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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर  (AFP or licensors)

वाटिकन प्रतिनिधि ने भारतीयों से पूछा : ‘क्या आप पोप के साथ हैं’

सिरो-मालाबार कलीसिया में लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद को समाप्त करने के अंतिम प्रयास में महाधर्माध्यक्ष सिरिल वासिल ने मण्डली के सामने घुटने टेके।

वाटिकन न्यूज पत्रकार

भारत, बुधवार, 16 अगस्त 2023 (ऊकान) : भारत में पूर्वी रीति की सिरो-मालाबार कलीसिया में बढ़ते विवाद का समाधान खोजने में मदद करने के लिए नियुक्त वाटिकन प्रतिनिधि ने, वहाँ के काथलिकों से कहा कि जो लोग वाटिकन-अनुमोदित ख्रीस्तयाग की धर्मविधि को अस्वीकार करते हैं वे प्रभावी रूप से काथलिक कलीसिया को अस्वीकार करते हैं।

स्लोवाकिया के महाधर्माध्यक्ष सिरिल वासिल, जिन्हें एर्नाकुलम-अंगामली महाधर्मप्रांत में पोप का प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है, 15 अगस्त को दक्षिणी भारत के कोच्चि में एक सामूहिक प्रार्थना के दौरान महाधर्मप्रांत के विश्वासियों और पुरोहितों को संबोधित किया।

विवाद का मूल कारण है महाधर्मप्रांत के पुरोहितों और लोकधर्मियों द्वारा उनकी कलीसिया के सिनॉड द्वारा अनुमोदित धर्मविधि को अस्वीकार करना, जो सिरो-मलाबार कलीसिया में निर्णय लेनेवाला सबसे बड़ा निकाय है।महाधर्माध्यक्ष वासिल ने कहा, "अवैध विरोध और विद्रोह पर ईश्वर का आशीर्वाद कभी नहीं होगा।" और उन्होंने  घुटनी टेककर कलीसिया के कलंक के लिए माफी मांगी।

उन्होंने कहा, “मैं अपने घुटनों पर और व्यक्तिगत रूप से, किसी के द्वारा जिसने इस विद्रोह के लिए किसी वास्तविक या कथित औचित्य का कोई कारण बताया होगा माफी मांगता हूँ।” उसके बाद वे लोगों के सामने घुटने टेके।

महाधर्माध्यक्ष वासिल ने काथलिकों को महाधर्मप्रांत में अवैध रीति से मिस्सा अर्पित किये जाने से दूर रहने हेतु प्रोत्साहित करते हुए कहा, "उसी तरह, अपने घुटनों पर, मैं आपसे हमारे प्रभु और काथलिक कलीसिया के खिलाफ इस पाप में भाग नहीं लेने के लिए भी आग्रह करता हूँ," 'क्या आप पोप के साथ हैं?'

महाधर्माध्यक्ष ने तैयार भाषण को पढ़ते हुए कहा, “आप अपने दिल में उत्तर दें। क्या आप संत पिता के साथ हैं? क्या आप पुरोहित और काथलिक कलीसिया के सदस्य एवं सिरो मलाबार कलीसिया के सदस्य बने रहना चाहते हैं?”

एर्नाकुलम-अंगामली महाधर्मप्रांत के लगभग 400 पुरोहित और कुछ विश्वासी, ख्रीस्तयाग के दौरान, पुरोहित के, विश्वासियों की ओर देखते रहने पर जोर दे रहे हैं। जबकि धर्मसभा-अनुमोदित ख्रीस्तयाग मांग करता है कि वे मिस्सा बलिदान के दौरान यूखरिस्त प्रार्थना के समय वेदी की ओर देखें और इसकी शुरुआत एवं अंतिम भागों में विश्वासियों की ओर देखें।

उन्होंने कहा, "क्या आप पोप के साथ हैं अथवा उनके ख़िलाफ?" "या क्या आप उन उपद्रवियों की आवाज को प्राथमिकता देना चाहते हैं जो आपको पोप, आपके सिरो-मालाबार कलीसिया के वैध पुरोहितों और काथलिक कलीसिया की अवज्ञा की ओर ले जाते हैं?

पारदर्शिता के लिए महाधर्मप्रांत आंदोलन के तहत पुरोहितों एवं लोकधर्मियों का एक मंच, सिनॉड (धर्मसभा) द्वारा अनुमोदित ख्रीस्तयाग धर्मविधि के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रहा है।

वाटिकन प्रतिनिधि ने कहा, “क्या आप अवैध तरीके से ख्रीस्तयाग चढ़ाना जारी रखना चाहते हैं? या क्या आप इसे कलीसिया द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार मनाने के इच्छुक हैं? क्या आप अपने पोप की बात सुनना पसंद करते हैं? या क्या आप झूठी एकजुटता के नाम पर सुनना पसंद करते हैं अथवा क्योंकि आपको कुछ पुरोहितों ने धमकाया है जो आपको काथलिक कलीसिया से वास्तविक अलगाव की ओर ले जा रहे हैं?"

उन्होंने प्रश्न किया, "क्या आप हिंसक प्रदर्शनकारियों के छोटे समूहों से भयभीत हो जाते हैं, जो कुछ अंधेरी ताकतों की योजनाओं को पूरा करते और धर्मसभा के निर्णय के अनुसार ख्रीस्तयाग अर्पित करने में बाधा डालने या यहां तक कि रोकने के लिए आते हैं?"

संत पापा पूरी तरह सचेत हैं

2021 में, धर्माध्यक्षों की धर्मसभा ने ख्रीस्तयाग और उसके सभी नियमों का एक क्रम तैयार किया। वासिल ने कहा, वाटिकन ने इसे "पूरी सिरो-मालाबार कलीसिया में एक समान तरीके" से कार्यान्वित करने की मंजूरी दे दी है।

वासिल ने सिनॉड द्वारा अनुमोदित एक समान मिस्सा अनुष्ठान पद्धति को लागू करने के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए कहा, "यह निर्णय लिया गया है, अनुमोदित किया गया है, और इसलिए वैध है, और इसे आगे अंतहीन चर्चा का विषय नहीं बनाया जा सकता है।"

उन्होंने कहा कि पोप फ्राँसिस को महाधर्मप्रांत में उस धर्मविधि के कार्यान्वयन के खिलाफ आपत्तियों और तर्कों के बारे में "व्यक्तिगत रूप से और विस्तार से जानकारी दी गई है।" उन्होंने महाधर्मप्रांत को अपने अलग धर्मविधि क्रम के अनुसार ख्रीस्तयाग अर्पित करने की अनुमति देने के अनुरोध का भी अध्ययन किया।

वासिल ने कहा, "पोप फ्राँसिस इस बात से पूरी तरह अवगत हैं कि यहां क्या हो रहा है, विशेष रूप से धर्मसभा के निर्णयों के खिलाफ विरोध, और महाधर्मप्रांत द्वारा लोगों के बीच ख्रीस्तयाग अनुष्ठान की छूट देने का अनुरोध।"

हालाँकि, पोप फ्रांसिस ने 2021 में सिरो-मालाबार कलीसिया को पत्र लिखकर ख्रीस्तयाग समारोह मनाने के "समान तरीके को शीघ्र लागू करने" के लिए कहा था।

2022 में उन्होंने पुरोहितों, धर्मसमाजियों और लोकधर्मियों को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें समान मिस्सा-पद्धति के "शीघ्र कार्यान्वयन के लिए अपने अनुरोध को पुनः दोहराया था।

उन्होंने कहा, "इसके बावजूद आपने सावधानीपूर्वक विचार करते हुए अपने विशेष धर्मविधिक अनुष्ठान का पालन करना जारी रखना चुना है।"

वाटिकन प्रतिनिधि ने स्वीकार किया कि वे काथलिकों को "कठिन और पीड़ादायक कदम उठाने के लिए कह रहे हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि मैं आपमें पुरोहितों और लोकधर्मियों का उदाहरण पाऊंगा जो प्रभु की आवाज सुनने, प्रार्थना करने और पोप की सलाह पर भरोसा करने के लिए तैयार हैं।"

उन्होंने कहा कि पोप फ्राँसिस ने उन्हें "उन पुरोहितों और धर्माध्यक्षों को आज्ञाकारिता में वापस लाने के स्पष्ट आदेश के साथ अपने प्रतिनिधि के रूप में भेजा है जो असंतुष्ट रहते हैं, जैसा कि मेरी नियुक्ति के आदेश में पढ़ा जा सकता है।"

प्रतिनिधि ने कहा, "पोप ने इस व्यक्तिगत मिशन को इस उम्मीद से चुना है कि जीवंत आवाज और एक-दूसरे की आंखों में देखने से आखिरकार कोई परिणाम अवश्य मिलेगा।"

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16 August 2023, 16:22