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ढोरी माता मरियम का वार्षिक समारोह ढोरी माता मरियम का वार्षिक समारोह 

ढोरी माता के वार्षिक समारोह पर नोवेना प्रार्थना 20 से शुरू

हजारीबाग धर्मप्रांत के जरनडीह में कोयला खदानों की चमत्कारी ढोरी माता मरियम का वार्षिक समारोह शुक्रवार को झंडोत्तोलन एवं नोवेना के साथ शुरू की गई।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

हजारीबाग, शनिवार, 21 अक्तूबर 2023 (वीएन हिन्दी) : हजारीबाग के धर्माध्यक्ष माननीय आनन्द जोजो ने माता मरियम के सम्मान में झंडोत्तोलन किया तथा मिस्सा बलिदान के द्वारा नोवेना की शुरूआत की। भक्तिपूर्वक रोजरी प्रार्थना करते हुए विश्वासियों ने भारी संख्या में माता मरियम का झंडा लिये हुए नोवेना के पहले दिन में भाग लिया।

नौ दिनों तक आयोजित इस धार्मिक अनुष्ठान में प्रतिदिन संध्या 4 बजे नोविना प्रार्थना एवं मिस्सा बलिदान अर्पित की जायेगी। और नोवेना के अंत में 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजे समारोही मिस्सा बलिदान सम्पन्न किया जाएगा। जिसके मुख्य अनुष्ठाता होंगे हजारीबाग के धर्माध्यक्ष बिशप आनन्द जोजो।

खदानों की माता के आदर में ढोरी माता तीर्थस्थल, खदानों में गरीब मजदूरों के प्रति माता मरियम की चिंता और खासकर, मजदूरों के कल्याण के लिए उनकी शक्तिशाली मध्यस्थता का प्रतीक है।   

ढोरी माता मरियम के वार्षिक समारोह पर नोवेना
ढोरी माता मरियम के वार्षिक समारोह पर नोवेना

माननीय बिशप जोजो ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा, “आज हम ढोरी माता पर्व 2023 का शुभारंम्भ कर रहे हैं और इसके तहत नोवेना प्रार्थना भी शुरू कर रहे हैं। ढोरी माता के नाम पर हम झंडोत्तोलन कर रहे हैं। हम प्रार्थना करें कि ढोरी माता की ख्याती और उनके द्वारा आशीर्वाद ...दूर-दूर तक पहुँचे। जो लोग माता मरियम के नाम पर यहाँ आयेंगे उन्हें उनके पुत्र येसु का आशीर्वाद मिले। उनके मन, दिल और हृदय का परिवर्तन हो। वे बेहतर मानव बन सकें। और साथ ही साथ, इस क्षेत्र में जितने भी लोग हैं, दीन, दुःखी और गरीब तबके के लोग, जो कई प्रकार के दुःखों और पीड़ा में हैं सबों को माता मरियम शरण दे। उनका दुःख सुने और सबों को आराम दे, उनके दुःखों को हटा दे और उनका जीवन सुन्दर, पवित्र और समृद्ध बन जाए। हम पूरे देश के लिए भी प्रार्थना करते हैं कि हम सब के सब मित्र भाव से एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की महानता को बरकरार रखते हुए इस देश को हम उन्नति के शिखर की ओर ले चलें।”

ढोरी की माता, ढोरी के कोयला खदान में पायी गयीं, इसलिए उसे यह नाम दिया गया है। मानव मुक्ति में उनका स्थान अपरिवर्तनीय है। कोयला क्षेत्र में नौ दिनों का उत्सव एक बड़ी घटना है।  

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21 October 2023, 17:14