एशियाई कलीसिया ने संचार मिशन को नवीनीकृत करने के लिए 'धर्माध्यक्षीय बैठक' आयोजित की
वाटिकन न्यूज
बैंकॉक, सोमवार 27 नवम्बर 2023 : आधुनिक मीडिया के सभी माध्यमों से सुसमाचार को प्रभावी ढंग से और साहसपूर्वक संप्रेषित करने के कलीसिया के मिशन में आगे बढ़ने के लिए एशिया भर से धर्माध्यक्ष, पुरोहित और लोकधर्मी बैंकॉक में एकत्र हुए।
20-24 नवंबर को 28वीं वार्षिक एफएबीसी-ओएससी 'धर्माध्यक्षीय बैठक' के लिए थाईलैंड की राजधानी के डॉन बॉस्को होम में लगभग 30 प्रतिनिधि मिले।
वाटिकन संचार विभाग के प्रीफेक्ट डॉ. पावलो रुफ़िनी और विभाग के धर्मशास्त्रीय-प्रेरितिक विभाग के निदेशक डॉ. नतासा गोवेकर पांच दिवसीय कार्यक्रम में एशियाई कलीसिया के प्रतिनिधियों के साथ शामिल हुए।
यांगून के महाधर्माधअयक्ष और एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ (एफएबीसी) के अध्यक्ष कार्डिनल चार्ल्स बो ने बैंकॉक के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल फ्रांसिस जेवियर क्रिएंगसाक के साथ 'धर्माध्यक्षीय बैठक' में भाग लिया।
मिशनरी शिष्यों के रूप में संबंध बनाना
डॉ. रुफ़िनी ने "सिनॉडल कलीसिया में संचार" विषय पर बात की और स्थानीय कलीसियाओं के साथ पारस्परिक सहयोग में शामिल होने की परमधर्मपीठ की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने याद दिलाया कि सिनॉडल कलीसिया केवल संचार के प्रसारण के बजाय संबंध बनाने के बारे में अधिक है।
डॉ. रुफ़िनी ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा, कि कलीसिया ख्रीस्तीय धर्म प्रचार करने वाले शिष्यों का एक समुदाय है, ख्रीस्तीय डिजिटल युग में मिशनरी बनने के लिए बुलाये गये हैं।
वाटिकन न्यूज़ के साथ साझा किए गए एक साक्षात्कार में डॉ. रफ़िनी ने कहा, "व्यक्तिगत रूप से मिलना और विचारों, चिंताओं और सपनों को साझा करने के लिए समय निकालना हमेशा खूबसूरत होता है।"
उन्होंने व्यक्तिगत मुलाकातों के निर्माण की आशा में कलीसियाई संचारकों को सोशल मीडिया से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया।
डॉ. रुफ़िनी ने कहा, "इन दिनों मैं जो समझ रहा हूँ वह यह है कि एशिया से, पूर्व से, हम एक सबक सीख सकते हैं: पूर्वी संस्कृति जानती है कि कैसे समझना है कि सब कुछ एकजुट है, दिखावे से परे कैसे देखना है।"
डिजिटल क्षेत्र में ख्रीस्तीय संचारक
आयोजन के पहले दिन, एशिया भर से युवा संचारक संचार विभाग द्वारा संचालित एक परियोजना, "डिजिटल दुनिया में विश्वास संचार" के एक ऑनलाइन सत्र के लिए एफएबीसी-ओएससी 'धर्माध्यक्षीय बैठक' में शामिल हुए।
युवा फिलीपींस, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, वियतनाम, भारत, तिमोर-लेस्ते, पाकिस्तान और थाईलैंड से थे। विश्वास संचार परियोजना युवाओं को उनके संबंधित व्यवसायों में आने वाली संचार चुनौतियों के लिए तैयार करने का प्रयास करती है।
परामर्शदाताओं की मदद से, युवा संचारकों को सम्मान, संवाद और मित्रता की संस्कृति में बेहतर संचार करने में मदद करने के लिए अपनी स्वयं की पहचान के बारे में जागरूकता प्राप्त होती है।
डॉ. गोवेकर ने विभाग का 34 पेज का दस्तावेज़, "पूर्ण उपस्थिति की ओर: सोशल मीडिया के साथ जुड़ाव पर एक प्रेरितिक प्रतिबिंब" भी प्रस्तुत किया।
दस्तावेज़, मई 2023 में जारी किया गया, कथलिकों को "डिजिटल दुनिया में ' प्यारे पड़ोसियों' के रूप में रहने का निमंत्रण देता है जो 'डिजिटल राजमार्गों' के साथ हमारी आम यात्रा पर एक-दूसरे के लिए वास्तव में मौजूद और चौकस हैं।"
दया और आनंद के सुसमाचार कहानी सुनाना
मलेशिया में पेनांग के धर्माध्यक्ष और एफएबीसी के सामाजिक संचार कार्यालय के अध्यक्ष कार्डिनल सेबेस्टियन फ्रांसिस ने कहा कि यह कई वर्षों में पहली एफएबीसी-ओएससी व्यक्तिगत बैठक थी।
उन्होंने कहा, "संचार हमारे जीवन का तरीका है, एक-दूसरे से जुड़ने का हमारा तरीका है।" उन्होंने कहा कि एशियाई लोग "मूल रूप से कहानीकार हैं, और हमारे पास बताने के लिए एक कहानी है।"
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा डिजिटल मिशनरी दया और खुशी की सुसमाचार कहानी बताने में सक्षम होंगे।
कार्डिनल फ्रांसिस ने कहा, "विशेष रूप से एशिया में बहुत सारे युवा हैं, जो इस मिशन का हिस्सा बन रहे हैं और इस कहानी का हिस्सा बन रहे हैं और जो आगे बढ़ रहे हैं, यहां तक कि सुसमाचार की इस कहानी को एशिया के साथ साझा करने के लिए, प्रचार करने के लिए भी हमसे आगे बढ़ रहे हैं।"
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