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पश्चिमी अफ्रीका के आर्थिक समुदाय की बैठक,  नाईजिरिया में तख्तापलट के बाद पश्चिमी अफ्रीका के आर्थिक समुदाय की बैठक, नाईजिरिया में तख्तापलट के बाद  (ANSA)

पश्चिमी अफ्रिका, कलीसियाई नेता सैन्य हस्तक्षेप के विरुद्ध

पश्चिमी अफ्रिका में कार्यरत काथलिक धर्मसमाजों एवं धर्मसंघियों के प्रमुखों तथा टोगो काथलिक धर्माध्यक्षों ने नाइजर में प्रस्तावित सैन्य हस्तक्षेप पर अपना विरोध व्यक्त करते हुए कहा कि तख्तापलट नेताओं को पद से हटाने के सशस्त्र प्रयास सम्पूर्ण देश और क्षेत्र को और अधिक अस्थिर कर देंगे।

वाटिकन सिटी

टोगो, शुक्रवार, 18 अगस्त 2023 (वाटिकन न्यूज़): पश्चिमी अफ्रिका में कार्यरत काथलिक धर्मसमाजों एवं धर्मसंघियों के प्रमुखों तथा टोगो काथलिक धर्माध्यक्षों ने नाइजर में प्रस्तावित सैन्य हस्तक्षेप पर अपना विरोध व्यक्त करते हुए कहा कि तख्तापलट नेताओं को पद से हटाने के सशस्त्र प्रयास सम्पूर्ण देश और क्षेत्र को और अधिक अस्थिर कर देंगे।

बातचीत की ज़रूरत

इस सप्ताह आची अफ्रीकी समाचार एजेंसी के साथ साझा किए गए एक बयान में, पश्चिम अफ्रीका के धर्मसमाजों एवं धर्मसंघों के प्रमुख वरिष्ठों के क्षेत्रीय सम्मेलन (रेकॉम्सवा) के सदस्यों तथा पश्चिम अफ्रीकी राज्यों काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन(रेकोवा-चेराओ) पश्चिम अफ्रीका के आर्थिक समुदाय (एकोवास) से अपील की कि वह संकट से निपटने के लिए बातचीत पर आधारित समाधानों की तलाश करे।

बयान में कहा गया, "हम इस नाजुक मामले में एकोवास और अन्य क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निकायों की ओर से संयम, विवेक और ज़िम्मेदारी के आह्वान में शामिल होते हैं।"

पिछले सप्ताह एक आपातकालीन शिखर सम्मेलन के दौरान, 27 जुलाई को जनरल अब्दौराहमाने त्चियानी के नेतृत्व में सैन्य तख्तापलट के बाद, एकोवास ने "संवैधानिक व्यवस्था को बहाल करने के लिए" "तत्काल सक्रियण" और एक क्षेत्रीय स्टैंडबाय बल की तैनाती का आदेश देने का संकल्प लिया था।

पश्चिम अफ्रीकी नेताओं ने नाइजर के खिलाफ भारी आर्थिक प्रतिबंधों सहित अब तक सहमत सभी उपायों को बरकरार रखते हुए, "संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी विकल्पों को मेज़ पर रखने के दृढ़ संकल्प" पर भी ज़ोर दिया था।

अस्थिरता का ख़तरा बरकरार

पश्चिमी अफ्रिका के धर्माध्यक्षों एवं धर्मसमाज प्रमुखों ने अपनी चिन्ताओं को व्यक्त करते हुए इस तथ्य की पुष्टि की कि सैन्य हस्तक्षेप पूरे क्षेत्र को और अधिक अस्थिर कर देगा, जो 2011 में लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी के शासन के,  नाटो समर्थित पतन के बाद से, लगातार बढ़ती असुरक्षा का अनुभव कर रहा है।

उन्होंने कहा, "हालांकि हम नाइजर में तख्तापलट और सत्ता पर कब्ज़ा करने के लिए बल के इस्तेमाल की निंदा करते हैं, हम संवैधानिक शासन की बहाली के लिये सैन्य बल के इस्तेमाल के भी समान रूप से खिलाफ हैं।" उन्होंने एकावास और अफ्रीकी समुदाय से आग्रह किया के वे अपने सदस्य राज्यों में शासन के मुद्दों पर उसी दृढ़ता के साथ ध्यान केंद्रित करें जिस दृढ़ता से वे नाइजीरियाई स्थिति से निपट रहे हैं ताकि भविष्य में किसी भी तख्तापलट प्रयास को रोका जा सके। विदेशी शक्तियों का भी उन्होंने आह्वान किया कि वे देश के संसाधनों को नियंत्रित करने की दृष्टि से नाइजीरियाई तख्तापलट में हस्तक्षेप करने के किसी भी प्रयास से बचेँ।

लोगों के साथ एकजुटता

नाईजिरिया के लोगों के साथ एकात्मता का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा, “नाइजर और उप-क्षेत्र के लोगों को शांति की आवश्यकता है! संप्रभुता लोगों के हाथों में है और उन्हें अपने ईश्वर प्रदत्त संसाधनों का अंतिम लाभार्थी होना चाहिए। किसी भी हालत में नाइजीरियाई लोगों की दुर्दशा को न बढ़ाया जाये।''

इसी बीच टोगो के काथलिक धर्माध्यक्षों ने संकट के शांतिपूर्ण समाधान तथा सर्वत्र स्वतंत्रता की बहाली के लिया प्रार्थनाओं का आह्वान किया है। राजनीतिक नेताओं से उन्होंने आग्रह किया कि "नाइजर लोगों की संकट की पुकार सुनकर" संकट के समाधान की तलाश में "हर कीमत पर बातचीत और मध्यस्थता के कूटनीतिक मार्ग का समर्थन" करें।

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18 August 2023, 11:58