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कोच्चि में एक प्रार्थना सभा के दौरान 3 विस्फोटों में 2 लोगों की मौत के बाद जांच जारी है कोच्चि में एक प्रार्थना सभा के दौरान 3 विस्फोटों में 2 लोगों की मौत के बाद जांच जारी है  (ANSA)

केरल में प्रार्थना सभा के दौरान विस्फोट की कलीसिया ने की निंदा

सिरो-मालाबार कलीसिया ने यहोवा की प्रार्थना सभा के दौरान विस्फोटों की एक श्रृंखला पर दुःख और चिंता व्यक्त की है, जिसमें 29 अक्टूबर को केरल में दो लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।

वाटिकन न्यूज

भारत, मंगलवार, 31 अक्टूबर 2023 (मैर्टर्स इंडिया): केरल स्थित कलीसिया के मीडिया आयोग ने कहा कि यह घटना "अत्यधिक निंदनीय" है क्योंकि इससे दर्द और सदमा पहुंचा है। मांग की गई है कि संघीय और राज्य एजेंसियों द्वारा निष्पक्ष, ईमानदार और कुशल जांच के माध्यम से दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।

केरल की राजधानी कोच्चि के पास कलामासेरी में ख्रीस्तीय समुदाय के सम्मेलन केंद्र में तीन विस्फोट हुए।

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि विस्फोट एक तात्कालिक विस्फोटक डिवाइस (आईईडी) के कारण हुआ था।

केरल के पुलिस महानिदेशक दरवेश साहेब ने संवाददाताओं को बताया कि जमरा इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में सुबह करीब 9:40 बजे एक विस्फोट हुआ।

उन्होंने कहा, "हम पता लगाएंगे कि इसके पीछे कौन है और कड़ी कार्रवाई करेंगे... प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि यह एक आईईडी [इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस] विस्फोट था।"

केरल की स्वास्थ्यमंत्री वीना जॉर्ज के मुताबिक, छह लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है। उन्होंने छुट्टी पर गए सभी स्वास्थ्यकर्मियों को तुरंत लौटने का आदेश दिया है और स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशकों को विस्फोट में घायल हुए लोगों को हरसंभव बेहतर उपचार प्रदान करने का निर्देश दिया है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि घटना गंभीर है और जांच चल रही है।

विस्फोट के तुरंत बाद फिल्माए गए और ऑनलाइन पोस्ट किए गए वीडियो में इमारत के अंदर आग की लपटें दिखाई दे रही हैं और बचावकर्मी लोगों की मदद कर रहे हैं। कई जगह लगी आग और डरे हुए लोगों को भी दिखाया गया है।

डोमिनिक मार्टिन नाम के एक व्यक्ति ने विस्फोटों की जिम्मेदारी ली है और कोच्चि से लगभग 85 किलोमीटर उत्तर में त्रिशूर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।

केरल पुलिस ने बाद में पुष्टि की कि मार्टिन ने बम रखे थे। पुलिस को डोमिनिक के फोन पर आईईडी विस्फोट करने के लिए इस्तेमाल किए गए रिमोट कंट्रोल के दृश्य मिले हैं।

मार्टिन, जो यहोवा विटनेस समुदाय का सदस्य था, फेसबुक लाइव पर अपराध और उसके लिए अपनी प्रेरणा कबूल की, जिसे उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने से पहले पोस्ट किया था।

उन्होंने कहा कि ईसाई समुदाय से नफरत को बढ़ावा देनेवाले उनके तरीके को बदलने के कई अनुरोधों के बावजूद, उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसलिए, मैंने सम्मेलन में बम रखने का फैसला किया।

पुलिस ने मार्टिन पर अन्य गंभीर आरोपों के अलावा यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया है।

विस्फोट के बाद कन्वेंशन सेंटर के बाहर सैकड़ों लोगों को देखा गया। कलीसिया के बयान में कहा गया है कि विस्फोट तीन दिवसीय प्रार्थना के दौरान हुए, जिसमें लगभग 2,300 लोग शामिल हुए थे। बयान में बतलाया गया है कि ऐसी घटना केरल में अनसुनी थी और इसने राज्य की पूरी आबादी को झकझोर कर रख दिया है।

आयोग के सचिव फादर एंटनी वडक्केकरा, जो चर्च के प्रवक्ता भी हैं, जारी बयान में कहा, "यह संदेह है कि यह केरल की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को नष्ट करने का एक जानबूझकर और योजनाबद्ध प्रयास है।"

काथलिक कलीसिया ने कहा कि वह उनका दर्द साझा करती है जिन्हें प्रार्थना करते समय अप्रत्याशित हिंसा का सामना करना पड़ा है।

बयान में कहा गया, "यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हमारे समाज में सभी धार्मिक समूहों के लोगों के लिए बिना किसी डर के रहने और प्रार्थना करने के लिए अनुकूल माहौल बनाए।"

कलीसिया ने सरकारी एजेंसियों से जागने और "केरल के सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव के माहौल को नष्ट करनेवाली ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए" कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

2011 की जनगणना के अनुसार, भारत के लगभग 28 मिलियन ख्रीस्तीयों में से लगभग 60,000 यहोवा विटनेस (साक्षी) के अनुयायी हैं।

नॉनट्रिनिटेरियन सहस्राब्दी पुनर्स्थापनवादी ईसाई समुदाय ने 2022 में बताया कि दुनिया भर में इसके लगभग 8.5 मिलियन सदस्य ख्रीस्तीय धर्म प्रचार में शामिल हैं। यह अमेरिका वारविक, न्यूयॉर्क, में बुजुर्गों के एक समूह द्वारा निर्देशित है, जिसे यहोवा विटनेस के शासी निकाय के रूप में जाना जाता है, जो बाइबल की अपनी व्याख्याओं के आधार पर सभी सिद्धांतों को स्थापित करता है।

यह समुदाय 1870 के दशक के अंत में चार्ल्स टेज़ रसेल द्वारा स्थापित बाइबिल छात्र आंदोलन से उभरा। यह दुनिया भर में घर-घर जाकर प्रचार करने की प्रथा के लिए जाना जाता है। यह अहिंसा सिखाता है और राजनीतिक रूप से तटस्थ रहता है, इसके सदस्य वोट देने या सेना में सेवा करने से इनकार करते हैं।

 

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31 October 2023, 16:59