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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर  (ANSA)

सेव द चिल्ड्रेन ने सहायता राशि प्राप्त करने का परमिट खो दिया

एफसीआरए परमिड देश के सबसे गरीब बच्चों की मदद हेतु गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी स्रोतों से सहायता राशि प्राप्त करने की अनुमति देता था।

वाटिकन न्यूज

भारत, बुधवार, 9 अगस्त 2023 (एशिया न्यूज) : हाल के वर्षों में, कई गैर-सरकारी संगठनों ने यह परमिट खो दिया है। पिछले साल, कुपोषण पर धन जुटाने के अभियान के लिए एक सरकारी मंत्रालय द्वारा सेव द चिल्ड्रेन की आलोचना की गई थी। अब सिस्टर दोरोथी फर्नांडीस पूछती हैं, "बच्चों की देखभाल कौन करेगा?"

ग्रीनपीस, एमनेस्टी इंटरनेशनल और मनुष्य अधिकार देखभाल के बाद, अब सेव द चिल्ड्रन ने, विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत विदेशी फंडिंग प्राप्त करने का अपना परमिट खो दिया है।

1919 में ग्रेटब्रिटेन में स्थापित मानवतावादी संगठन की भारतीय शाखा को बाल रक्षा भारत के नाम से जाना जाता है। 2008 से यह कम से कम 16 भारतीय राज्यों में मौजूद था, वंचित क्षेत्रों में बच्चों को स्वास्थ्य और शैक्षिक सेवाएँ प्रदान कर रहा था।

कुपोषण पर सहायता राशि जमा करने का अभियान, पिछले साल इसकी चपेट में आया। भारत के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जताते हुए दावा किया था कि वह पहले से ही इस क्षेत्र में "जोरदार" रूप से शामिल है।

विदेश से धन प्राप्त करने के लिए एफसीआरए परमिट आवश्यक है। जबकि हाल के वर्षों में, कई गैर सरकारी संगठन अपने परमिट का नवीनीकरण कराने में विफल रहे हैं।

सेव द चिल्ड्रन अब वैध एफसीआरए परमिट वाले संगठनों की सूची में नहीं है; जिसे गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट किया जाता है।

सिस्टर दोरोथी फर्नांडीस ने एशियान्यूज से बात करते हुए कहा, “हम दुःखी और परेशान हैं कि इतने सारे एनजीओ ने अपना एफसीआरए (परमिट) खो दिया है; यह बहुत चिंता का विषय है।"

सिस्टर दोरोथी, जो बिहार के पटना शहर में हाशिए पर जीवनयापन करनेवाले समुदायों के साथ काम करनेवाली एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, कहा कि "यह वास्तव में एक बुरा कदम है।"

सवाल उठता है कि उन बच्चों की देखभाल अब कौन करेगा जिन्हें मदद और सहयोग की जरूरत है। क्यों सरकार, हाशिये पर जीवनयापन करनेवाले लोगों की मदद की आवश्यकता महसूस करनेवाले विभिन्न दलों से, उस समर्थन को क्यों छीन रही है जो उनकी गरिमा की रक्षा करते हैं?"

धन्य कुँवारी मरियम के समर्पण (सिस्टर्स ऑफ द प्रेजेंटेशन ऑफ द ब्लेसेड वर्जिन मेरी) धर्मसमाज की धर्मबहन के लिए "भारतीय नियमों को, उल्लंघनों को सही करने में मदद करनी चाहिए, क्योंकि ऐसी आक्रामक नीतियों से किसी को फायदा नहीं होता। हमें सुविधा देनी चाहिए, न कि बाधा डालना।"

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09 August 2023, 17:06