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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर  (ANSA)

ख्रीस्तीय संस्थानों पर खतरा बढ़ रहा है: काथलिक शिक्षक

नई दिल्ली से प्रकाशित साप्ताहिक इंडियन करेंट्स के संपादक फादर सुरेश मैथ्यू का कहना है कि ख्रीस्तीय और उनकी संस्थाओं को देश में हिंदुत्ववादी तत्वों द्वारा फैलाई जा रही नफरत का सामना करना पड़ रहा है।

वाटिकन न्यूज

आगरा, बृहस्पतिवार 14 सितम्बर 2023 (मैटर्स इंडिया) : कैपुचिन फादर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में काथलिक शैक्षणिक संस्थानों के संघ की वार्षिक आमसभा को संबोधित कर रहे थे।

दो उत्तर भारतीय राज्यों के विभिन्न काथलिक शैक्षणिक संस्थानों के 200 से अधिक प्राधानाध्यापकों ने 6-7 सितंबर के कार्यक्रम में भाग लिया, जो इस बात पर जोर देने के लिए आयोजित किया गया था कि काथलिक संस्थानों को समय के संकेतों को कैसे पढ़ना और उनके अनुसार कार्य करना चाहिए।

आगरा के संत पेत्रुस कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में खासकर, उत्तरी भारत में शैक्षणिक संस्थानों पर बढ़ते हमलों पर नजर डाली गयी।

फादर मैथ्यू ने वीडियो प्रस्तुतियों के माध्यम से "जनसंपर्क और संकट प्रबंधन" विषय पर बात करते हुए ख्रीस्तियों द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों के सामने आनेवाले कई संभावित खतरों पर प्रकाश डाला और उन्हें दूर करने के उपाय सुझाए।

उन्होंने हर स्कूल में जनसंपर्क अधिकारियों की आवश्यकता पर बल दिया ताकि जब भी संस्थान को हिंदुत्व ताकतों से समस्याओं का सामना करना पड़े वे स्थिति से निपट सकें। फादर ने कहा, "पीआरओ को तथ्य इकट्ठा करना चाहिए, स्थिति का आकलन करना चाहिए और मीडिया को पेश करने के लिए उचित जानकारी तैयार करनी चाहिए।"

फादर मैथ्यू ने कहा कि कई अवसरों पर, संस्थाओं की अजीब आदतों के कारण समस्याएँ पैदा होती हैं और उन्होंने संस्था प्रमुखों से पहले अपने घरों को व्यवस्थित करने का आग्रह किया।

इस विचार को साझा करते हुए मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस आयुक्त केशव चौधरी ने कहा कि बच्चों को सिखाया जाना चाहिए कि समाज में अन्याय का मुकाबला कैसे करें और बेजुबानों की आवाज कैसे बनें।

पुलिस अधिकारी ने सुझाव दिया कि “बच्चे अपने सांस्कृतिक इतिहास, मूल और उन कार्यक्रमों से अवगत हों, जो उनके देश, समाज, परिवार इत्यादि को आकार देता है।”

कार्मेलाइट फादर सनी जोसेफ ने परिवर्तनकारी नेतृत्व पर बात की और बताया कि कैसे प्रधानाध्यापक और शिक्षक बौद्धिक उत्तेजना, प्रेरक प्रेरणा, व्यक्तिगत विचार और आदर्श प्रभाव के माध्यम से शिक्षा में बदलाव ला सकते हैं।

उन्होंने कहा कि किसी संस्थान के सभी मामलों में सफल होने के लिए मूल मूल्यों, मिशन और दृष्टिकोण के साथ-साथ अनुशासित लोग, अनुशासित विचार और अनुशासित कार्रवाई आवश्यक है।

लखनऊ के धर्माध्यक्ष जेराल्ड मैथियास और शिक्षा संघ के अध्यक्ष ने नेल्सन मंडेला को उद्धृत करते हुए कहा, "शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं।" उनका मानना था कि शिक्षकों को पुलों का निर्माता होना चाहिए और छात्रों को बेहतर इंसान बनाना चाहिए और इस प्रकार समाज को बदलने और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने में योगदान देना चाहिए।

आगरा के महाधर्माध्यक्ष राफी मंजली ने कहा कि महाधर्मप्रांत को बैठक की मेजबानी करने में खुशी हुई, उन्होंने कहा कि ईसाई संस्थानों से निकलने वाले छात्रों को सेवा और नेतृत्व की भावना से संपन्न निष्ठावान व्यक्ति बनना चाहिए।

 

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14 September 2023, 16:33