पवित्र बालक कार्यक्रम : बेतलेहेम के बच्चों और परिवारों की सेवा
सिस्टर नाओमी जिम्मेरमन्न, एफएसए
हॉली चाईल्ड या पवित्र बालक कार्यक्रम शैक्षणिक और मनोवैज्ञानिक रूप से एक विशिष्ठ उपचार केंद्र है जो बेतलेहेम के निकट, गड़ेरियों के नगर बेत सहौर में स्थित है जहाँ स्वर्गदूतों ने गड़ेरियों को मुक्तिदाता (बालक येसु) के जन्म का संदेश दिया था।
जरूरत का जवाब
1995 में यूखरिस्त की फ्रांसिसकन धर्मबहनों द्वारा स्थापित पवित्र बालक कार्यक्रम बेतलेहेम के आसपास एकमात्र केंद्र है जो गंभीर व्यवहारिक और भावनात्मक समस्याओं के साथ बच्चों की देखभाल करता है।
इसकी शुरुआत उन माता-पिताओं के अनुरोधों के कारण हुई है जिनके बच्चे 1987 में पहले इंतिफादा (विकिपीड़िया के अनुसार - फिलिस्तीनी क्षेत्रों और इजराइल में फिलिस्तीनियों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों और हिंसक दंगों की एक निरंतर श्रृंखला) से मनोवैज्ञानिक संकट से पीड़ित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत चार बच्चों से हुई थी; जिसमें आज 35 बच्चे और उनके परिवार जुड़े हैं। यह वेस्ट बैंक में अतिरिक्त पहुँच कार्यक्रम प्रदान करता है, जिसमें बेथलहम विश्वविद्यालय, नब्लुस में एन नजाह विश्वविद्यालय और बिरजीत विश्वविद्यालय जैसे स्थानीय विश्वविद्यालयों और क्षेत्र में बच्चों और परिवारों की सेवा करनेवाली अन्य एजेंसियों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र होना शामिल है।
चंगाई स्वास्थ्य जीवन की ओर
पवित्र बालक कार्यक्रम के मिशन ने चंगाई के द्वारा हमेशा आशा प्रदान की है। यह उन लोगों के लिए सुरक्षित स्थल है जो भावनात्मक व्यवहार संबंधी समस्याओं को प्रकट करते हैं जिसके परिणामस्वरूप घर, स्कूल और समुदाय में कठिनाइयाँ होती हैं।
हालांकि धीरे-धीरे इस प्रांत में दिव्यांग लोगों के प्रति लोगों का मनोभव बदल रहा है, लेकिन अब भी ये बच्चे समाज से बहिष्कृत रूप में देखे जाते हैं।
जिस तरह संत फ्रांसिस ने कोढ़ी व्यक्ति का चुम्बन किया था, धर्मबहनें इन बच्चों एवं परिवारों को अपना समय, ध्यान एवं स्नेह प्रदान करती हैं ताकि वे चंगे हो सकें।
और न केवल चंगा करने, बल्कि समाज के एकीकृत और उदार सदस्य बनने के लिए भी मदद करती हैं। स्नातक के बाद कम से कम दो वर्षों तक स्नातक छात्रों का मार्गदर्शन और उनका समर्थन किया जाता है।
सफलता दर
पवित्र बालक कार्यक्रम अपने स्नातकों के लिए 96% की उच्च सफलता दर का दावा करता है।
इसका अर्थ है कि जो लोग कार्यक्रम को पूरा कर रहे हैं वे उत्पादक समुदाय पर आधारित कार्यक्रमों में जुड़ते हैं उदाहरण के लिए वे शैक्षणिक या पेशेवर कार्यक्रम में भाग लेते और काम के द्वारा अपने परिवारों की आर्थिक मदद करते हैं एवं अपने स्थानीय समुदाय के सदस्यों का योगदान देते हैं।
रोमन काथलिक कलीसिया की शिक्षा, पवित्र बालक कार्यक्रम को एक ढांचा प्रदान करती है।
विद्यार्थी हर दिन की शुरूआत काथलिक परिवेश में एक साथ प्रार्थना से करते हैं। 2022-2023 के लिए स्कूल में पवित्र बालक कार्यक्रम के विद्यार्थियों की संख्या 59 प्रतिशत ख्रीस्तीयों की और 41 प्रतिशत मुस्लिमों की है।
एक साथ प्रार्थना करने के द्वारा वे एक-दूसरे को समझना और एक-दूसरे की आस्था का सम्मान करना एवं स्थायी मित्रता स्थापित करना सीखते हैं।
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