।

उन्होंने कहा, “वहाँ जो हो रहा है वह भयावाह है। हम एक तबाही को देख रहे हैं। उन हजारों लोगों के बारे सोचिये जिनके लिए सिर्फ एक बाथरूम; बिना पानी के है। हमें हैजा, टाइफाइड, तपेदिक और कोरोना वायरस का डर है। दो दिन पहले, तीन कुत्ते सड़कों पर लाशें खा रहे थे।"

हम आजादी चाहते हैं

इस बीच, शैक्षणिक गतिविधि अनिवार्य रूप से ऑनलाइन जारी है, जिससे सभी छात्र तनाव में हैं।

प्रोफेसर बाशा ने कहा, "मैं अपने लिए बोलता हूँ; इस स्थिति में कोई आराम नहीं है।" उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि गाजा में होनेवाली त्रासदी को दुनिया ने नजरअंदाज कर दिया है।

उन्होंने कहा, “हर कोई देख रहा है लेकिन गज़ा के लोगों की परवाह कोई नहीं करता।”

फिलिस्तीनी प्रोफेसर ने स्पष्ट किया कि वह हत्या करनेवालों के खिलाफ हैं और हमास का समर्थन नहीं करते हैं, बल्कि केवल स्वतंत्रता और सम्मान की आकांक्षा रखते हैं और एक इंसान की तरह महसूस करने में सक्षम होना चाहते हैं। “आप कल्पना नहीं कर सकते कि चलने-फिरने की आज़ादी न होने का क्या मतलब है। यह एक आपदा है।"

 

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16 November 2023, 16:44